Jharkhand: धनतेरस के दिन हर्ल सिंदरी करेगा नीम कोटेड यूरिया के उत्पादन का ट्रायल
हर्ल प्रोजेक्ट के सिंदरी प्लांट से धनतेरस के दिन नीम कोटेड यूरिया का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. इस प्लांट के शुरू हो जाने के साथ ही झारखंड, बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में किसानों को नीमलेपित यूरिया के उपयोग में सहायता मिलेगी.
अजय उपाध्याय, सिंदरी
Dhanbad News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट हर्ल के सिंदरी यूनिट में नीमलेपित यूरिया का ट्रायल उत्पादन धनतेरस के दिन यानी 22 अक्टूबर को करने की प्लानिंग की गई है. इसकी विस्तृत जानकारी हर्ल प्लानिंग अधिकारी अखिलेश कुमार तिवारी ने दी. इस खबर से सिंदरी सहित पूरे धनबाद जिला में धनतेरस के दिन दोहरी खुशी की लहर दौड़ जाएगी.
कठिनाइयां हुई दूर, अब होगा उत्पादन
हर्ल कंपनी के प्लानिंग अधिकारी अखिलेश कुमार तिवारी ने बताया कि हर्ल बरौनी में 19 अक्टूबर को नीमलेपित यूरिया का उत्पादन शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही सिंदरी प्रोजेक्ट में कुछ कठिनाईयां आ रही थी. जिसे दूर कर लिया गया है. अब इस प्लांट से उत्पादन की तैयारी की जा रही है. उत्पादन शुरू होने के साथ ही झारखंड, बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में किसानों को नीमलेपित यूरिया के उपयोग में सहायता मिलेगी.
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साल 2002 में बंद हुआ था एफसीआईएल सिंदरी
बताते चलें कि एफसीआईएल सिंदरी के वर्ष 2002 में बंद होने के बाद से सिंदरी जिले सहित कई आसपास के जिलों में सन्नाटा पसर गया था. विगत 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलियापुर हवाई पट्टी से नये खाद कारखाना हर्ल सिन्दरी प्रोजेक्ट का आनलाईन उद्घाटन किया था.
तीन कंपनियों का संयुक्त उपक्रम है हर्ल सिंदरी
बता दें कि एनटीपीसी, कोल इंडिया लिमिटेड, आइओसीएल व एफसीआईएल द्वारा संयुक्त उपक्रम हर्ल प्रोजेक्ट को झारखंड के सिंदरी, बिहार के बरौनी व यूपी के गोरखपुर ईकाइयों का पुनरुद्धार के रूप में स्थापित किया गया है. गैस आधारित इन कारखानों से लगभग प्रतिदिन 2250 मीट्रिक टन अमोनिया और 3850 टन यूरिया का व्यवसायिक उत्पादन होगा. प्रत्येक उर्वरक संयंत्र की क्षमता 1.27 एमएमटीपीए है.
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