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Jharkhand: धनबाद में मनरेगा का ऑनलाइन मस्टर रोल जनरेशन शुरू,ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगा आसान

मनरेगा के लक्ष्य के अनुसार काम कराने में धनबाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. अब यहां हो रहे कार्यों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी शत-प्रतिशत हो रही है. नेशनल मोबाइल मॉनिटिंग सिस्टम के जरिये वरीय अधिकारी हर योजना पर नजर रख रहे हैं. साथ ही मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का ऑनलाइन मस्टर रोल भी बन रहा है.

संजीव झा

Jharkhand MANREGA News: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत लक्ष्य के अनुसार काम कराने में धनबाद जिला तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. अब यहां पर मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी शत-प्रतिशत हो रही है. नेशनल मोबाइल मॉनिटिंग सिस्टम (एनएमएमएस) के जरिये वरीय अधिकारी हर योजना पर नजर रख रहे हैं. साथ ही मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का ऑनलाइन मस्टर रोल बनाने का काम भी शुरू हुआ है.

20 से अधिक मजदूरों से होने वाले काम की होती है निगरानी

उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह ने बताया कि एनएमएमएस के तहत हर दिन वैसे योजनाओं की निगरानी होती है जहां 20 या इससे अधिक मजदूर काम करते हैं. इसमें काम शुरू करने से पहले संबंधित रोजगार सेवक फोटो अपलोड करते हैं. प्रखंड या जिला के अधिकारी भी पूरे दिन जब चाहें तो एप के जरिये योजना स्थल पर चल रहे काम को देख सकते हैं. आज 58 योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा था. साथ ही योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने के लिए 99.63 फीसदी जॉबकार्डधारियों की भौतिक जांच करायी जा चुकी है. इन जॉबकार्डधारियों में लगभग 94 फीसदी श्रमिकों के जॉब कार्ड को आधार से लिंक किया जा चुका है. ऑनलाइन मस्टर रोल जेनरेट करवा कर शत-फीसदी भुगतान बैंक खाता में ही की जा रही है. धनबाद जिला में डोभा खुदाई सहित अन्य योजना में लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण करा कर धनबाद जिला पूरे राज्य में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.

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ऑनलाइन रिजेक्शन मामले की बीडीओ करते हैं जांच

डीडीसी ने बताया कि आधार से लिंक हो चुके जॉबकार्डधारियों के मजदूरी के भुगतान का कोई मामला अगर रिजेक्ट होता है तो उसकी जांच संबंधित बीडीओ से करायी जा रही है. उसका तुरंत समाधान भी कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना के लाभुकों को मनरेगा के तहत 90 दिनों के मजदूरी देने का प्रावधान है. लेकिन, यह लाभ आवास निर्माण कार्य पूर्ण होने के पहले ही मिल सकता है. पूर्ण होने के बाद नहीं मिल सकता. ऐसे डेढ़ हजार मामलों की जांच चल रही है.

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डुप्लीकेसी रोकने के लिए जियो टैगिंग

श्री सिंह ने बताया कि मनरेगा की योजनाओं के क्रियान्वयन में डुप्लीकेसी रोकने के लिए जियो टैगिंग की जा रही है. लगभग 97 फीसदी योजनाओं की जियो टैगिंग हो चुकी है. बाघमारा एवं तोपचांची प्रखंड के कुछ गांव में जियो टैगिंग में तकनीकी समस्या आ रही है. इसके चलते शत-फीसदी जियो टैगिंग नहीं हो पा रही है.

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