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Jharkhand News: न एक्सपायरी डेट, न मैन्यूफैक्चरिंग डेट, पलाश मार्ट से ऐसे बिक रही हैं खाद्य सामग्रियां

Jharkhand News: खाद्य सामग्री के ऊपर न तो मैन्यूफैक्चरिंग डेट अंकित है और न ही एक्सपायरी डेट या उपयोग की तिथि ही अंकित है़ गढ़वा समाहरणालय के बाहर सरकारी भवन (महिला इंपोरियम) में पलाश मार्ट को एक कार्यालय उपलब्ध कराया गया है.

Jharkhand News: झारखंड के गढ़वा जिले में झारखंड सरकार का अपना ब्रांड पलाश मार्ट उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है़ जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) के माध्यम से संचालित इस प्रतिष्ठान से गढ़वा जिलावासियों को मुख्य रूप से खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जाती है, लेकिन खाद्य सामग्री के ऊपर न तो मैन्यूफैक्चरिंग डेट अंकित है और न ही एक्सपायरी डेट या उपयोग की तिथि ही अंकित है़ आपको बता दें कि गढ़वा जिला समाहरणालय के बाहर सरकारी भवन (महिला इंपोरियम) में पलाश मार्ट को एक कार्यालय सह प्रतिष्ठान उपलब्ध कराया गया है़

मैन्यूफैक्चरिंग डेट या एक्सपायरी डेट नहीं

पलाश मार्ट के इस प्रतिष्ठान से आटा, बेसन, सत्तू, सरसों तेल, विभिन्न प्रकार के पीसे हुये मसाले, विभिन्न प्रकार की दालें, विभिन्न प्रकार के अचार, सेव (झरूआं), दालमोठ सहित अन्य खाद्य सामग्री आदि पैक करके बेची जा रही है़, लेकिन इनमें से एक भी पैकिंग सामग्री में मैन्यूफैक्चरिंग डेट या एक्सपायरी डेट या उपयोग की तिथि अंकित नहीं है़ इस वजह से यह कब बना और कब तक खाने में उपयोग किया जा सकता है, यह स्पष्ट नहीं है़

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छपने के लिये दिये हैं स्टीकर

बिना स्टीकर के खाद्य सामग्री बेचे जाने पर प्रतिष्ठान की संचालिका सह जेएसएलपीएस कल्याणपुर क्लस्टर की सीएलएफ अध्यक्ष विमला देवी ने बताया कि स्टीकर अभी उपलब्ध नहीं है़ इसे छपने के लिये भेजा है़ उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ साल तक कोरोना काल में बंद रहने के बाद दो माह पहले से ही इसे फिर से शुरू किया गया है़

बेची जा रही है एक्सपायरी अरहर दाल

पलाश मार्ट की ओर से जो सामग्री बेची जा रही है, उसमें सिर्फ अरहर दाल के पैकेट पर ही निर्माण तिथि व उपयोग तिथि अंकित की गयी है़ इसकी निर्माण तिथि अगस्त 2021 तथा उपयोग तिथि तीन महीना लिखी हुयी है़, लेकिन इसे सात महीना बाद अभी तक बेचा जा रहा है़

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क्या है पलाश मार्ट

झारखंड सरकार की ओर से ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिये जेएसएलपीएस के सहयोग से सखी महिला मंडल के माध्यम से खाद्य सहित अन्य सामग्री का निर्माण कराया जाता है़ इसे बाजार देने के लिये गढ़वा जिला मुख्यालय सहित भवनाथपुर, मझिआंव, रंका में भी प्रतिष्ठान खोला गया है़ यहां खाद्य सामग्री के अलावा साबून, कपड़े से बने सामान, दर्री, मास्क आदि भी बेची जाती है़ गढ़वा जिला मुख्यालय स्थित प्रतिष्ठान में चिरौंजिया, बीरबंधा, कोरवाडीह आदि गांव की महिलाओं की ओर से खाद्य व अन्य सामग्री पैकिंग कर बेचने के लिये उपलब्ध करायी जा रही है़

खाद्य सामग्री के लिये लाइसेंस आवश्यक

गढ़वा जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी राजा कुमार ने कहा कि किसी भी तरह की खाद्य सामग्री बेचने के लिये उनके कार्यालय से लाइसेंस लेना आवश्यक है, लेकिन पलाश मार्ट की ओर से लाइसेंस नहीं लिया गया है़ किसी भी खाद्य सामग्री में एक्सपायरी तिथि व निर्माण की तिथि का होना अति आवश्यक है़ एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री के इस्तेमाल से लोग कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते है़ं इस गड़बड़ी की वे जांच करेंगे़

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सजा व जुर्माने का प्रावधान

यदि किसी खाद्य सामग्री के पैकेट पर एक्सपायरी डेट अंकित नहीं है. पैकिंग का तरीका असुरक्षित है तथा बैज नंबर व पता भी उल्लेखित नहीं है, तो इसे घोर लापरवाही माना जाता है़ इसका अनुपालन नहीं करनेवाले दुकानदार व कंपनी के खिलाफ तीन से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना एवं सजा का का प्रावधान है.

रिपोर्ट: पीयूष तिवारी

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