Jharkhand Panchayat Chunav: दो जिला परिषद सदस्य, 15 मुखिया,15 पंचायत समिति सदस्य और 189 वार्ड सदस्य के पदों वाली गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड के कुल 16 वार्डों में गांव की सरकार नहीं बन पायेगी. प्रखंड के उक्त सभी 16 वार्डों के लगभग 8000 से ज्यादा आबादी अपने मौलिक अधिकार से वंचित रह जाएंगे. सूत्रों के अनुसार, 2011 में हुए जनगणना के आधार पर किये गए नई परिसीमन में कई अनियमितता बरती गयी है.
खाली रह गये वार्ड की स्थिति
तिसरी प्रखंड के 16 वार्डों में वार्ड सदस्य के लिए लोगों ने पर्चा नहीं भर पाया और इन्हीं विभिन्न कारणों से प्रखंड के 16 वार्ड खाली रह गये जिसमें अब उन वार्डों के लोग अपने वार्ड सदस्य को चुनने के लिए वोट नहीं दे पाएंगे.
पंचायत : वार्ड संख्या
तिसरी : 16
थानसिंहडीह : 02
मनसाडीह : 12
लोकाई : 07 और 11
बेलवाना : 03, 05, 06 और 13
पलमरुआ : 02, 06 और 07
चंदौरी : 12,
सिंघो : 04
बरवाडीह : 05, 11 और 13
वोट नहीं देने का होने लगा मलाल
यहां से कुछ में आरक्षण और जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाने आदि कारणों से किसी ने वार्ड सदस्य पदों के लिए नामांकन दाखिल नहीं कर पाएं. इसका सबसे ज्यादा असर तिसरी के उप नगरी चंदौरी पंचायत के वार्ड संख्या- 12 में देखा जा रहा है. यहां लगभग 500 की आबादी है और सामान्य पढ़े-लिखे और जागरूक लोग हैं जिन्हें इसका अफसोस है कि वे वार्ड सदस्य के खड़ा नहीं हो पाए या इसके लिए वोट नहीं डाल पायेंगे.
क्या कहते हैं वार्ड संख्या- 12 के वोटर्स
वार्ड संख्या-12 के अजीत कुमार राम ने कहा कि सरकार और प्रशासन की गलती का खामियाजा हम वार्ड के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. पिछली बार चंदौरी वार्ड संख्या- 12 में वार्ड सदस्य के लिए चुनाव हुआ और हमलोग वार्ड सदस्य को वोट देकर चुनने का काम किए. उस बार जब यह वार्ड सामान्य था, तो अब कैसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया, जबकि यहां एक ही घर अनुसूचित जाति का है. प्रशासन की मनमानी और निश्चित रूप से स्थानीय राजनीति के कारण अब वार्ड संख्या 12 से कोई वार्ड सदस्य नहीं होगा.
कैसे बनेगी गांव की सरकार
वहीं, प्रीति देवी ने कहा कि इस बार यदि यह सीट आरक्षित नहीं होती, तो निश्चित तौर पर वार्ड सदस्य के मैदान में रहती, लेकिन यहां एक ही घर अनुसूचित जाति का है और वह भी जाति प्रमाण पत्र नहीं बना पाये और यह वार्ड सदस्य का सीट खाली रह गया. इसके स्थानीय प्रशासन ही जिम्मेदार हैं. कोई भी पद खाली नहीं होना चाहिए था, लेकिन चंदौरी के वार्ड संख्या- 12 के शिक्षित लोगों का वार्ड सदस्य नहीं होना अफसोस की बात है. ऐसे में कैसे गांवों की सरकार बनेगी.
प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा यहां के लोग भुगत रहे
तिसरी से विधायक प्रतिनिधि राजेश कुमार ने कहा कि प्रखंड के 16 वार्ड में विभिन्न कारणों से वार्ड सदस्यों के पद पर नामांकन नहीं होना निश्चित रूप से प्रशासन की लापरवाही है. चंदौरी के वार्ड संख्या- 12 में भी वार्ड सदस्य के लिए इसलिए पर्चा नहीं भरा गया, क्योंकि यहां एक ही घर अनुसूचित जाति का है और उसका भी खतियान नहीं है, जिस कारण उनकी जाति प्रमाणपत्र नहीं बन पाया और यह पद खाली रह गया. इसके लिए जिसने यहां का परिसीमन कर यह तय किया कि इस सीट को आरक्षित रखना है, वे ही सबसे बड़े जिम्मेवार हैं. प्रखंड के कुल 6 वार्ड के लोग इन लापरवाह अधिकारियों के कारण अपने मौलिक अधिकार से वंचित रह जाएंगे.
प्रशासन को देना चाहिए जवाब
बुजुर्ग चंद्रावती देवी कहती हैं कि इसके पूर्व हुए दो बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हमलोगों ने वार्ड सदस्यों के लिए वोट डाले थे, लेकिन इसबार यह सीट क्यों खाली रह गया, इसका जवाब तो प्रशासन को ही देना चाहिए और इसके लिए प्रशासन को ही दोषी ठहराया जाना चाहिए. चंदौरी के वार्ड संख्या- 12 में वार्ड सदस्य नहीं होगा, तो वार्ड को कौन देखेगा और हो सकता था कि इसी वार्ड का चुना हुआ सदस्य उप मुखिया भी बन सकता था, लेकिन यह सपना अब स्थानीय प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गई.
रोटेशन विधि से विभिन्न पदों के लिए सीट होता आरक्षित : बीडीओ
इस संबंध में तिसरी बीडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी संतोष कुमार प्रजापति ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में चक्रानुक्रम विधि (Rotation method) से विभिन्न पदों के लिए आरक्षित किया जाता है. इसमें परिसीमन की कोई बात नहीं है. हां, यह जरूर है कि कोई पद खाली नहीं होना चाहिए था, लेकिन यह सब पहले हो चुका था और नियमानुसार चुनाव कराया जा रहा है. इसमें कहीं कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. तिसरी प्रखंड में मुखिया पद के लिए कुल 87 और वार्ड सदस्य के लिए कुल 254 प्रत्याशी चुनाव में भाग लेंगे.
रिपोर्ट : अमरदीप सिन्हा, गिरिडीह.