Jharkhand Panchayat Chunav 2022: राज्य निर्वाचन आयोग ने झारखंड में पंचायत चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशियों द्वारा वाहनों के उपयोग में लाने के लिए संख्या निर्धारित की है. इसके तहत जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार अधिकतम चार वाहनों का उपयोग कर सकते हैं, वहीं पंचायत समिति सदस्य एवं मुखिया के उम्मीदवार अधिकतम दो वाहनों का ही प्रयोग कर सकेंगे. जबकि ग्राम पंचायत सदस्य को एक भी नहीं वाहन चुनाव प्रचार के लिए उपयोग में नहीं ला सकते हैं.
चुनाव प्रचार वाहनों की संख्या निर्धारित
इस पंचायत चुनाव में मुखिया पद के प्रत्याशी अधिकतम दो वाहनों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में कर सकेंगे. वहीं, मतदान के दिन भी वे इतने ही वाहनों का उपयोग कर सकेंगे. इसके अलावा ग्राम पंचायत के सदस्य के प्रत्याशियों को वाहन इस्तेमाल की अनुमति प्रचार के लिए नहीं दी जाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने मई माह में होनेवाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों के प्रत्याशियों द्वारा इस्तेमाल में लाये जानेवाले अधिकतम वाहनों की संख्या तय कर दी है.
वाहनों के उपयोग संबंधी गाइडलाइन
प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति संबंधित निर्वाची पदाधिकारी से अनिवार्य रूप से लेनी होगी. ग्राम पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के सदस्य पद के प्रत्याशी अपने निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी प्रकार के मैकेनाइज्ड वाहन द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए अधिकृत नहीं होंगे और ना ही इस पद के प्रत्याशी मतदान के दिन किसी वाहन का उपयोग कर सकेंगे.
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निर्वाची पदाधिकारी से लेनी होगी अनुमति
वहीं, ग्राम पंचायत के मुखिया पद के प्रत्याशी अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार तथा मतदान के दिन भ्रमण के लिए मात्र दो वाहनों का ही उपयोग कर सकेंगे. इसी तरह, पंचायत समिति के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों के सदस्य पद के प्रत्याशी चुनाव प्रचार तथा मतदान के दिन भ्रमण के लिए मात्र दो वाहनों का ही उपयोग कर सकेंगे. जिला परिषद के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों के सदस्य पद के प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार तथा मतदान के दिन भ्रमण के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में अधिकतम चार वाहनों का उपयोग कर सकेंगे. चुनाव प्रचार में वाहनों के उपयोग के लिए प्रत्याशियों को उस निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी से अनुमति प्राप्त करनी होगी.
प्रत्याशी या उसके एजेंट में एक को ही मिलेगी अनुमति
निर्वाची पदाधिकारी द्वारा प्रत्याशी या उसके निर्वाचन एजेंट में से किसी एक को ही वाहन परमिट दिया जाएगा. इसके अलावा प्रत्याशी के किसी अन्य समर्थक को मतदान के दिन वाहन से भ्रमण करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही सभी प्रत्याशियों को निर्वाची पदाधिकारी द्वारा निर्गत अनुमति आदेश की प्रति वाहन के ऐसे भाग पर अनिवार्य रूप से चिपकानी होगी जो लोगों को आसानी से दिख सके.
निजी वाहनों एवं जरूरी सेवाओं के वाहनों के परिचालन पर नहीं रहेगी रोक
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान के दिन निजी एवं अन्य वाहनों के परिचालन को लेकर भी गाइडलाइन जारी कर दी है. दरअसल, आयोग का मानना है कि मतदान के दिन यातायात से संबंधित सभी तरह के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिए जाने से आम लोगों को काफी परेशानी हो सकती है. इसलिए आयोग ने यह निर्णय लिया है कि निर्वाचन कार्य से भिन्न अन्य कार्यों के लिए मतदान के दिन निजी वाहनों के परिचालन की अनुमति दी जाएगी. वहीं, मतदान केंद्र से 200 मीटर की दूरी के बाहर रहते हुए वाहन मालिक स्वयं अथवा परिवार के सदस्यों को मतदान कराने के लिए वाहन का उपयोग कर सकेंगे. इसके अलावा आवश्यक सेवाओं जैसे एंबुलेंस, मिल्क वैन, वाटर टैंक, विद्युत इमरजेंसी वाहन तथा आरक्षी एवं मतदान पदाधिकारियों के साथ संलग्न वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं रहेगी. पब्लिक ट्रांसपोर्ट बसें जो निर्धारित टर्मिनल एवं रूट पर चलायी जाती है, उनका परिचालन हो सकेगा. टैक्सी, तीन पहिया वाहन, रिक्शा आदि जिनसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हवाई अड्डा, अस्पताल आदि की यात्रा की जा रही हो, पर भी प्रतिबंध नहीं रहेगा.
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किस पद के लिए किस रंग का बैलेट पेपर
पंचायत चुनाव लड़नेवालों के साथ-साथ वोट डालनेवालों के लिए यह जानना भी कम रोचक नहीं है कि चुनाव में बैलेट पेपर का उपयोग होता है और वह भी अलग-अलग रंग का. पिछले सात साल के अंतराल में पहली बार पंचायत चुनाव लड़नेवाले और वोट देनेवाले नौजवानों को यह जानना जरूरी है. चार पदों के लिए प्रत्यक्ष वोटिंग प्रणाली में चार बैलेट पेपर (मत पत्र) का प्रयुक्त होगा.
बैलेट पेपर का रंग : पद
सफेद : ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य के लिए
गुलाबी : मुखिया पद के उम्मीदवार के लिए
हरा : पंचायत समिति के सदस्य के लिए
पिला : जिला परिषद के सदस्य के लिए
रिपोर्ट : रंजीत सिंह, बाघमारा, धनबाद.