Jharkhand News: झारखंड में लाभुकों की गुहार, हुजूर ! हमलोग जिंदा हैं, पेंशन बंद नहीं कीजिए, जांच के आदेश
Jharkhand News : धनबाद में सरकारी पेंशन के 1606 लाभुकों का नाम सूची से हटा दिया गया है. उन्हें मृत या बताये गये पता से अनुपस्थित बता कर सब की पेंशन रोक दी गयी है. जब लाभुकों को राशि मिलनी बंद हुई तो उनलोगों ने इंसाफ की गुहार लगायी. 953 का फिर से पेंशन चालू करने का आदेश दिया गया है.
Jharkhand News : धनबाद (संजीव झा) : झारखंड के धनबाद जिले में सरकारी पेंशन के 1606 लाभुकों का नाम सूची से हटा दिया गया है. उन्हें मृत या बताये गये पता से अनुपस्थित बता कर सब की पेंशन रोक दी गयी है. जब लाभुकों को राशि मिलनी बंद हुई तो उनलोगों ने जिला प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगायी. जिला स्तर से जांच हुई तो पता चला कि अधिकतर लोग जिंदा हैं. इन 1606 लोगों में से 953 का फिर से पेंशन चालू करने का आदेश दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार झरिया अंचल में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 1606 लोगों की सूची जिला मुख्यालय भेज कर पेंशन बंद करने की अनुशंसा की गयी. सभी का अलग-अलग कारण दर्शाया गया. अधिकांश को मृत बताया गया, जबकि कुछ के बारे में लिखा गया कि अब वर्तमान पता स्थल पर नहीं रहते हैं. झरिया अंचल के तत्कालीन सीओ राजेश कुमार की अनुशंसा पर जिला स्तर से सभी की पेंशन बंद कर दी गयी. इन लोगों को सामाजिक सुरक्षा विभाग से इंदिरा गांधी वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, राज्य विधवा पेंशन, स्वामी विवेकानंद नि:शक्तता पेंशन योजना के तहत दिव्यांगों की मिलने वाली पेंशन शामिल है, जबकि कुछ माह तक इन लोगों को पेंशन नहीं मिली तो सभी परेशान हो गये. उस वक्त कोरोना के सक्रिय रहने के कारण लोगों को सही जानकारी भी नहीं मिल पा रही थी. पहले कहा गया कि आवंटन का अभाव है, तो कभी कहा जाता था कि केवाइसी अपडेट नहीं होने के कारण नहीं मिल रहा होगा.
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उच्च स्तरीय जांच में हुआ खुलासा
इस मामले की जांच उपायुक्त संदीप सिंह ने जिला स्तर पर एक टीम गठित कर की. जांच टीम ने पाया कि झरिया अंचल से गलत तरीके से पेंशन बंद करने की अनुशंसा की गयी थी. लोगों के आवेदन के आधार पर एक-एक व्यक्ति के संबंध में जांच चल रही है. 31 अगस्त तक जांच के बाद सौंपी गयी रिपोर्ट में बताया गया कि 1606 लोगों में से 953 व्यक्ति जिंदा हैं. झरिया अंचल कार्यालय से भी ऐसे लाभुकों को फिर से पेंशन देने की अनुशंसा की गयी है. इन सभी लाभुकों को एक लंबे समय से पेंशन मिल रहा था. पेंशन के रूप में सभी को एक-एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलता है. गरीबों के लिए यह बड़ी रकम है. इसके बंद होने से ऐसे लोगों को काफी परेशानी हो रही थी. अभी भी जांच जारी है. झरिया में इतने बड़े पैमाने पर हुए खेल की वजहों की भी जांच हो रही है. कुछ दूसरे अंचलों से भी आ रही शिकायतपेंशन बंद होने की शिकायत झरिया के अलावा जिले के दूसरे अंचलों से भी आ रही है. सामाजिक सुरक्षा विभाग को ऐसी शिकायतों की जांच कराने को कहा गया है. ऐसे अंचलों से भी ब्योरा तलब किया गया है. झरिया के बाद सबसे ज्यादा शिकायतें गोविंदपुर से आ रही है.
बिचौलिये खेल रहे खेल
जानकारी के अनुसार पेंशन बंद करवाने या स्वीकृत करवाने के लिए पूरे जिले में एक गिरोह काम कर रहा है. इसमें हर अंचल में बिचौलिया शामिल हैं. बिचौलिया लाभुकों से कुछ राशि की मांग करते हैं. जो मांग पूरी नहीं करते उसके बारे में गलत फीडबैक दिलवा कर पेंशन को होल्ड करवा दिया जाता है. बहुतों का कटवा भी दिया है. ऐसे गैंग की सेटिंग अंचल एवं जिला स्तर पर भी संबंधित कार्यालयों में रहती है. पहले भी इस तरह की शिकायतें आती रही हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra