Jharkhand Naxal News (शंकर प्रसाद, हजारीबाग) : प्रतिबंधित भाकपा माओवादी उग्रवादी संगठन के दो महिला समेत तीन सक्रिय सदस्यों ने हजारीबाग पुलिस के समक्ष गुरुवार को सरेंडर कर दिया. इनमें एक लाख इनामी नक्सली ऊषा किस्कू उर्फ ऊषा संताली उर्फ फूलमनी, सरिता सोरेन उर्फ ममता संताली और नागेश्वर गंझू है. झारखंड सरकार की सरेंडर एवं पुनर्वास नीति के तहत हजारीबाग डीसी आदित्य कुमार आनंद, एसपी कार्तिक एस, सदर एसडीओ विद्याभूषण प्रसाद व अन्य पदाधिकारियों ने तीनों सरेंडर किये नक्सलियों को बुके व शाॅल ओढ़ा कर सम्मानित किया. इस दौरान इनामी नक्सली ऊषा किस्कू को एक लाख का चेक भी दिया गया.
हजारीबाग डीसी आदित्य कुमार आनंद ने कहा कि एसपी कार्तिक एस के सार्थक पहल का परिणाम है कि आज हजारीबाग, चतरा और बोकारो जिलों में सक्रिय रहे तीन नक्सली मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरेंडर किये हैं. सरेंडर करने वाले तीनों नक्सली साधुवाद के पात्र हैं. ये तीनों युवा हैं जो मुख्यधारा से भटक गये थे. ऊषा और सरिता पढ़ने-लिखने के समय नक्सलियों के बहकावे में आकर संगठन में गयी थी. जब इन्हें एहसास हुआ कि यह गलत रास्ता है, तो सरकार की सरेंडर पालिसी के तहत सरेंडर किया. डीसी ने अन्य बच्चे व युवा वर्ग से ऐसे रास्ते में नहीं जाने की अपील की है.
एसपी कार्तिक एस ने कहा कि वापस आओ लाइफ बनाओ नीति के तहत झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र को नक्सल मुक्त सोसाइटी का निर्माण किया जायेगा. एसपी ने कहा कि सरकार के सरेंडर नीति के तहत घोषित सुविधाएं सरेंडर किये तीनों नक्सलियों को दिया जायेगा. तीनों को व्यवसायिक प्रशिक्षण, 6000 रुपये, आवास निर्माण के लिए जमीन समेत अन्य कई सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी.
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कोबरा बटालियन के कमांडेंट राजीव कुमार ने कहा कि सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर तीनों नक्सलियों ने सरेंडर किया. तीनों नक्सलियों ने सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़े हैं. हजारीबाग पुलिस, CRPF व कोबरा बटालियन के सार्थक पहल का यह परिणाम है. उन्होंने कहा कि एसपी ने वीडियो जारी किया है. इस वीडियो के माध्यम से वापस आओ लाइफ बनाओ का स्लोगन देकर मुख्यधारा से भटके युवक- युवतियों को प्रेरित किया जा रहा है.
नक्सली सरिता उर्फ ममता ने बताया कि इसकी मा बचपन में गुजर गयी. पिता दिन-रात शराब के नशे में रहता था. इसकी देखभाल करनेवाला कोई नहीं था. उसी समय कुछ नक्सलियों ने इसे कई तरह के लालच देकर संगठन में शामिल कर लिया. जब सरिता को पता चला कि मैं मार्ग से भटक गयी हूं, तो सरेंडर करने का निर्णय लिया.
ऊषा किस्कू उर्फ ऊषा संताली पिता चेतो मांझी, सरिता सोरेन उर्फ ममता पिता अर्जुन सोरेन थाना आंगो के हरली धुकरु गांव की रहनेवाली है, जबकि नक्सली नागेश्वर गंझू पिता बनोदि गंझू चतरा सिमरिया थाना क्षेत्र के दुधमतिया गांव के रहने वाला है. तीनों नक्सलियों पर हजारीबाग, चतरा और बोकारो जिलों के कई थाना में नक्सली मामले दर्ज हैं.
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Posted By : Samir Ranjan.