झारखंड में है एक ऐसी नदी, जिसके गर्म जलस्रोत में नहाने से दूर हो जाते हैं चर्म रोग

लोग बताते हैं कि ततहा नदी का पानी औषधीय गुणों से युक्त है और यहां नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं. पोचरा पंचायत के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि अंग्रेज अफसर ततहा नदी आए थे और उन्होंने गर्म पानी देखकर इस क्षेत्र को विकसित करने व यहां शोध कराने का निर्णय लिया था.

By Guru Swarup Mishra | January 2, 2024 5:19 PM

लातेहार: झारखंड का लातेहार प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. यहां के नयनाभिराम दृश्य लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जिनकी स्थानीय स्तर पर ख्याति है. इन्हीं में से एक है ततहा नदी का गर्म जलस्रोत. कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं. नए साल पर पर्यटक यहां जुटते हैं और पिकनिक मनाते हैं. मकर संक्रांति पर काफी भीड़ लगती है. लोग गर्म जलस्रोत में स्नान व दानपुण्य कर चूड़ा-दही खाते हैं. ततहा नदी के पास ही हरही पहाड़ के अलावा कई रमणिक स्थल हैं, जहां सैर-सपाटा किया जा सकता है. आप यहां निजी वाहन से आसानी से पहुंच सकते हैं. दिनभर पिकनिक व सैर-सपाटा कर शाम में वापस जिला मुख्यालय लौट सकते हैं.

नहाने से दूर हो जाते हैं चर्म रोग

लातेहार जिले के सदर प्रखंड की हेठपोचरा पंचायत के जारम गांव में ततहा नदी का गर्म जलस्रोत है. लातेहार जिला मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 10 किमी है, जबकि हेठपोचरा पंचायत मुख्यालय से इसकी दूरी चार किमी है. लोग बताते हैं कि यह पानी औषधीय गुणों से युक्त है. इसमें नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं.

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हरही पहाड़ी के नीचे है ततहा नदी

हरही पहाड़ी के नीचे अवस्थित ततहा नदी में असंख्य जलस्रोत हैं, जहां जमीन से गर्म पानी निकलता है. इस गर्म पानी की धारा दूर तक बहती रहती है. लोग इस गर्म पानी में बैठ कर घंटों नहाते हैं. नए साल पर काफी संख्या में लोग पिकनिक मनाते आते हैं, लेकिन मकर संक्रांति पर काफी भीड़ होती है. लोग गर्म जलस्रोत में स्नान व दानपुण्य कर चूड़ा-दही खाते हैं.

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आज भी विकसित नहीं हो सका ये इलाका

लोग बताते हैं कि ततहा नदी का पानी औषधीय गुणों से युक्त है और यहां नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं. पोचरा पंचायत के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि अंग्रेज अफसर ततहा नदी आए थे और उन्होंने गर्म पानी देखकर इस क्षेत्र को विकसित करने व यहां शोध कराने का निर्णय लिया था, लेकिन इस दौरान भारत को आजादी मिल गयी और यह कार्य शुरू नहीं हो सका. तत्कालीन उपायुक्त कमल किशोर सोन ने भी ततहा नदी व आसपास के क्षेत्रों को विकसित करने की योजना बनायी थी, लेकिन उसे भी मूर्तरूप नहीं दिया जा सका.

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