Jharkhand Road Accident: धनबाद में एक्सिडेंट पर नहीं लग रहा ब्रेक, नौ माह में हुई इतनी मौतें
Jharkhand Road Accident: धनबाद में सड़क हादसे में प्रत्येक वर्ष 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. इस वर्ष अब तक नौ माह में हुए कुल 291 बड़े हादसों में 210 ने अपनी जानें गंवाईं. कुल मिलाकर एक माह में 23 से ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो रही है.
Road Accident in Jharkhand: धनबाद में सड़क हादसे में प्रत्येक वर्ष 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. कभी तेज रफ्तार तो कभी लापरवाही इन हादसों की वजह बनती है. मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के साथ-साथ ओवर स्पीडिंग फाइन बढ़ा देने और ट्रैफिक विभाग के लाख दावों के बाद भी नजारा में कोई खास बदलाव नहीं दिखता. नतीजतन इस वर्ष अब तक नौ माह में हुए कुल 291 बड़े हादसों में 210 ने अपनी जानें गंवाईं. इस तरह सड़क हादसों के कारण न तो अस्पताल जानेवालों में कोई कमी आई है और न ही मौतों पर कोई ब्रेक लगी.
नौ माह में औसतन 23 से ज्यादा मौतें
वर्ष 2022 जनवरी से लेकर सितंबर तक कुल 291 बड़े हादसों में 210 लोग जान गंवा चुके हैं. कुल मिलाकर एक माह में 23 से ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो रही है. इस आंकड़े को छोड़ दिया जाये तो प्रत्येक दिन एक व्यक्ति की मौत हो रही है, क्यूंकि कई हादसों की जानकारी पुलिस या सड़क सुरक्षा विभाग तक नहीं पहुंचती.
अगस्त-सितंबर में सबसे कम हादसे
विभाग के अनुसार जनवरी में 28 हादसे 29 मौत, फरवरी में 29 हादसे 18 मौत, मार्च में 36 हादस 32 मौत, अप्रैल में 31 हादसे 19 मौत, मई में 41 हादसे 32 मौत, जून में 38 हादसे 31 मौत, जुलाई में 36 हादसे 20 मौत, अगस्त में 26 हादसे 14 मौत तथा सितंबर में 26 हादसे 15 मौतें हुई हैं.
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कई कारण हैं मौतों के
यहां घटित सड़क हादसों के कई कारण हैं. कई स्थानों पर ब्लैक स्पॉट हैं, जहां न तो ब्रेकर है और न ही ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था. फलत: आये दिन हादसे होते रहते हैं और घातक घटनाएं देखने को मिलती हैं. इसके अलावा भी कई कारण हैं. शराब पीकर गाड़ी चलाना, कोलियरी क्षेत्र में ओवर लोडेड बड़े वाहन की चपेट में आना, बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना, एनएच व एसएच के किनारे गाड़ी खड़ी करना, ओवरटेक के चक्कर, तेज रफ्तार , बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना, नाबालिग के हाथों में वाहन देने के अलावा अन्य कारण हैं.
पत्नी की मौत, पति व बच्ची इलाजरत
एक नवंबर को गिरिडीह के बिरनी थानांतर्गत भरकट्टा में मायके से छठ का प्रसाद खा कर बाइक से लौटते वक्त तोपचांची थाना क्षेत्र के दयाबांस पहाड़ मोड़ के पास हुए हादसा में एक महिला की मौत हो गयी. एक अनियंत्रित कार ने अपनी चपेट में बाइक सवार राजगंज थाना क्षेत्र के जरमुनई निवासी झंडू विश्वकर्मा को ले लिया. टक्कर इतनी जोरदार थी कि उसकी पत्नी ममता देवी (30) और आठ माह की बच्ची काफी दूर तक फेंका गयीं. पत्नी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. गंभीर रूप से घायल पति व बच्ची को एसएनएमएमसीएच धनबाद से दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया है.
‘हिट एंड रन’ मामले में मुआवजा के नियम
हादसे के बाद चालक गाड़ी के साथ फरार हो जानेवाले ‘हिट ऐंड रन’ मामले में मुआवजे के नियमों को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसी साल बदला है. एक अप्रैल 2022 से लागू इस नियम के तहत, हिट ऐंड रन केस में मौत होने पर परिजन को दो लाख रु बतौर मुआवजा मिलेगा. पहले यह राशि 25 हजार थी. गंभीर रूप से घायल होने पर 12500 की जगह 50000 रुपये का मुआवजा मिलेगा. मुआवजा का फैसला ट्रिब्यूनल ही करता है. मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत सरकार ने दावा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल बनाया है. मुआवजे को निर्धारित करने वाले कारकों में नुकसान के अलावा पीड़ित व्यक्ति की आयु, उसकी आय, जख्मी या मरने वाले व्यक्ति के ऊपर निर्भर लोगों की संख्या, पीड़ित के इलाज पर आने वाला खर्च आदि शामिल हैं.
हाल की कुछ बड़ी घटनाएं
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02 नवंबर : बस्ताकोला में बाइक सवार के धक्के से बेदामी देवी की मौत
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01 नवंबर: तोपचांची के पास कार की ठोकर से ममता देवी की मौत
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30 अक्टूबर : कालूबथान क्षेत्र में रहने वाले उसमान मियां नहाने जा रहे थे. इस दौरान बाइक सवार ने धक्का मार दिया जिससे उनकी मौत हो गयी
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13 अक्टूबर : निरसा कनाईडीह निवासी रामपति हेंब्रम को बाइक सवार ने धक्का मारा, जिससे उनकी मौत हो गयी.
राष्ट्रीय परिदृश्य : देश में हर घंटे 17 मौतें
एनसीआरबी (NCRB) की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार हर घंटे में पूरे भारत में लगभग 17 दुर्घटना मौत की होती हैं. मौत के मामले नंबर एक तथा हादसों की संख्या के मामले में भारत तीसरा देश है. करीब 60 प्रतिशत सड़क हादसे वाहनों की तेज गति के कारण होते हैं. सड़कों की लंबाई में केवल 2.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाले एनएच पर 30 प्रतिशत से अधिक हादसे होते हैं. कम पुलिस कर्मी और सूनसान सड़कों की वजह से कई बार रात को यहां तक कि कई बार दिन में भी धड़ल्ले से ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं. हालांकि इसे कम करने के प्रयास हो रहे हैं. अपराधियों की पहचान के लिए पुलिस को नाइट विजन स्पीड गन से लैस किया गया है.
सड़क हादसे में मुआवजा : कब, कैसे और कब नहीं
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सड़क हादसे में मौत या जख्मी होने पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत मुआवजे का प्रावधान
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जिस जगह हादसा हुआ हो या पीड़ित जहां रहता हो या गाड़ी का मालिक जहां का हो वहां दावा कर सकते हैं
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सरकार ने सड़क हादसों से संबंधित दावों के निपटारे के लिए मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्राइब्यूनल बनाया है
मुआवजा का दावा करने के लिए जरूरी कागजात
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सड़क हादसे को लेकर दर्ज कराई गई प्राथमिकी की प्रति
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मृत्यु की हालत में पंचनामाव पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रति
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मृत्यु प्रमाणपत्र तथा मृतक का आय प्रमाण पत्र
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मृतकों और दावेदारों की पहचान से जुड़े दस्तावेज
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मृतक/जख्मी का जन्म प्रमाण पत्र
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थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी का कवर नोट, अगर कोई हो
रिपोर्ट : नीरज अंबष्ठ, धनबाद