साइंस फिल्म फेस्टिवल : गाड़ी लोहरदगा मेल समेत कई फिल्मों का प्रदर्शन, फिल्म निर्माण के मिले टिप्स
Jharkhand News: साइंस फिल्म फेस्टिवल आयोजन समिति के समन्वयक अरुण राम ने बताया कि फेस्टिवल का आयोजन लोहरदगा के लिए चुनौतियों भरा था. उस चुनौती को हमने स्वीकार किया. परिणामस्वरूप अच्छी और शिक्षाप्रद फिल्में लोहरदगावासियों को देखने को मिल रही हैं.
Jharkhand News: झारखंड के लोहरदगा में साइंस फिल्म फेस्टिवल (Science Film Festival) के दूसरे दिन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ऑडिटोरियम में गाड़ी लोहरदगा मेल समेत कई फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. फिल्म प्रदर्शन के साथ-साथ कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. इसमें डॉक्यूमेंट्री एवं ड्रामा को लेकर फिल्म मेकर प्रबल महतो ने जानकारी दी. इन्होंने डॉक्यूमेंट्री फिल्म एवं शॉर्ट फिक्शन निर्माण की बारीकियों से अवगत कराया. अपने 30 वर्षों के फिल्म निर्माण के अनुभव के आधार पर उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षुओं से फिल्म निर्माण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. उन्होंने कार्यशाला में फिल्म निर्माण से संबंधित बुनियादी जानकारियां उपलब्ध करायीं.
शिक्षा से समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण
मैथन कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर नितिशा खलखो द्वारा समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में शिक्षा की भूमिका पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा में नीतिशा खलखो ने कहा कि झारखंड में शिक्षा के विकास के बिना लोगों के बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण लाना संभव नहीं है. जब यहां के बच्चे शिक्षित होंगे तो निश्चित रूप से समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होगा.
जल अभियान में फिल्मों की भूमिका
फिल्म निर्माता-निर्देशक श्रीराम डाल्टन ने झारखंड में जल स्रोतों को बचाने के जल अभियान में फिल्मों की भूमिका पर अपनी बात रखी. निरंजन कुमार कुजूर द्वारा निर्मित एवं निर्देशित फिल्म पहाड़ा की नायिका सुमित्रा टोप्पो ने अपनी पहली फिल्म से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया. ये लोहरदगा में ही जन्मी और पली-बढ़ी हैं. यहीं से शिक्षा पाई हैं.
प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
साइंस फिल्म फेस्टिवल आयोजन समिति के समन्वयक अरुण राम ने बताया कि फेस्टिवल का आयोजन लोहरदगा के लिए चुनौतियोंभरा था. उस चुनौती को हमने स्वीकार किया. परिणामस्वरूप अच्छी और शिक्षाप्रद फिल्में लोहरदगावासियों को देखने को मिल रही हैं. हम सभी इस अवसर का लाभ लेकर समाज में जाकर वैज्ञानिक सोच को साकार करें. सचिव राहुल कुमार ने कहा कि इस प्रकार की प्रशिक्षण कार्यशाला एवं ज्वलंत मुद्दों पर परिचर्चा के आयोजन का उद्देश्य वैज्ञानिक जागरूकता के संदेश को आम लोगों तक पहुंचाना है.
आज कई फिल्मों का प्रदर्शन
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ऑडिटोरियम में विभिन्न फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. पहले सत्र में निर्देशक आदित्य की क्रो किंग फ्रॉग, डम्प द जुंक, द गनीता स्टोरी, रामानुजम, दिलेर अरूणिमा सिन्हा, गाड़ी लोहरदगा मेल, आई एम नॉट ए बिच, एंट ए टाइनी क्रिएचर, मरकरी इन द मिस्ट, द लास्ट बहुरूपिया, चलती का नाम उष्मा आदि फिल्में दिखाई गईं. दूसरे सत्र में माय एक्सपीरियंस विद साइंस ,पहाड़ा, दिवी दुर्गा, सांझी सोच रेड डाटा बुक, सोंध्यानी, दामोदर सौरो, बुरूगारा आदि फिल्में दिखाई गईं. ऑडिटोरियम में दर्शक काफी संख्या में उपस्थित थे. इस आयोजन को सफल बनाने में सोसायटी के अध्यक्ष डॉ गणेश प्रसाद, संजय बर्मन, सचिव राहुल कुमार, समन्वयक अरुण राम, जगतपाल केसरी, धर्मेंद्र प्रसाद सोनी, आलोक कुमार, जितेंद्र मित्तल, सुदामा साहू, विजय दास, मनीष कुमार, स्नेह कुमार, प्रवीण कुमार, बीके बालाजीनपा, विकास कुमार, डी एन एस आनंद, अली इमाम खान एवं अमरजीत सिंह ने मुख्य भूमिका निभायी.
रिपोर्ट : गोपी कुंवर