झारखंड : धनबाद जेल में दीवार तोड़कर और जमीन खोदकर चला सर्च अभियान
गैंगस्टर अमन सिंह की रविवार को हुई हत्या के बाद से धनबाद मंडल कारा में लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
गैंगस्टर अमन सिंह की रविवार को हुई हत्या के बाद से धनबाद मंडल कारा में लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है. तीसरे दिन मंगलवार को जेल की कुछ दीवारों को तोड़कर और जमीन खोदकर हथियारों व अन्य आपत्तिजनक सामानों की तलाश की गयी. कुछ सामान मिले भी हैं. इस बीच शाम को डीसी वरुण रंजन भी जेल के अंदर गये और मौजूदा स्थिति का आकलन किया. हत्या को लेकर जेल के भीतर कैदियों में अमन सिंह विरोधियों और समर्थकों में तनातनी की सूचना है. शाम को दोनों पक्षों में मारपीट की खबरें आने लगी. लेकिन डीसी ने जेल में किसी तरह की मारपीट से इनकार किया है. दूसरी ओर पुलिस हत्या की साजिश में शामिल रिंकू सिंह और आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू सिंह की तलाश में झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर रही है. छापेमारी में पुलिस की कई टीमों को लगाया गया है.
हत्यारोपी ने कहा-पिस्टल में थी 14 गोलियां, नौ अमन के जिस्म में उतार दी
अमन सिंह की हत्या के आरोपी रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो से सरायढेला में पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. उसे सोमवार को पांच दिनों की रिमांड पर लिया गया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि हत्यारोपी रितेश यादव उर्फ सुंदर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. उसका कहना है कि उसने ही अमन सिंह को एक पिस्टल से नौ गोली मारी है. पिस्टल के मैगजीन में कुल 14 गोलियां थी. जब अमन सिंह अस्पताल वार्ड के बिस्तर पर लेट कर गाना सुन रहा था, तभी वह पिस्टल लेकर उसके पास गया और दनादन गोलियां चलाने लगा. अंत में उसके सिर पर गोली मारी. जब वह पूरी तरह से संतुष्ट हो गया कि अमन सिंह की मौत हो गयी, तब वह वहां से हटा और पिस्टल को जेल परिसर से बाहर बेकारबांध की तरफ फेंक दिया. उसने बताया कि उसके पास दो पिस्टल आयी थी. लेकिन वह यह नहीं बता रहा है कि उसे पिस्टल किसने दी और पिस्टल कैसे आयी. उसने स्वीकार किया कि इस हत्याकांड का साजिशकर्ता आशीष रंजन उर्फ छोटू व रिंकू सिंह है. दोनों ने इस घटना को अंजाम देने के लिए अच्छी खासी राशि देने की बात कही थी.
कई बंदियों ने की मदद
रितेश ने बताया कि वह जेल में कुछ दिन पहले (25 नवंबर) ही आया था. इस लिए सभी बंदियों का नाम नहीं जानता है. लेकिन हत्या के पहले और बाद में कई बंदियों ने उसका सहयोग किया. इसमें कुछ का नाम उसने पुलिस को बताया है.
दोनों पिस्टल व गोली भेजी जायेगी एफएसएल
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक ही पिस्टल से गोली मारी गयी थी, लेकिन बैकअप के लिए दो पिस्टल मंगवाया गयी थी. घटना को अंजाम देने के बाद पिस्टल को फेंक दिया गया जो बाद में जेल के बाहर से बरामद की गयी. दोनों पिस्टल लोडेड है. एक पिस्टल से गोली चलायी गयी है. घटनास्थल से सात खोखा व एक पैलेट बरामद किया गया है. पिस्टल और गोलियों को एफएसएल में जांच के लिए भेजा जायेगा.
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