पूर्वी सिंहभूम के पांच विधानसभा क्षेत्रों के छह गांव बनेंगे स्मार्ट एग्री विलेज, दी जाएंगी ये सुविधाएं
सांसद आदर्श ग्राम की तर्ज पर एग्री स्मार्ट विलेज योजना की शुरुआत राज्य सरकार की ओर से की गयी है. इसका उद्देश्य कृषि के क्षेत्र में गांवों को समृद्ध बनाना है. इसके तहत हर गांव में 10-10 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे.
पूर्वी सिंहभूम जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में एक स्मार्ट एग्री विलेज बनेगा. इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र के विधायक के अलावा सांसद से भी अनुशंसा मांगी गयी थी. विधायकों ने अपनी ओर से गांवों के नामों की अनुशंसा की है. साथ ही सांसद ने अपनी अनुशंसा की है. जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने इसकी अनुशंसा यह कहते हुए नहीं की है कि वह शहरी इलाके में हैं. इस कारण वह इस दायरे में नहीं आते हैं. जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता ने एमजीएम थाना क्षेत्र के गोड़गोड़ा गांव का नाम प्रस्तावित किया है. जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी ने बोड़ाम प्रखंड के पहाड़पुर को चिह्नित किया गया है. घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन की अनुशंसा पर मुसाबनी के देउली गांव, बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती की अनुशंसा पर चाकुलिया के गुड़ाखाकरा और पोटका विधायक संजीव सरदार की अनुशंसा पर खुर्शी गांव का चयन किया गया है. सांसद विद्युत वरण महतो की अनुशंसा पर पटमदा के खेरुआ गांव का चयन किया गया है.
हर गांव में खर्च होंगे दस-दस लाख रुपये
सांसद आदर्श ग्राम की तर्ज पर एग्री स्मार्ट विलेज योजना की शुरुआत झारखंड सरकार की ओर से की गयी है. इसका उद्देश्य कृषि के क्षेत्र में गांवों को समृद्ध बनाना है. इसके तहत हर गांव में 10-10 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. सिंचाई के लिए तालाब खुदवाया जायेगा. वॉल पेंटिंग कर लोगों को जागरूक किया जायेगा. आधुनिक कृषि पद्धति की जानकारी देकर किसानों को तैयार किया जायेगा. इन गांवों में कृषि और कृषि से संबंधित मत्स्य पालन, बिरसा ग्राम योजना, पशुपालन, बागवानी के अलावा मनरेगा से जुड़ी योजनाओं को लागू कराया जायेगा. कृषि विभाग के स्तर से इन्हें गोद लिया जायेगा. किसान कृषि कार्य के दम पर इसे स्वावलंबी बनायेंगे.
स्मार्ट एग्री विलेज में सारी सुविधाएं दी जायेंगी : कृषि पदाधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी ने बताया कि जिले में स्मार्ट एग्री विलेज के प्रावधानों को धरातल पर उतारा जायेगा. इसके जरिये सरकार की योजनाओं को इन गांवों में पहुंचाया जायेगा. इसके तहत मिलने वाली सुविधाओं को किसानों तक पहुंचाने के साथ एक समन्वयक नियुक्त किया जायेगा. यह ग्रामीणों और कृषि पदाधिकारी के बीच समन्वय स्थापित करेगा. विधायक और सांसद की अनुशंसा पर काम शुरू कर दिया गया है.
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