झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कवायद सफल हुई, तो धनबाद राज्य का पहला शहर बन जायेगा, जहां नये उद्योग लगाने की अनुमति नहीं होगी. फिलहाल धनबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है. यहां प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसा प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसके तहत आनेवाले दिनों में यहां किसी को भी नया उद्योग लगाने की अनुमति नहीं मिल पायेगी.
अगर बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर अनुमति मिल जाती है, तो धनबाद में केवल ग्रीन इंडस्ट्री ही स्थापित की जा सकेगी. सबसे खास बात यह कि ग्रीन इंडस्ट्री लगाने के लिए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी.
धनबाद में कोयला खदान के कारण चारों तरफ प्रदूषण है. यहां हवा में कार्बन डाइऑक्साइड(सीओ) की मात्रा ज्यादा है. इस कारण सांस लेने में तकलीफ होती है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को धनबाद के सदर इलाके में सीओ की मात्रा 180 के आसपास रही. इसको सांस संबंधी बीमारी वाले मरीजों के लिए खतरनाक बताया है. रिपोर्ट में गुरुवार का धनबाद का पीएम 2.5 औसतन 138 तथा पीएम-10 औसतन 110 बताया गया है. इसको येलो श्रेणी में रखा गया है. पिछले कई दिनों से बारिश होने के कारण अभी यहां प्रदूषण का मात्रा कम हो गयी है.
केंद्र सरकार ने देश के कई शहरों को प्रदूषण करनेवाला माना है, जिसमें धनबाद भी है. नेशनल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम (एनएएमपी) के तहत धनबाद में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र सरकार विशेष सहायता के तहत हर साल करोड़ों रुपये देती है.
प्रदूषण बोर्ड का ऐसा मानना है कि धनबाद की स्थिति उद्योग लगाने के लायक नहीं है. वहां प्रदूषण काफी ज्यादा है. कंपनियां आसपास के जिलों में उद्योग लगा सकती हैं. इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है.
वाइके दास, सदस्य सचिव,
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड