झारखंड की सुरदा खदान पर संकट! माइनिंग चालान नहीं मिलने से हो सकती है बंद, 600 मजदूर हो जायेंगे बेरोजगार
Jharkhand News : माइनिंग चालान नहीं मिलने के कारण सुरदा खदान पर एक बार फिर बंदी का खतरा है. एचसीएल की सुरदा खदान का संचालन कर रही ठेका कंपनी एमएमपीएल के समक्ष गंभीर संकट है. जानकारी के अनुसार, ठेका कंपनी पिछले पांच माह से उत्पादन बढ़ाने में जुटी है, लेकिन माइनिंग चालान नहीं मिलने से संकट है.
Jharkhand News : माइनिंग चालान नहीं मिलने के कारण सुरदा खदान पर एक बार फिर बंदी का खतरा है. एचसीएल की सुरदा खदान का संचालन कर रही ठेका कंपनी एमएमपीएल के समक्ष गंभीर संकट है. जानकारी के अनुसार, ठेका कंपनी पिछले पांच माह से उत्पादन बढ़ाने में जुटी है, लेकिन माइनिंग चालान नहीं मिलने से संकट है. यदि इस माह के अंत तक माइनिंग चालान नहीं मिलता है और अयस्क का परिवहन शुरू नहीं होता है, तो ठेका कंपनी खदान संचालन पर पुनर्विचार को विवश होगी.
जानकारी के अनुसार, यदि ठेका कंपनी खदान का संचालन रोकती है, तो वर्तमान में कार्यरत करीब 600 मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे. ठेका कंपनी को एचसीएल कब तक माइनिंग चालान उपलब्ध करा पायेगी, इसे लेकर संशय की स्थिति है. अबतक हुए प्रयास का कोई परिणाम नहीं निकला है. राज्य सरकार से लीज विस्तारीकरण मिलने व केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बावजूद माइनिंग चालान अड़चन डाल रहा है.
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ठेका कंपनी एमएमपीएल ने पिछले लगभग पांच माह में सुरदा खदान पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किया है. सुरदा खदान को फिर से खोलने के लिए अब तक 600 मजदूरों को रोजगार दिया है. सुरदा खदान के मजदूरों के बीच प्रतिमाह करीब 1 करोड़ से अधिक राशि वेतन मद में ठेका कंपनी खर्च कर रही है. इसके साथ लोडर, लोको, बैटरी, डंपर समेत करीब 3 करोड़ से अधिक की खनन मशीनरी माइंस के लिए मंगायी गयी है. कई खनन मशीनरी मंगाने का ऑर्डर एमएमपीएल ने दिया है. अबतक खदान में ठेका कंपनी ने केवल निवेश किया है. माइनिंग चालान नहीं मिलने के कारण सुरदा से उत्पादित अयस्क का परिवहन मुसाबनी प्लांट में नहीं हो रहा है. ठेका कंपनी को कंसंट्रेट के बदले रकम की प्राप्ति नहीं हो पायी है.
सुरदा खदान के लिए राज्य सरकार ने 388 हेक्टेयर लीज विस्तारीकरण दिया है. इसमें 65 हेक्टेयर वन भूमि है. माइनिंग चालान के लिए उक्त 65 हेक्टेयर वन भूमि रोड़ा बनी है. नये नियम के अनुसार एचसीएल ने राज्य सरकार के पास 65 हेक्टेयर वन भूमि के लिए नेट प्रेजेंट वैल्यू एनपीबी के रूप में 52 लाख रुपये मार्च माह में जमा कर दिये हैं. इसके बावजूद खनन विभाग में मामला अटका है. खनन विभाग की अड़चन के कारण सुरदा खदान का लीज डीड का निष्पादन का मामला भी अटका है. लीज डीड नहीं को पाने के कारण जिला खनन कार्यालय से माइनिंग चालान नहीं मिल पा रहा है.
एचसीएल प्रबंधन के पदाधिकारी सुरदा खदान का माइनिंग चालान प्राप्त करने के लिए लगातार रांची व जमशेदपुर की दौड़ लगा रहे हैं. अबतक मामला जस का तस है. माइनिंग चालान मिलने में हो रही देरी सुरदा खदान के भविष्य को प्रभावित कर रही है.
Posted By : Guru Swarup Mishra