Jharkhand Tourism: प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने परिवार संग खूंटी के पेरवां घाघ पहुंचे राज्यपाल रमेश बैस
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस परिवार संग खूंटी के पेरवां घाघ फॉल पहुंचे. यहां पहुंच कर इसकी प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद उठाए. इस मौके पर मुखिया ने राज्यपाल और डीसी को पत्ते की टोपी पहनाकर स्वागत किया. वहीं, डीसी ने इस फॉल में में हैंगिंग ब्रिज बनाने की बात की.
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस रविवार को परिवार संग खूंटी के पेरवां घाघ पहुंचे. यहां उन्होंने घूम-घूमकर जलप्रपात एवं आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया. वे पेरवां घाघ की घटाओं को देखकर मंत्रमुग्ध हुए. उन्होंने कहा कि यह जगह बहुत सुंदर है तथा प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है. उन्होंने परिवार संग वोटिंग का भी मजा लिया.
डीसी ने पेरवां घाघ में हैंगिंग ब्रिज बनाने की कही बातइस मौके पर डीसी शशि रंजन ने उन्हें पेरवां घाघ के विकास के लिये किये जाने वाले कार्य योजना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पेरवां घाघ में हैंगिंग ब्रिज बनाने की भी योजना है. वर्तमान में सैलानियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी बताया. इसके अलावा डीसी ने जिले के अन्य पर्यटक स्थल पंचघाघ, उलूंग जलप्रपात, लतरातू डैम आदि के बारे में भी बताया.
इससे पहले वे सुबह खूंटी पहुंचने पर परिसदन भवन में कुछ देर रुके. वहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. वापसी के क्रम में राज्यपाल कालामाटी स्थित बिरसा मृग विहार भी रूके. वहां भी उन्होंने अपने परिवार के साथ आनंद उठाया. बिरसा मृग विहार में हिरणों को देखा.
Also Read: Jharkhand Tourism: प्राकृतिक छटा का दीदार करना है तो खूंटी के पेरवांघाघ फॉल आइये, देखें तस्वीर पर्यटक मित्रों ने सौंपा मांग पत्रइस अवसर पर पेरवां घाघ के पर्यटक मित्रों ने एक मांग पत्र राज्यपाल को सौंपा. उन्होंने तपकारा से पेरवां घाघ तक सड़क बनाने, पेरवां घाघ में मोबाइल टॉवर लगाने, झूला पुल बनाने, सीढ़ी का मरम्मत कराने की मांग की. पर्यटक मित्र जय सिंह, इंद्र सिंह, फूल सिंह आदि ने राज्यपाल को पेरवां घाघ आने के लिये धन्यवाद दिया तथा दोबारा यहां आने का अनुरोध किया.
पत्ते की टोपी पहना मुखिया ने किया स्वागतपेरवां घाघ पहुंचने पर फटका पंचायत की मुखिया पुष्पा गुड़िया तथा तपकारा पंचायत की मुखिया रौशनी गुड़िया ने साखुआ के पत्ते की बनी टोपी पहनाकर राज्यपाल का स्वागत किया. राज्यपाल को पहनाने के लिये दोनों मुखिया ने स्वयं ही टोपी तैयार किया था.