Jharkhand Tourism: प्राकृतिक छटा का दीदार करना है तो खूंटी के पेरवांघाघ फॉल आइये, देखें तस्वीर

क्रिसमस और नये साल में घूमने का सोच रहे हैं, तो खूंटी के पेरवांघाघ आइये. 80 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है. जंगल और पहाड़ियों के बीच घिरा यह फॉल पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है.

By Samir Ranjan | December 21, 2022 5:21 PM
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Jharkhand Tourism: खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड अंतर्गत फटका पंचायत स्थित पेरवांघाघ जलप्रपात की प्राकृतिक छटा का दीदार करने हर साल लाखों सैलानी पहुंचते हैं. 80 फीट की ऊंचाई से गिरता फॉल का पानी लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है. चारों ओर स्थित हरे-भरे जंगल और पहाड़ियां इसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं.

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यहां खाने के लिए पत्तल का कर सकते हैं उपयोग

पेरवांघाघ में थर्मोकोल का प्लेट और गिलास ले जाने की मनाही है. अगर कोई ऐसा करते हैं, तो न्यूनतम पांच रुपये तथा अधिकतम 500 रुपये का जुर्माना रखा गया है. सैलानियों के लिए पत्तल की व्यवस्था की गयी है जिसे मूल्य देकर सैलानियों को खरीदना पड़ेगा. पर्यटक मित्रों द्वारा यहां पर बोटिंग की सुविधा भी सैलानियों के लिए उपलब्ध करायी जाती है.

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सीढ़ी और शौचालय का हुआ है निर्माण

पेरवांघाघ में नीचे की तरफ जाने के लिए सीढ़ी का निर्माण कराया गया है. सैलानियों की सुविधा के लिए शौचालय और सिमेंटेड बेच आदि बनाया गया.

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मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं तारीफ

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पेरवांघाघ की तारीफ कई बार कर चुके हैं. पिछले दिनों वे परिवार संग पिकनिक मानाने यहां पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि यह जगह कश्मीर से भी सुंदर है. इसे विकसित किया जायेगा. सौलनियों की सुविधा के लिए कई निर्माण कार्य यहां पर किये जाएंगे. वॉच टॉवर और हैंगिंग ब्रिज बनाया जायेगा. उन्होंने पेरवां घाघ जाने के रास्ते का चौड़ीकरण करने का भी आश्वासन पर्यटक मित्रों को दिया है.

बरतें सावधानी

पेरवांघाघ आना है तो कई सावधानी आपको बरतनी पड़ेगी. यहां आने वाले सैलानी घुमावदार रास्ते पर वाहन सावधानी से चलाएं. सड़क जर्जर होने के कारण वाहन धीरे चलाएं. रास्ते में कालेट नाला पर पुल संकरा होने के कारण यहां से गुजरते वक्त सावधानी बरतें. फॉल के पास सेल्फी लेने समय भी सावधानी बरतें.

ऐसे पहुंचे

पेरवांघाघ जाने के लिए अपने निजी वाहन से तोरपा से तपकारा होते हुए पहुंचा जा सकता है. तोरपा प्रखंड मुख्यालय से इसकी दूरी 16 किलोमीटर है.

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रिपोर्ट : सतीश शर्मा, तोरपा, खूंटी.

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