झारखंड में उग्रवादियों ने एक बार फिर हमला बोला है. तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादियों ने पत्थर खदान पर हमला किया. खदान में खड़ी दो पोकलेन मशीनों को जला दिया, जबकि वहां मौजूद मुंशी और मजदूरों के साथ मारपीट की. मंगलवार को पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने कहा है कि क्षेत्र की घेराबंदी करके उग्रवादियों की तलाश की जा रही है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. उग्रवादियों ने इस बार झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित चतरा जिले को निशाना बनाया है. जिले के हंटरगंज थाना क्षेत्र के तिलहेत पंचायत के लूटा गांव में एक पत्थर खदान है. इस खदान में सोमवार की रात को टीएसपीसी के उग्रवादियों ने दो पोकलेन मशीनों को आग के हवाले कर दिया. मुंशी अजीत यादव व मजदूरों के साथ मारपीट भी की. पुलिस ने कहा कि लेवी नहीं देने की वजह से उग्रवादियों ने घटना का अंजाम दिया, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है.
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी. सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. घटना से मजदूरों में भय का माहौल हैं. कहा जा रहा है कि टीएसपीसी के हरेंद्र दस्ते ने घटना को अंजाम दिया है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. खबर है कि हजारीबाग निवासी रामलखन मेहता के मां कौलेश्वरी इंटरप्राइजेज स्टोन माइंस पर उग्रवादियों ने हमला किया है. पुलिस ने मजदूरों से घटना की जानकारी लेकर अभियान तेज कर दिया है. घायल मुंशी का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया.
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जानकारी के अनुसार, नौ-दस हथियारबंद उग्रवादी लूटा माइंस पहुंचे और मुंशी और मजदूरों को कब्जे में लेकर मारपीट की. पोकलेन मशीन को जला दिया. चेतावनी दी कि बिना आदेश के काम शुरू किया, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. घटनास्थल पर कई पुलिस पदाधिकारी दल-बल के साथ मौजूद हैं. मालूम हो कि जिले में भाकपा माओवादी व टीएसपीसी उग्रवादी सक्रिय हैं. 15 जनवरी को कुंदा थाना क्षेत्र के अनगड़ा जंगल में करीब एक घंटे तक भाकपा माओवादी के सदस्यों व सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी.
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