Jharkhand updates : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा – बाहर जानेवाले मजदूरों को सरकार से लेनी होगी इजाजत. पढ़ें झारखंड की टॉप 5 खबरें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में प्रवासी मजदूरों के लौटने के बाद दोबारा बाहर जाने पर अब सरकार की अनुमति लेनी होगी. तो वहीं, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने मजदूरों के रोजगार के लिए योजना बनाई है. श्रम विभाग का कहना है कि प्रवासी श्रमिकों में कई हुनरमंद हैं. वे बेहतरीन कारीगर हैं और काम की तलाश कर रहे हैं. सरकार इस पर ठोस रणनीति बना रही है कि कैसे इन श्रमिकों को झारखंड में ही रोजगार मिले. तो वहीं, अंडमान-निकोबार से फ्लाइट से 188 श्रमिक गुरुवार को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे. इनमें रांची, दुमका, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, खूंटी, सिमडेगा सहित अन्य जिलों के श्रमिक शामिल हैं. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव राजीव टोपनो को वाशिंगटन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया है.1996 बैच के आइएएस अधिकारी राजीव टोपनो मूल रूप से रांची के रहनेवाले हैं. उनके माता-पिता चुनवाटोली में रहते है़ं. तो वहीं, ट्रैक्टरों से वसूली करने के आरोपी चैनपुर एसडीओ सत्यप्रकाश झा के खिलाफ उपायुक्त (गुमला) ने जांच का आदेश दिया है. साथ ही एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में प्रवासी मजदूरों के लौटने के बाद दोबारा बाहर जाने पर अब सरकार की अनुमति लेनी होगी. गुरुवार की देर शाम प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर राज्य में प्रवासी मजदूर आये हैं. यह प्रदेश भी बहुत बड़ा मजदूरों के समूह के रूप में उभर कर सामने आया है. सीएम से गुरुवार को सिंहभूम चैंबर अॉफ कॉमर्स के प्रतिनिधि भी मिले थे. उन्होंने लॉकडाउन में ढील देने की मांग की थी. सीएम ने इस पर कहा कि लॉकडाउन धीरे-धीरे खोलने की प्रक्रिया में है. इस दौरान बहुत लोगों को नफा-नुकसान हुआ है. लॉकडाउन में सिर्फ एमएसएमइ ही नहीं, बल्कि सरकार को भी नुकसान हुआ है. सभी चीजों का आकलन किया जा रहा है. किस तरह से अर्थव्यवस्था आगे बढ़े, सरकार इस पर चिंतित है.
झारखंड में पांच लाख के करीब श्रमिक लौट चुके हैं, लगभग पांच लाख श्रमिक और लौटेंगे. यानी करीब 10 लाख प्रवासी झारखंड आयेंगे. इनमें से बड़ी संख्या में श्रमिक झारखंड में ही रहना चाहते हैं. इन श्रमिकों में कई हुनरमंद हैं. वे बेहतरीन कारीगर हैं और काम की तलाश कर रहे हैं. सरकार इस पर ठोस रणनीति बना रही है कि कैसे इन श्रमिकों को झारखंड में ही रोजगार मिले. उनके लिए हर स्तर पर काम की तलाश की जा रही है. ऐसे में श्रम विभाग की चुनौती बढ़ जाती है. श्रम विभाग रोजगार की तैयारी कर रहा है. श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि जितने भी मजदूर लौट रहे हैं. सभी मजदूरों का निबंधन किया जा रहा है. उनका एक डाटा बैंक तैयार हो रहा है. कौन-किस काम में हुनरमंद है, किसे प्रशिक्षण की जरूरत है. जिन्हें प्रशिक्षण की जरूरत है, उन्हें प्रशिक्षण भी दिलाया जायेगा.
पलामू, गढ़वा, खूंटी, सिमडेगा सहित अन्य जिलों के श्रमिक शामिल हैं. सभी वहां रोड व पुल बनानेवाली कंपनी में काम करते थे. एयरपोर्ट पर उतरने के बाद श्रमिकों की जांच की गयी और उन्हें नाश्ते का पैकेट दिया गया. पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर इन मजदूरों को लेने और इनका हाल जानने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे. मंत्री ने कहा कि जब तक राज्य के सभी श्रमिक वापस नहीं लौट जाते हैं, अभियान जारी रहेगा. सरकार इनके लिए यहीं पर काम की व्यवस्था करने के लिए प्रयास कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव राजीव टोपनो को वाशिंगटन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया है. भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा. 1996 बैच के आइएएस अधिकारी राजीव टोपनो मूल रूप से रांची के रहनेवाले हैं. उनके माता-पिता चुनवाटोली में रहते है़ं.
ट्रैक्टरों से वसूली करने के आरोपी चैनपुर एसडीओ सत्यप्रकाश झा के खिलाफ उपायुक्त (गुमला) ने जांच का आदेश दिया है. साथ ही एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उपायुक्त शशिरंजन ने यह कार्रवाई प्रभात खबर में प्रकाशित ‘ तीन गो ट्रैक्टर है तो कम से कम चार हजार देना पड़ेगा ना’ शीर्षक समाचार के आलोक में की है. उपायुक्त ने प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी मनीष कुमार को एसडीओ द्वारा अवैध रूप से पैसा मांगने के मामले में जांच अधिकारी बनाया है.
इस सिलसिले में जारी आदेश में कहा गया है कि प्रभात खबर में एसडीओ चैनपुर द्वारा टैक्टर मालिक से प्रति ट्रैक्टर 1500 रुपये की दर से मांगने की खबर प्रकाशित हुई है. उनके पास (उपायुक्त) इसका ऑडियो क्लिप है. इसमें एसडीओ चैनपुर द्वारा अपना परिचय देते हुए ट्रैक्टर मालिक से पैसा मांगने की बातचीत सुनी जा सकती है. उपायुक्त ने जांच अधिकारी को प्रकाशित खबर और ऑडियो क्लिप के आधार पर 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
Posted by : Pritish Sahay