धरती आबा बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती पर बोले स्पीकर, 19वीं सदी के प्रमुख आदिवासी जननायक थे
भगवान बिरसा मुंडा आदिवासियों को संगठित कर अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन किए. कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ी. कहा कि 3 फरवरी 1900 को चक्रधरपुर में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया. धरती आबा ने अपनी अंतिम सांस 9 जून 1900 को रांची कारागार में ली.
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के बड़वा स्थित आवास में धरती आबा बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर विस अध्यक्ष ने बिरसा के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया. उन्होंने कहा कि हम झारखंडवासियों को गर्व है कि झारखंड राज्य की स्थापना उस महान स्वतंत्रता सेनानी की जयंती पर हुआ, जिसके संघर्ष और समर्पण की गाथा संपूर्ण स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अद्वितीय है. कहा कि बिरसा मुंडा 19वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक थे. उनके नेतृत्व में मुंडा आदिवासियों ने 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं के महान आंदोलन उलगुलान को अंजाम दिया. बिरसा को मुंडा समाज के लोग धरती आबा के रूप में पूजते हैं. उन्होंने मुंडा आदिवासियों को संगठित कर अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन किए. कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ी. कहा कि 3 फरवरी 1900 को चक्रधरपुर में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया. धरती आबा ने अपनी अंतिम सांस 9 जून 1900 को रांची कारागार में ली. मौके पर पूर्व जिला परिषद सदस्य अमिता टुडू, मुखिया प्रमिला मुर्मू, पंसस मनीराम माझी, जनार्दन भंडारी बम भोला सिंह, सुशांत कुंडू, स्वप्न गोरी, श्याम सुंदर मुर्मू, बनवाली मंडल उपस्थित थे.
कुंडहित में मनाया गया झारखंड स्थापना दिवस
झारखंड स्थापना दिवस पर प्रखंड सह अंचल कार्यालय में बिरसा मुंडा की जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर बीडीओ जमाले राजा सहित अन्य ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. वहीं मॉडर्न पब्लिक आवासीय विद्यालय में बिरसा मुंडा के चित्रपट पर माल्यार्पण कर झारखंड स्थापना दिवस मनाया गया. प्रधानाध्यापक भजहरि मंडल ने कहा कि बिरसा मुंडा झारखंड के महानायक थे. देश की आजादी के लिए सभी देशवासियों को संगठित करते हुए अंग्रेजों के विरोध में लड़ाई की थी. कहा कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 ईसवी को उलीहातू में हुआ था. बिरसा मुंडा का देश की आजादी के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है. मौके पर शिक्षक धनंजय मंडल, गोपीनाथ मंडल, सुभाष रजक आदि उपस्थित थे.
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