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Jharkhand Weather News: बेमौसम बारिश से जनजीवन प्रभावित,साहिबगंज में कटनी के बाद खेतों में भींग गयी रबी की फसल

राजमहल के किसानों में कहीं खुशी, तो कहीं गम दिखने को मिल रही है. बेमौसम बारिश से जहां गेहूं, प्याज और लहसून की खेती में लगे किसानों को नुकसान हुआ है, वहीं जूट की खेती को लाभ पहुंचा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2023 2:55 AM

Jharkhand Weather News: साहिबगंज जिले के उधवा प्रखंड में जूट, प्याज और लहसून की बड़े पैमाने पर खेती होती है. यहां उपजाऊ हुए प्याज और लहसुन भारी मात्रा में पड़ोसी देश बांग्लादेश में सप्लाई की जाती है. वहीं, दो दिनों से रुक-रुक हो रही बारिश से जूट समेत आम, लीची, कटहल को काफी लाभ पहुंचा है. जबकि बारिश से गेहूं, प्याज और लहसुन को नुकसान पहुंचा है. कई जगह रबी फसल की कटनी भी नहीं हो पायी है. फसल गिरने से परेशानी बढ़ गयी है. किसान गेहूं की खेती करते हैं. बीते दो दिनों से घने बादलों व गर्जनों के साथ लगातार बारिश हो रही है. इसकी वजह से किसानों में कहीं खुशी तो कहीं गम दिखने को मिल रही है.

प्याज, लहसून और गेहूं की खेती को नुकसान, जूट की खेती को लाभ

दरअसल, प्रखंड क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण प्याज, लहसून और गेहूं की खेती को नुकसान पहुंचा है. वहीं, इस बारिश की वजह से जूट की खेती को काफी फायदा पहुंचा है. हालांकि प्रखंड क्षेत्र में बारिश के साथ ओलावृष्टि नहीं होने के कारण आम, लीची, कटहल समेत कई फलों को लाभ पहुंचा है. प्रखंड क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्याज तथा लहसुन की खेती श्रीधर पंचायत में की जाती है. वहीं, जुट की खेती नहर, नाला तथा नदी के किनारे की जाती है. ताकि जुट की फसल को काफी मात्रा में पानी मिल सके.

बड़ी मात्रा में होती है जूट की खेती

प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी उधवा, पश्चिमी उधवा, पूर्वी तथा पश्चिम उधवा दियारा, उत्तरी सरफराज गंज, राधानगर, पूर्वी प्राणपुर समेत कई पंचायत में बड़े पैमाने पर जुट की खेती की जाती है. इसीलिए खुदवा प्रखंड की जुट की खेती जिलेभर ही नहीं बल्कि भारत के कई हिस्सों में विख्यात है.

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बांग्लादेश में होती है प्याज और लहसुन की सप्लाई

उधवा प्रखंड क्षेत्र में प्याज तथा लहसुन की खेती बड़े पैमाने पर होने के कारण भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश समेत भारत के कई राज्यों में सप्लाई की जाती है. बताया जाता है कि प्याज और लहसुन की बड़ी खेत झारखंड के पड़ोसी राज्य पक्षी मंगल पश्चिम बंगाल के रास्ते होते हुए अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर कर बांग्लादेश को सप्लाई किया जाता है. इससे यहां के किसानों को मुनाफा पहुंचता है.

कहते हैं किसान

किसान अमर ओझा ने कहा किअलगातार हो रही बिना ओलावृष्टि के बारिश होने से जुट, आम, लीची, कटहल समेत अन्य फलों फायदा हुआ है. वहीं, किसान विकास सिकधर ने कहा कि लगातार बीते दोनों से हो रहे बारिश के कारण प्याज व लहसुन की फसल को नुकसान पहुंचा है. साथ ही बताया कि इसी तरह अगर बारिश होती रही तो फसल पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे और किसान के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. किसान सुखलाल राय ने कहा कि प्रखंड क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश वजह से गेहूं की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. अगर इसी तरह बारिश होती रही तो गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जायेगी और किसान पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे.

श्रीधर दियारा पंचायत में बड़े पैमाने पर होती है प्याज और लहसून की खेती

प्रखंड क्षेत्र की श्रीधर दियारा पंचायत में प्याज तथा लहसून की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. साथ ही बेगमगंज, कटहलबाड़ी और पूर्वी प्राणपुर के कई गांव समेत अन्य पंचायत के किसान भी प्याज और लहसुन की खेती कम मात्रा में करते हैं. बात करें तो श्रीधर पंचायत में प्याज और लहसुन की खेती करने के लिए 1106 परिवार कड़ी मेहनत और लगन के साथ करते हैं. एक परिवार पांच बीघा में प्याज और लहसुन की खेती करते हैं. तो आप ही अंदाजा लगा सकते हैं कि 1106 परिवार पांच बीघा जमीन पर खेती करते हैं तो कितना फसल की उपजाऊ होती होगी.

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बारिश से मेले में लाखों का कारोबार प्रभावित

बरहेट प्रखंड क्षेत्र के भूतेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में आयोजित यज्ञ के समापन के बाद छिटपुट बारिश से मेला क्षेत्र में सन्नाटा छाया रहा. वहीं, बारिश के कारण मेले में लाखों के व्यापार पर असर पड़ रहा है. मेले में लगे खिलौने की दुकान, मिठाई की दुकान, इलेक्ट्रॉनिक दुकान, छोटे-छोटे दुकानों के अलावे झूला, ब्रेक डांस, मैजिक शो आदि को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. मेले से प्रतिदिन 200 से अधिक लोगों को रोजगार मिलता था, जिससे परिवार का भरण-पोषण होता था. बताते चलें कि बाजार में पानी की समस्या के कारण काम बंद हो गया था, इसी दौरान ग्यारह दिवसीय यज्ञ सह मेला का शुभारंभ हुआ. बाजार में प्रतिदिन काम करनेवाले मजदूरों में रोजगार की उम्मीद जगी. पर बारिश से मजदूरों को रोजगार के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बारिश से जहां-तहां पानी जमा होने के कारण मेला क्षेत्र कीचड़ में तब्दील हो गया है. वहीं, मेले का लुत्फ उठाने के लिए अपने-अपने घरों से निकलने वाले लोग बारिश के कारण मेला क्षेत्र तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. अगर अगले दिन मौसम साफ नहीं रहा तो व्यापारियों को और भी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

साहिबगंज शहर में हुई 46.8 मिमी बारिश, रबी फसल को नुकसान

साहेबगंज शहर समेत जिले में बीते तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से रबी फसल को काफी नुकसान हुआ है. खेतों में पकी फसल गिर गयी है. सोमवार देर शाम शहर सहित जिला भर में हुई मूसलाधार बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. सदर प्रखंड क्षेत्र में 46.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड दर्ज की गयी है. बारिश होने से मुख्य सड़क कीचड़मय हो गया. जगह जगह गली मुहल्ले में नालियों का पानी सड़क के ऊपर ही बहने लगा. जिससे स्थानीय लोगो को परेशानी हुई. वही मंगलवार को पूरे दिन लुका छिपी का खेल जारी रहा. धूप और बादल का लुकाछिपी होते रहा, जिससे तापमान में गिरावट आई. अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड दर्ज किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी सुबोध कुमार ने बताया कि जिला के बीओ, बीटीएम, एटीएम सहित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सभी पंचायत के गांव में जा जाकर बेमौसम बारिश से हुई फसल की क्षति का आकलन करके रिपोर्ट जल्द से जल्द दें. ताकि विभाग राज्य और केंद्र सरकार को भेजी जा सके.

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