Jharkhand News: अक्टूबर माह मानसून के जाने का समय होता है, लेकिन अब तक रोजाना बारिश होने से हरी सब्जियों समेत दलहन और तेलहन के पैदावार को नुकसान हो रहा है. खेतों में पानी भरे होने एवं मिट्टी गीले होने के कारण आलू समेत कई फसल की बुवाई नहीं हो सकी. इसको लेकर क्षेत्र के किसान राेजाना हो रही बारिश से परेशान हैं.
आलू, टमाटर समेत अन्य सब्जियों की पैदावार प्रभावित
इनदिनों किसान काफी परेशान हैं. नगवां निवासी किसान तुलसी दांगी ने कहा कि बरसात ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. खेतों में लगे टमाटर सड़ गये, तो अबतक आलू, गोभी और रबी फसल नहीं लगा सके हैं. अब तक आलू की पैदावार होने की स्थिति थी, लेकिन अब तक खेतों में बुवाई ही नहीं होने से किसानों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. आलू का बिया (बीज) घर में रखे-रखे अंकुरने लगा है. वहीं, छट्ठू यादव ने कहा कि बारिश से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. रबी, तेलहन अौर दलहन का समय खत्म होने को है. अभी तक आलू भी नहीं लगा सके हैं. खेतों में पानी भरा हुआ है. हर साल 30 क्विंटल आलू का उपज करते थे. उससे होने वाले आमदनी से घरेलू उपयोग की सामग्री खरीदते थे, लेकिन इस साल तो हालत खराब लग रहा है. घर खर्च कहां से लाएंगे इसी बात को लेकर चिंतित हैं.
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किसान धनुकी यादव ने कहा कि हमलोग हरी सब्जियां उपजाने पर विशेष ध्यान देते हैं. लेकिन, इन दिनों खेतों में पानी भरा हुआ है जिससे अबतक आलू, गोभी, बैगन आदि नहीं लगा सके हैं. जबतक मिट्टी गीला रहेगा, तबतक खेत परती रहेगा. समय भी बीतता जा रहा है. इस समय में घरेलू आलू बाजार में उपलब्ध रहता था. लोग घरेलू सब्जियों का स्वाद चखते थे. लेकिन, इस बार ऐसा देखने को नहीं मिलेगा. वहीं, किसान सरजू यादव ने कहा कि हर साल 20 क्विंटल आलू की पैदावार होती थी, लेकिन इस साल अबतक खेत परती पड़ा हुआ है. आलू और टमाटर बेचकर घर का अन्य सामान खरीदते थे. लेकिन, रोजाना बारिश से हमलोग मायूस हैं. कोई आमदनी नहीं होने पर घरेलू आलू का चोखा और भात खाकर पेट भरते थे, लेकिन इस साल तो चोखा भी नसीब नहीं हो सकेगा.
रिपोर्ट : विजय शर्मा, इटखोरी, चतरा.