Jharkhand Weather Update News : गढ़वा में हुई राहत की बारिश, किसानों के मुरझाये चेहरे खिले
Jharkhand Weather Update News (गढ़वा) : करीब एक सप्ताह बाद गढ़वा जिले में गुरुवार को राहत की बारिश हुई. इस बारिश से किसानों के मुरझाये हुए चेहरे खिल गये. तेज धूप की वजह से खेते में बोये गये खरीफ व भदई फसलें मुरझाने लगी थी. किसान लगातार आसमान की ओर टकटकी लगाये हुए थे कि कब बारिश हो और खेतों में जान आये. गुरुवार को दोपहर एक बजे से बारिश शुरू हुई जो 3.30 बजे तक रही. लेकिन, इस ढाई घंटे के दौरान 45 एमएम बारिश रिकॉर्ड किया गया. यह बारिश जिले के लगभग सभी प्रखंडों में देखने को मिली. इस दौरान तेज हवा चलने से पेड़ गिरने एवं कच्चे मकान व झोपड़ियों को क्षति पहुंचने जैसी घटनाएं भी देखने को मिली.
Jharkhand Weather Update News (पीयूष तिवारी, गढ़वा) : करीब एक सप्ताह बाद गढ़वा जिले में गुरुवार को राहत की बारिश हुई. इस बारिश से किसानों के मुरझाये हुए चेहरे खिल गये. तेज धूप की वजह से खेते में बोये गये खरीफ व भदई फसलें मुरझाने लगी थी. किसान लगातार आसमान की ओर टकटकी लगाये हुए थे कि कब बारिश हो और खेतों में जान आये. गुरुवार को दोपहर एक बजे से बारिश शुरू हुई जो 3.30 बजे तक रही. लेकिन, इस ढाई घंटे के दौरान 45 एमएम बारिश रिकॉर्ड किया गया. यह बारिश जिले के लगभग सभी प्रखंडों में देखने को मिली. इस दौरान तेज हवा चलने से पेड़ गिरने एवं कच्चे मकान व झोपड़ियों को क्षति पहुंचने जैसी घटनाएं भी देखने को मिली.
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व 3 जुलाई, 2021 को भी बारिश हुई थी, लेकिन यह बारिश जिले के कुछ ही प्रखंडों में हुई थी. 3 जुलाई के बाद तेज धूप व उमस से लोगों का जीना मुश्किल हो रहा था. वैसे क्षेत्र जहां पिछले सप्ताह भी बारिश नहीं हुई थी, वहां के किसान धान आदि के बीचड़े की सिंचाई का प्रयास शुरू कर दिये थे. लेकिन, इसी बीच गुरुवार की बारिश के बाद किसानों को राहत मिल गयी है. बिरसा कृषि विवि के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अनुसार दो-तीन दिन और बारिश हो सकती है.
जिले में कृषि आच्छादन की स्थिति
गढ़वा जिले में इस बार समय से बारिश हो जाने की वजह से कृषि कार्य भी समय से शुरू हो गया है. गढ़वा जिले में 55 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगायी जाती है. 30 जून तक 140 हेक्टेयर में धान की रोपाई की जा चुकी है जबकि मक्के की फसल का आच्छादन 27,200 हेक्टेयर के विरूद्ध 80 हेक्टेयर में 30 जून तक किया गया था.
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दलहनी फसलों में अरहर की बुआई 29 हजार हेक्टेयर के विरूद्ध 40 हेक्टेयर में किया गया है. इसी तरह तेलहनी फसलों में मूंगफली की बुआयी 2800 हेक्टेयर के विरूद्ध 60 हेक्टेयर में किया गया है. जून के अंतिम सप्ताह एवं जुलाई के प्रथम सप्ताह में खेतों की जुताई व बुआयी का काम युद्धस्तर पर किया गया है. जिसमें आज हुई बारिश से भी काफी फायदा हुआ है.
विभाग के पास पिछले 8 दिनों का आंकड़ा अभी तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन संभावना जतायी गयी है कि एक जुलाई से 8 जुलाई के बीच धान को छोड़कर अन्य फसलों के आच्छादन का आंकड़ा लक्ष्य के करीब पहुंच गया है.
Posted By : Samir Ranjan.