झारखंड के मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, नेताओं के खाते में जा रहे मनरेगा के पैसे
इसमें 9,305 सक्रिय कार्डधारी हैं. नियमानुसार जॉब कार्डधारी को काम लेने के लिए पंचायत में आवेदन देना पड़ता है या फिर मौखिक जानकारी देनी पड़ती है. लेकिन राजनीतिक दल के ये नेता काम नहीं मांगते हैं
डाड़ी प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेताओं के पास मनरेगा जॉब कार्ड है. वह काम तो नहीं करते हैं, लेकिन उनके बैंक खाते में मजदूरी की राशि नियमित भेजी जाती है. जॉब कार्ड उन्हें मिलना चाहिए, उन्हें नहीं मिल रहा. लेकिन इन नेताओं के खाते में मजदूरी के पैसे निर्बाध भेजे जा रहे हैं. डाड़ी प्रखंड में 18,165 मनरेगा जॉब कार्डधारी हैं. यानी अधिकांश परिवारों के पास जॉब कार्ड है.
इसमें 9,305 सक्रिय कार्डधारी हैं. नियमानुसार जॉब कार्डधारी को काम लेने के लिए पंचायत में आवेदन देना पड़ता है या फिर मौखिक जानकारी देनी पड़ती है. लेकिन राजनीतिक दल के ये नेता काम नहीं मांगते हैं, उनके खाते में मजदूरी की राशि भेज दी जाती है. कुछ पंचायत प्रतिनिधियों के पास भी जॉब कार्ड है. कुछ नेता अपनी पत्नी का भी जॉब कार्ड बनवा लिया है.
केस स्टडी-1 : गुलचंद महतो राजनीतिक दल के नेता हैं. उनका जॉब कार्ड संख्या 3/377 है. पंचायत की विभिन्न योजनाओं के तहत मजदूरी की राशि के रूप में उनके बैंक खाते में लगभग 31 हजार रुपये भेजे गये हैं.
केस स्टडी-2 : मोहनलाल महतो भी राजनीतिक दल से जुड़े हैं. जॉब कार्ड संख्या 3/348 है. मनरेगा की कई योजनाओं में उनका नाम मस्टर रोल में दर्ज है. मजदूरी के रूप में उनके खाते में 34-35 हजार भेजे गये हैं.
केस स्टडी थ्री : सुरेश महतो वेंडर हैं और राजनीतिक दल के कार्यकर्ता हैं. खुद का ट्रैक्टर है. इनकी जॉब कार्ड संख्या 195 है. बलसगरा में सोख्ता गड्ढा में भी उनकी मजदूरी दर्शायी गयी है. उनके खाते में 74-75 हजार भेजे गये हैं.
काम करने के इच्छुक लोगों को जॉब कार्ड मुहैया कराया जाता है. उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. वह जहां रहते हैं, उस पंचायत का निवासी होना चाहिए.
– उज्ज्वल किशोर, बीपीओ