उत्तराखंड में उत्तरकाशी के पास सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को 17वें दिन मंगलवार को आठ बजकर 32 मिनट पर सकुशल निकाल लिया गया. मजदूरों के परिजनों को राहत दिलाने के लिए झारखंड सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है. शुरुआती दौर में चार अधिकारियों का एक दल सिलक्यारा भेजा गया था. टीम में आइएएस उमेश प्रताप सिंह, जैप आइटी के सीओ भुवनेश्वर प्रताप सिंह और श्रम विभाग के प्रदीप रोबोट व राजेश प्रसाद शामिल थे. उनके लौटने के बाद पुन: श्रम विभाग के दो अधिकारियों को उत्तराखंड भेजा गया. इन अधिकारियों में संयुक्त श्रमायुक्त राकेश प्रसाद और धनंजय कुमार सिंह शामिल हैं. दोनों अधिकारी उत्तरकाशी में सुरंग के पास कैंप किये हुए हैं.
झारखंड सरकार ले रही पल-पल की जानकारी
विदित हो कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे झारखंड के 15 मजदूरों में दो गिरिडीह के बिरनी थाना क्षेत्र के हैं. सभी मजदूरों और उनके परिजनों के पल-पल की जानकारी सरकार को दी जा रही है. संयुक्त श्रमायुक्त सह अवर निबंधक श्रमिक संघ के राकेश प्रसाद ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और मुख्यमंत्री के साथ-साथ स्थानीय एसपी और डीएम भी लगातार राहत कार्य का जायजा ले रहे हैं.
सभी 24 घंटे रखे जायेंगे अस्पताल में
संयुक्त श्रमायुक्त श्री प्रसाद ने बताया कि सुरंग में फंसे मजदूरों को अलग-अलग एंबुलेंस में सरकार ने अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की है. सुरंग से पाइप के रास्ते स्ट्रेचर में मजदूरों को एक-एक कर निकाला गया और इन मजदूरों को सुरंग से 25 किमी दूर स्थित चिनियाही सौर अस्पताल में पहुंचाया गया. सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है. मजदूर सुरक्षित व स्वस्थ हैं, पर एहतियात के तौर पर सभी मजदूरों की 24 घंटे तक अस्पताल में मॉनीटरिंग की जायेगी.
परिजनों के लिए सुरंग के पास ही रहने की व्यवस्था
संयुक्त श्रमायुक्त श्री प्रसाद ने बताया कि मजदूरों के परिजन सुरंग के पास ही कंपनी के बेस कैंप में ठहरे हुए हैं. उनके खाने-पीने और रहने की पूरी व्यवस्था की गयी है. मजदूरों को अस्पताल से रिलीज करने के बाद उन्हें सड़क मार्ग से दिल्ली एयरपोर्ट लाया जायेगा. राज्य सरकार की ओर से दिल्ली एयरपोर्ट से झारखंड लाने के लिए व्यवस्था की गयी है. फ्लाइट से सभी मजदूरों को रांची लाने की तैयारी की गयी है.