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झारखंड के मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव बोले- लोहरदगा में शहीदों की शहादत भूमि पर्यटन स्थल के रूप में होगी विकसित

jharkhand news: लरका आंदोलन के शहीदों के शहादत स्थल को झारखंड सरकार विकसित करेगी. इसको लेकर लोहरदगा के टिको गांव में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने शिलान्यास किया. कहा कि शहीदों को यह स्थल पर्यटन स्थल के रूप विकसित होगी.

Jharkhand news: लोहरदगा जिला अंतर्गत कुडू प्रखंड स्थित टिको गांव में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने रविवार को वीर शहीद बुधु भगत और हलधर गिरधर शहादत स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकास को लेकर शिलान्यास किया. 95 लाख रुपये की राशि से शहादत स्थल का विकास होगा. शिलान्यास से पूर्व मंत्री समेत अन्य अतिथियों द्वारा सभी शहीदों के शहादत स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी एवं माल्यार्पण किया गया.

उद्घाटन के मौके पर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि 1857 के विद्रोह के पहले कंपनी सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले पहले आंदोलनकारी थे वीर बुधू भगत. वर्ष 1830-31 में ही कंपनी सरकार द्वारा बेतहाशा लगान वृद्धि का बुधू भगत ने पुरजोर विरोध किया था.

उन्होंने कहा कि जमींदारी प्रथा, महाजनी प्रथा, साहूकार के वीर शहीद बुधू भगत घोर विरोधी थे. तत्कालीन सरकार के विरुद्ध उन्होंने युवाओं को एकजुट किया और लरका आंदोलन छेड़ा. उस समय कोल विद्रोह भी साथ-साथ चल रहा था. युवाओं के बीच बुधू भगत का प्रभाव बढ़ते देख कंपनी सरकार ने उन्हें जान से मारने की योजना बनायी और एक हजार रुपये का इनाम रखा.

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एक दिन जब बुधू भगत टिको गांव में एक रात आंदोलन की योजना बना रहे थे, तो इसकी भनक कंपनी के लोगों को लग गयी. उस रात बड़ी भीषण लड़ाई हुई और जिसमें वीर बुधू भगत काफी वीरता से लड़े. इस लड़ाई में कंपनी सरकार को काफी क्षति बुधू भगत की सेना ने पहुंचायी थी. लेकिन, आखिरकार वीर बुधू भगत और उनके बेटे हलधर गिरधर शहीद हो गये. इसके अलावा रुनिया और झुनिया भी शहीद हुईं. उनकी एक बहन सिंगनी भगत भी शहीद हुईं.

वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि हम उनके बलिदान की कीमत नहीं चुका सकते हैं, लेकिन हमारी सरकार ने टिको गांव स्थित इस शहादत स्थल का पर्यटकीय विकास करने का निर्णय लिया है. आज हम इस स्थल का शिलान्यास कर रहे हैं और अगले कुछ माह में इस स्थल को पर्यटकों व तीर्थयात्रियों के लिए विकसित कर दिया जायेगा. लोग यहां आयेंगे, तो उनके लिए विश्राम करने समेत अन्य सुविधाएं मौजूद होंगी.

कार्यक्रम में मांडर विधानसभा क्षेत्र के विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि स्थानीय लोग इस स्थल के रख-रखाव के लिए ट्रस्ट का निर्माण करें. इस परिसर में जो विद्यालय हैं उसका भी विकास करें. अपने समाज के लोगों को शिक्षित करें. मांडर विधायक ने कहा कि पूर्व में शहादत स्थल की घेराबंदी के लिए सहयोग दिया गया था. इस शहादत स्थल को पर्यटन स्थल व तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने का आवाज विधान सभा में उठाया गया था.

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शिलान्यास कार्यक्रम में डीसी दिलीप कुमार टोप्पो ने कहा कि स्थानीय लोगों की इच्छा और सोच की वजह से यह विकास संभव हो रहा है. आनेवाले समय में और भी विकास से जुड़े कार्य होंगे. प्रशासन और सरकार का सहयोग हमेशा रहेगा. आप सभी इस शहादत स्थल को आनेवाली पीढ़ी के लिए सहेज कर रखें. इस स्थल पर एक गेस्ट रूम रहेगा, जिसमें एक हॉल और चार कमरे होंगे.

शौचालय व पेयजल की सुविधा होगी. समाधि स्थल तक सड़क का निर्माण होगा. चहारदीवारी ऊंची होगी. मंच संचालन जलेश्वर उरांव ने किया. कार्यक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार लाल, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विशेष प्रमंडल अभय कुमार, सांसद प्रतिनिधि अशोक यादव, विधायक प्रतिनिधि निशीथ जायसवाल, पुजारी मंगरा उरांव सहित बड़ी संख्या में टाना भगत सहित अन्य मौजूद थे.

रिपोर्ट: गोपी कुंवर, लोहरदगा.

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