पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया नामोपाड़ा स्थित रासमंच परिसर में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक स्वामी हंसानंद ने मत्स्य अवतार, परशुराम अवतार, रामावतार व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के प्रसंग का वर्णन किया. इस दौरान आयोजन समिति की ओर से भव्य झांकी प्रस्तुत की गई. इस झांकी ने सभी श्रद्धालुओं का मन मोह लिया. भक्तों ने कृष्ण जन्मोत्सव पर जयकारे लगाये.
कथा सुनने मात्र से पापों से मिलती है मुक्ति
स्वामी हंसानंद ने कहा कि भागवत कथा सुनने से जीव मात्र के सभी पापों का नाश हो जाता है. भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से पहला अवतार मत्स्य अवतार के नाम से जाना गया. परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार कहे जाते हैं. वह त्रेता युग (रामायण काल) के मुनि थे. द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज करता था. कथा के दौरान भगवान कृष्ण के जन्म का प्रसंग भी हुआ. वासुदेव कृष्ण की आकर्षक झांकी निकाली गई. खुल गए सारे ताले ओय क्या बात हो गई, जब से जन्मे कन्हैया क्या बात हो गई, नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की आदि सुमधुर भजनों ने श्रद्धालुओं को खूब झुमाया.
दिनेश षाडंगी की पहुंचे कथा स्थल
झारखंड के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश षड़ंगी श्रीमद् भागवत कथा में पहुंचे. कथा वाचक स्वामी हंसानंद को माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. स्वामी हंसानंद ने भी डॉक्टर सड़गी को अंग वस्त्र प्रदान किया. इस मौके पर पद्मश्री जमुना टुडू, विधायक की पत्नी नैना महंती, कमेटी के संरक्षक लक्ष्मीनारायण दास, चन्द्रदेव महतो, देवदास पंडा, अध्यक्ष पतित पावन दास, सचिव दिलीप कुमार दास, उत्पल पंडा, पशुपति बेरा, पंकज दास, शंकर चंद्र दास, कंचन पंडा, निमाई दास, रंजीत दास, राजू दास, चंदन दास, तुहिन पांडा, टुंपा बेरा, दीपू दास, जय दास, कौशिक बेरा, रोहित दास आदि उपस्थित थे.