झारसुगुड़ा उपचुनाव: सत्तारूढ़ बीजद समेत विपक्षी भाजपा व कांग्रेस ने तेज किया प्रचार
भाजपा के उम्मीदवार टंकधर त्रिपाठी गत कुछ वर्षों से झारसुगुड़ा में रहकर विधानसभा मंडली का दौरा कर गांव में भाजपा का संगठन करने में लगे हैं. समय-समय पर शासक दल का विरोध भी कर रहे हैं.
आगामी 2024 के आम चुनाव के पहले झारसुगुड़ा उपचुनाव शासक व विरोधी दोनों दलों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसके लिए शासक व विरोधी दल उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए सबने अपने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है. एक ओर जहां शासक दल दिवंगत स्वास्थ्य मंत्री नव दास की हत्या को लेकर सहानुभूति जुटाने में लगा है, वहीं विरोधी दल शासक दल के विरोध में सत्ता विरोधी लहर की उम्मीद से जीत की आस लगाये बैठे हैं. दिवंगत स्वास्थ्य मंत्री नव दास की बेटी दीपाली दास को बीजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. दीपाली दास पिता के किये कामों को लेकर लोगों की पहुंच रही हैं.
वहीं, भाजपा व कांग्रेस शासक दल के विरोध में सत्ता विरोधी लहर व विगत दिनों में नवदास के विधायक काल में उठे विभिन्न प्रसंग को फिर उठा कर लोगों के समक्ष रख रहे हैं. औद्योगिक प्रदूषण, स्थानीय नियुक्ति में उपेक्षा, सरकारी जमीन को शिल्प प्रतिष्ठा के नाम पर हथियाने का आरोप व विकास के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसे प्रसंगों को लेकर विरोधी शासक दल को घेरने में लगे हैं. भाजपा के उम्मीदवार टंकधर त्रिपाठी गत कुछ वर्षों से झारसुगुड़ा में रहकर विधानसभा मंडली का दौरा कर गांव में भाजपा का संगठन करने में लगे हैं. समय-समय पर शासक दल का विरोध भी कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार तरुण पांडे अपने पिता वरिष्ठ कांग्रेसी तथा तीन बार झारसुगुड़ा के विधायक रहे वीरेंद्र पांडे के पुराने समर्थकों के साथ चुनाव जीतने का प्रयास कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 2009 के चुनाव में दिवंगत नव किशोर दास पहली बार कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में झारसुगुड़ा से विधायक बने थे. वर्ष 2014 के चुनाव में भी दास दूसरी बार कांग्रेस से विधायक बने थे. वर्ष 2019 में दास ने कांग्रेस छोड़ बीजद का दामन थाम लिया और लगातार तीसरी बार बड़े अंतर से चुनाव जीत कर झारसुगुड़ा के विधायक बने और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बने थे. गत 29 जनवरी को एक पुलिस अधिकारी ने दिनदहाड़े गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी. इसके कारण ही यह उपचुनाव हो रहा है और इसमें बीजद ने स्वर्गीय दास की पुत्री दीपाली दास को उम्मीदवार बनाया है. स्व दास के तीन बार लगातार झारसुगुड़ा से विधायक रहने से विरोधी दलों को सत्ता विरोधी लहर की उम्मीद है और वे जोरशोर से प्रचार में जुटे हैं.
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