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Jio और OneWeb जल्द देगी इंटरनेट सर्विस, जानें कब से कर पाएंगे इसका इस्तेमाल

जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस और वनवेब को उपभोक्ता टर्मिनल पर सीधे सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम तक पहुंच की जरूरत होगी, जिस पर निर्णय अभी भी लंबित है. उपग्रह कंपनियां बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम आवंटन की मांग कर रही हैं.

दूरसंचार विभाग ने जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस (सैटकॉम) और भारती समूह समर्थित वनवेब को इंटरनेट सेवा प्रदाता का लाइसेंस दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने इस मामले से जुड़ी जानकारी दी. दोनों कंपनियों को लगभग एक साल पहले उपग्रह संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए परमिट दिये गये थे. एक अधिकारी ने कहा, कंपनियों को हाल ही में आईएसपी (इंटरनेट सेवा प्रदाता) लाइसेंस जारी किया गया था. वे उपग्रह सेवा को स्थलीय नेटवर्क से जोड़कर या अंतिम ग्राहकों को वीसैट के माध्यम से इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर सकती हैं.

नीलामी के जरिए ही स्पेक्ट्रम आवंटन पर दे रही जोर

जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस और वनवेब को उपभोक्ता टर्मिनल पर सीधे सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम तक पहुंच की जरूरत होगी, जिस पर निर्णय अभी भी लंबित है. उपग्रह कंपनियां बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम आवंटन की मांग कर रही हैं, जबकि जियो और वोडाफोन आइडिया नीलामी के जरिए ही स्पेक्ट्रम आवंटन पर जोर दे रही हैं.

अगले महीने से देश के सभी हिस्सों को जोड़ने के लिए तैयार

जहां वनवेब के पास जियो (जियोस्टेशनरी) और लियो (निचली पृथ्वी कक्षा) उपग्रहों का अपना समूह है, वहीं जियो ने लक्जमबर्ग एसईएस सैटेलाइट्स के साथ साझेदारी की है, जिसके समूह में जियो और मियो (मध्यम पृथ्वी कक्षा) उपग्रहों का संयोजन है. भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने पिछले महीने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में कहा था कि वनवेब सैटेलाइट संचार सेवा अगले महीने से देश के सभी हिस्सों को जोड़ने के लिए तैयार है.

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