Jitiya Vrat 2022: हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड में जितिया का पर्व अनोखा तरीके से मनाया जाता है. यहां अनेकों तरीके से अलग-अलग अंदाज में जितिया पर्व मनाया जाता हैं. यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. जितिया पर्व में लोग अपने- अपने घरों में अपने कुल देवताओं की पूजा करते हैं. जिसके बाद महुआ शराब के साथ 7 प्रकार के सब्जियां चढ़ाई जाती हैं. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा करने से हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. इसके अलावे संतानों की दीर्घायु जीवन एवं उनके प्रगति के लिए माताएं जितिया का व्रत रखती है.
बड़कागांव प्रखंड में जितिया पूजा को लेकर कई तरह की परंपराएं है. अपने पूर्वजों की याद में नदी व तालाब मैं जाकर स्नान करके पिंडदान करने की परंपरा है. यह परंपरा वर्षो से चली आ रही हैं. जितिया के दिन पूर्वजों के नाम महुआ शराब, सुखवा पत्ता के दोना से टपान गिराने का भी परंपरा है.
बड़कागांव में अपने पूर्वजों की याद में लोग जितिया पूजा करते हैं. खानपान के बाद कई गांवों एवं मोहल्ले में झूमर का आयोजन भी किया जाता है. जिसमें लोकगीत व नृत्य के साथ लोग आनंद लेते हैं. 19 सितंबर को दतवन, खरी, सरसों का तेल लेकर नदी घाट व तालाब घाट लोग जाएंगे. वहां स्नान करके बालू का एक या दो मीटर का मेढ़ बनाएंगे. जिसमें दतवन अपने पूर्वजों के नाम से दतवन बालू के मेढ़ में रखा जाएगा. उसके बाद खरी, सरसों का तेल, दूध चढ़ाया जाएगा. नदी से आने के बाद हर घरों में पूर्वजों के नाम पर सिंदूर का टीका लगाया जाएगा. पूर्वजों के नाम पर दुध व जल चढ़ाया जाएगा. वहीं, कुछ गांवों में अपने पूर्वजों के नाम पर प्रसाद के रूप में शराब भी चढ़ाया जाता है, तो वहीं, कुछ लोगों द्वारा मुर्गे की बलि भी दी जाती है. इसके बाद सात प्रकार की सब्जियां व चावल चढ़ाया जाता है.
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वहीं, जितिया पर्व को लेकर बाजारों में चहल-पहल देखी जा रही है. भारी संख्या में महिलाएं फलों और सब्जी की दुकानों में खरीददारी करती नजर आई.
रिपोर्ट: संजय सागर, हजारीबाग