14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jitiya Vrat 2023: कब है जितिया व्रत ? जानिए इस व्रत का महत्व

Jitiya Vrat 2023: जितिया व्रत विशेष रूप से बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में मनाया जाता है. इस व्रत का मुख्य उद्देश्य पुत्रों की लंबी आयु और उनके जीवन में सुख सुविधा की कामना करना होता है.

  • जीवितपुत्रिका व्रत या जिउतिया विशेष रूप से बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में मनाया जाता है

  • इस वर्ष जितिया व्रत 6 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा

Jitiya Vrat 2023: प्रति वर्ष, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवितपुत्रिका व्रत या जिउतिया पड़ता है.जिसे जितिया व्रत के रूप में भी जाना जाता है. यह त्योहार विशेष रूप से बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में मनाया जाता है. इस व्रत का मुख्य उद्देश्य पुत्रों की लंबी आयु और उनके जीवन में सुख सुविधा की कामना करना होता है.

इस दिन है जितिया व्रत

इस वर्ष जितिया व्रत 6 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा. अभिजीत मुहूर्त 11:46 बजे से शुरू होगा और दोपहर 12:33 बजे को समाप्त होगा. इसके साथ ही, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:38 बजे से शुरू होगा और 05:28 बजे को समाप्त होगा. अष्टमी तिथि का आरंभ 6 अक्टूबर, सुबह 6:34 बजे से होगा और इसका समापन 7 अक्टूबर, सुबह 08:08 बजे पर होगा.

नहाय खाय के साथ होती है शुरुआत

हिन्दू धर्म में जीवितपुत्रिका व्रत को विशेष महत्व दिया गया है, और इसे माताएं अपने पुत्रों की लंबी आयु और सुख-शांति की कामना के लिए करती हैं. इस व्रत को करने से पुत्रों के सभी कष्ट दूर होते हैं. यह व्रत तीन दिन तक चलता है, और इसकी शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है. दूसरे दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है.

Also Read: Jitiya Vrat 2023: इस दिन है जीवित्पुत्रिका व्रत, यहां जानें नियम तथा कथा

इस व्रत को काफी कठिन माना जाता है

इस व्रत की पूजा विधि में, माताएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करती हैं और फिर व्रत का संकल्प लेती हैं. इसके बाद, मड़वे की रोटी, दही, चूड़ा, चीनी, और अन्य प्रसाद को देवी-देवताओं और पूर्वजों को अर्पित करती हैं. फिर पूरा परिवार इस प्रसाद को ग्रहण करता है. प्रसाद ग्रहण करने के बाद, व्रत करने वाली महिलाएं अगले 24 घंटे तक किसी भी तरीके का भोजन या पानी नहीं पीती हैं. व्रत के दिन शाम को, माताएं जीवितपुत्रिका कथाएं सुनती हैं, और इसलिए इस व्रत को काफी कठिन माना जाता है

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें