Jitiya Vrat 2023: जितिया व्रत पारण का शुभ मुहूर्त शुरू, जानें विधि-शुभ समय और इस व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी
Jitiya Vrat 2023: संतान की सुख-समृद्धि और उनके दीर्घायु होने की कामना को लेकर कई माताओं ने 6 अक्टूबर को निर्जला व्रत किया. कई महिलाएं 7 अक्टूबर आज जिउतिया का व्रत रखेंगी. शनिवार को अष्टमी तिथि की समाप्ति के बाद व्रती महिलाएं सुबह 10 बजकर 32 मिनट के बाद पारण करेंगी.
Jitiya Vrat 2023 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Paran Time: शुक्रवार को आश्विन कृष्ण अष्टमी में आर्द्रा नक्षत्र तथा वरीयान योग में महिलाएं अपने संतान की कुशलता की कामना के साथ करीब 28 घंटे का निर्जला जिउतिया का व्रत रखा. महिलाओं ने विभिन्न गंगा घाटों पर गंगा स्नान कर देर शाम प्रदोष काल में कुश से जीमूतवाहन की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा-अर्चना की. इसके साथ में माता लक्ष्मी व देवी दुर्गा की पूजा करने के बाद माताएं पुरोहित से जीमूतवाहन की कथा सुनी. शनिवार को अष्टमी तिथि की समाप्ति के बाद व्रती महिलाएं सुबह 10 बजकर 32 मिनट के बाद पारण करेंगी. जबकि कई महिलाएं आज भी जिउतिया का व्रत रखेंगी.
Jitiya Vrat ka Paran kab hai: जितिया व्रत पारण का समयहृषिकेष पंचांग के अनुसार 7 अक्टूबर दिन शनिवार को 10 बजकर 31 मिनट तक आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी. ऐसे में जितिया व्रतधारी महिलाओं को सुबह 10 बजकर 32 मिनट के बाद आम के पल्लव से दातुन करके स्नान ध्यान करके पारण यानी अन्न जल ग्रहण करना चाहिए. व्रती को सर्वप्रथम गुनगुने दूध में घी मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए.
जितिया के पारण के नियम भी अलग-अलग जगहों पर भिन्न हैं. कुछ क्षेत्रों में इस दिन नोनी का साग, मड़ुआ की रोटी आदि खाई जाती है. पारण जीवित्पुत्रिका व्रत का अंतिम दिन होता हैं. जिउतिया व्रत में कुछ भी खाया या पिया नहीं जाता, इसलिए यह निर्जला व्रत होता है. आज पूजा कर 10 बजकर 30 मिनट के बाद पारण करने का शुभ समय है.
Jitiya Vrat ka Paran kab hai: जितिया व्रत पारण का समयजितिया व्रतधारी महिलाओं को सुबह 10 बजकर 32 मिनट के बाद आम के पल्लव से दातुन करके स्नान ध्यान करके पारण यानी अन्न जल ग्रहण करना चाहिए. व्रती को सर्वप्रथम गुनगुने दूध में घी मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए. इससे गला खराब नहीं होगा.
Jitiya Vrat ka Paran kab hai: जानें पारण करने का शुभ समयशुक्रवार को आश्विन कृष्ण अष्टमी में आर्द्रा नक्षत्र तथा वरीयान योग में महिलाएं अपने संतान की कुशलता की कामना के साथ करीब 28 घंटे का निर्जला जिउतिया का व्रत रखा. शनिवार को अष्टमी तिथि की समाप्ति के बाद व्रती महिलाएं सुबह 10 बजकर 32 मिनट के बाद पारण करेंगी. जबकि कई महिलाएं आज भी जिउतिया का व्रत रखेंगी.
Jitiya Vrat ka Paran kab hai: जितिया व्रत पारण के लिए शुभ समयजितिया व्रत पारण के लिए 7 अक्टूबर 2023 नवमी तिथि की सुबह 10 बजकर 21 मिनट बहुत ही शुभ बताया जा रहा है. व्रती महिलाएं इसी समय अपना व्रत खोलें.
Jitiya Vrat 2023 Live : जितिया व्रत के लिए फलदायी मंत्रसर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके |
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||
Jitiya Vrat 2023 Live: पारण करने का शुभ समयजितिया व्रत का पारण करने का शुभ समय शनिवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट के बाद रहेगा. हालांकि पारण करने का शहर के अनुसार अलग- अलग समय रहेगा.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत का पारण कितने बजे से है?आज महिलाएं जितिया व्रत की पूजा कर रही है. जितिया व्रत 7 अक्टूबर दिन शनिवार को समाप्त हो जाएगा. सुबह 7 अक्टूबर शनिवार को जितिया व्रत का पारण किया जायेगा.
Jitiya Vrat Puja Vidhi live : जीमूतवाहन की पूजाआश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रदोषकाल में महिलाएं जीमूतवाहन की पूजा करती है. जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप-दीप, अक्षत, पुष्प, फल आदि अर्पित करके फिर पूजा की जाती है. इसके साथ ही मिट्टी और गाय के गोबर से सियारिन और चील की प्रतिमा बनाई जाती है
Jitiya Vrat Puja Vidhi: जितिया व्रत पूजा विधिव्रती महिलाएं कुशा से बनी जीमूतवाहन भगवान की प्रतिमा के समक्ष धूप-दीप, चावल और पुष्ण अर्पित कर विधि विधान से पूजा करती है. इसके साथ ही व्रत में गाय के गोबर और मिट्टी से चील और सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है. पूजा करते हुए इनके माथे पर सिंदूर से टीका लगाते हैं और पूजा में जीवित्पुत्रिका व्रत कथा सुनने का विधान हैं. इसके बाद आरती जरूर करनी चाहिए.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत पारण का समयहृषिकेष पंचांग के अनुसार 7 अक्टूबर दिन शनिवार को 10 बजकर 31 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त हो जाएगी. ऐसे में जितिया व्रतधारी महिलाओं को सुबह 10 बजकर 32 मिनट के बाद आम के पल्लव से दातुन करके स्नान ध्यान करने के बाद पारण यानी अन्न जल ग्रहण करना चाहिए. व्रती को सर्वप्रथम गुनगुने दूध में घी मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए. इससे गला खराब नहीं होगा.
Jitiya Vrat Aarti: जितिया व्रत आरतीओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप…
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप….
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप…
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप…
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप…
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप…
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप…
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
जितिया यूपी, बिहार, मिथिलांचल, झारखंड और नेपाली विवाहित महिलाओं व पूर्वी और मध्य नेपाल की थारू महिलाओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. जितिया व्रत अपने पुत्रों की सलामती और लंबी उम्र के लिए किया जाता है. यह आमतौर पर आश्विन कृष्ण अष्टमी को प्रदोष काल में किया जाता है.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया में क्या क्या चढ़ाया जाता है?आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रदोषकाल में महिलाएं जीमूतवाहन की पूजा करती है. जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप-दीप, अक्षत, पुष्प, फल आदि अर्पित करके फिर पूजा की जाती है. इसके साथ ही मिट्टी और गाय के गोबर से सियारिन और चील की प्रतिमा बनाई जाती है
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत का पारण कितने बजे से है?जितिया व्रत आज 6 अक्टूबर को है. यह व्रत 7 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा. 7 अक्टूबर को जितिया व्रत का पारण किया जायेगा. इस वर्ष पारण सुबह 10 बजकर 30 मिनट के बाद किया जायेगा. हालांकि पारण करने का शहर के अनुसार अलग- अलग समय रहेगा.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत पूजा विधिआज स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण को जल चढ़ाए.
फिर मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाएं.
कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें.
पूजा के बाद आरती और भोग जरूर लगाएं.
विधि- विधान से पूजा करें और व्रत की कथा अवश्य सुनें.
शनिवार को व्रत पारण के बाद दान जरूर करें
जितिया व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली व लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. जितिया व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है.
जितिया व्रत आज, व्रती महिलाएं कल करेंगी पारणसंतान की लंबी आयु व सुख समृद्धि के लिए मनाया जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत जिउतिया आज है. आज माताएं निर्जला उपवास पर है. माताएं व्रत रखकर घरों में स्नान दान और मंदिरों में पूजा अर्चना की. सात अक्टूबर दिन शनिवार को व्रती महिलाओं के पारण के साथ यह व्रत सपन्न होगा.
संतान की दीर्घायु के लिए दो दिन मन रहा जिउतियाजितिया व्रत आज है. आज ज्यादातर महिलाएं जितिया व्रत का उपवास रखी हुईं है. वहीं कुछ महिलाएं जितिया व्रत कल करेंगी. बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में जितिया व्रत विशेष तौर पर मनाया जाता है. जितिया का व्रत संतान की लंबी उम्र और घर में सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है. अगर किसी दंपति को संतान नहीं है और वह काफी समय से संतान की कामना कर रहे हैं तो उन्हें जितिया व्रत करना चाहिए. इस व्रत को रखने से संतान सुख की मनोकामना पूरी होती है.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत का पारण कितने बजे से है?बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश में मांयें जितिया व्रत आज 6 अक्टूबर को है. यह व्रत 7 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा. 7 अक्टूबर को जितिया व्रत का पारण किया जायेगा. इस वर्ष पारण सुबह 10 बजकर 30 मिनट के बाद किया जायेगा. हालांकि पारण करने का समय शहर के अनुसार अलग अलग रहेगा.
जितिया व्रत रखने वाली महिला को पूजा के समय जीवित्पुत्रिका व्रत कथा या जीमूतवाहन की कथा जरूर सुननी चाहिए. नहीं तो यह पूजा पूरी नहीं मानी जाती है. इस व्रत को रखने वाली महिलाओं को नवमी तिथि में तोरी से पारण करने के बाद ही बाकी कुछ खाना पीना चाहिए.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत पूजा विधिआज स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण को जल चढ़ाए.
फिर मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाएं.
कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें.
पूजा के बाद आरती और भोग जरूर लगाएं.
विधि- विधान से पूजा करें और व्रत की कथा अवश्य सुनें.
शनिवार को व्रत पारण के बाद दान जरूर करें
6 अक्टूबर को शुक्रवार और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इस दिन की महत्ता और बढ़ गई है. शुक्रवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इसका प्रभाव और बढ़ जाता है. माना जाता है कि इस योग में किए गए सभी पूजा-पाठ और कार्य शुभ फलदायी होते हैं. ऐसे में छह अक्टूबर को खास संयोग बन रहा है.
Also Read: Jitiya Vrat Aarti: जितिया व्रत पूजा के बाद जरूर करें ये आरती, पूरी होगी आपकी मनचाही मुराद Jitiya Vrat Aarti: जितिया व्रत आरतीओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप…
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप….
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप…
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप…
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप…
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप…
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप…
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
Jitiya Vrat 2023 Live : शुभ मुहूर्तशुक्रवार को महिलाएं जितिया व्रत रखेंगी. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर 7 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगी. 6 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. आप इस अबूझ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं.
Jitiya Vrat 2023 Live :जितिया व्रत के लिए फलदायी मंत्रसर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके |
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत के लिए पूजा का शुभ मुहूर्तजितिया व्रत के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 06 बजे से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है. इसमें चर-सामान्य मुहूर्त सुबह 06 बजकर 16 मिनट से सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक है. उसके बाद लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 07 बजकर 45 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक है. अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 09 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है. उस दिन का अभिजित मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक है
Jitiya Vrat 2023 Live: कठिन व्रतों में एक जीवित्पुत्रिका व्रतकल माताएं 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को निर्जला व्रत करेंगी. छठ पर्व के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत को भक्ति एवं उपासना का सबसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है. बिहार में इस पर्व को जितिया के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र एवं स्वस्थ जीवन के लिए व्रत रखती हैं.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत का महत्वबिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में जितिया व्रत विशेष तौर पर मनाया जाता है. संतान की लंबी उम्र और घर में सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रखा जाता है. कहते हैं कि अगर किसी दंपति को संतान नहीं है और वह काफी समय से संतान की कामना कर रहे हैं तो उन्हें जितिया व्रत करना चाहिए. इस व्रत को रखने से संतान सुख की मनोकामना पूरी होती है.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत की पूजा विधिजितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इसके बाद दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. व्रत के तीसरे दिन महिलाएं पारण करती हैं. सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही महिलाएं अन्न ग्रहण कर सकती हैं. मुख्य रूप से पर्व के तीसरे दिन झोर भात, मरुवा की रोटी और नोनी का साग खाया जाता है. अष्टमी को प्रदोषकाल में महिलाएं जीमूतवाहन की पूजा करती है. जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप-दीप, अक्षत, पुष्प, फल आदि अर्पित करके फिर पूजा की जाती है. इसके साथ ही मिट्टी और गाय के गोबर से सियारिन और चील की प्रतिमा बनाई जाती है. प्रतिमा बन जाने के बाद उसके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है. पूजन समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत में बने हैं ये शुभ योगसर्वार्थ सिद्धि योग 6 अक्टूबर की रात को 9 बजकर 32 मिनट से लग रहा है. जो अगले दिन सुबह 6 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा परिघ योग 6 अक्टूबर की सुबह से लेकर अगले दिन प्रात: 5 बजकर 31 मिनट तक है. इसके अलावा इस दिन आर्द्रा नक्षत्र और पुनर्वसु नक्षत्र भी लगा रहेगा.
Jitiya Vrat 2023 Live: इस दिन माछ और अरुआ खाने का विधानजितिया व्रत करने के लिए माछ और अरुआ का भक्षण किया जाता है. इसके साथ ही सतपुतिया, मड़ुआ की रोटी, नोनी की साग समेत अन्य चीजें इस दिन खाने की परंपरा है. व्रत से एक दिन पूर्व यह करके रात में मतलब रात के अंतिम भाग में अर्थात सप्तमी में उठगन किया जाता है, जो इस वर्ष 5 अक्टूबर गुरुवार को है.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत पूजा मुहूर्तकल शुक्रवार को महिलाएं जितिया व्रत रखेंगी. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर 7 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगी. 6 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. आप इस अबूझ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया में क्या क्या चढ़ाया जाता है?आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रदोषकाल में महिलाएं जीमूतवाहन की पूजा करती है. जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप-दीप, अक्षत, पुष्प, फल आदि अर्पित करके फिर पूजा की जाती है. इसके साथ ही मिट्टी और गाय के गोबर से सियारिन और चील की प्रतिमा बनाई जाती है
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत की पूजा विधिजितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इसके बाद दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. व्रत के तीसरे दिन महिलाएं पारण करती हैं. अष्टमी को प्रदोषकाल में महिलाएं जीमूतवाहन की पूजा करती है. जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप-दीप, अक्षत, पुष्प, फल आदि अर्पित करके फिर पूजा की जाती है. इसके साथ ही मिट्टी और गाय के गोबर से सियारिन और चील की प्रतिमा बनाई जाती है. प्रतिमा बन जाने के बाद उसके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है. पूजन समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत कल, जानें शुभ मुहूर्तजितिया व्रत की शुरुआत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से शुरू होती है और इसका समापना नवमी तिथि को होता है. आज सप्तमी तिथि है, इस दिन सरगही और ओठगन का विधाान है. इसके बाद अष्टमी तिथि को निर्जला व्रत और नवमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है. पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 06 अक्टूबर दिन शुक्रवार की सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर लग जाएगी, जिसका समापन अगले दिन 07 अक्टूबर दिन शनिवार को सुबह 08 बजकर 08 पर होगा. समय सूर्योदय के अनुसार तय होता है, इसलिए जगह के अनुसार टाइम में अंतर रहेगा.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत पूजन सामग्रीजीवित्पुत्रिका व्रत में खड़े अक्षत(चावल), पेड़ा, दूर्वा की माला, पान, लौंग, इलायची, पूजा की सुपारी, श्रृंगार का सामान, सिंदूर, पुष्प, गांठ का धागा, कुशा से बनी जीमूत वाहन की मूर्ति, धूप, दीप, मिठाई, फल, बांस के पत्ते, सरसों का तेल, खली, गाय का गोबर पूजा में जरूरी है.
अष्टमी तिथि 06 अक्टूबर 2023 को सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ होगी और 07 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया का व्रत क्यों रखा जाता है?जितिया व्रत संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है. इस व्रत को रखने से संतान तेजस्वी, ओजस्वी और मेधावी होता है. शास्त्रों के मुताबिक जितिया करने वाली व्रती महिला के संतान की रक्षा स्वंय भगवान श्रीकृष्ण करते हैं.
Jitiya Vrat 2023 Live: भागलपुर में जितिया का निर्जला व्रत कलबिहार के भागलपुर में जितिया पर्व आज से शुरू हो गया है. आज सरगही या ओठगन के बाद कल माताएं 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को निर्जला व्रत करेंगी. छठ पर्व के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत को भक्ति एवं उपासना का सबसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है. बिहार में इस पर्व को जितिया के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र एवं स्वस्थ जीवन के लिए व्रत रखती हैं.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया नहाय-खाय आजसंतान कल्याण का पर्व जितिया-जिउतिया का नहाय-खाय आज यानि 5 अक्टूबर दिन गुरुवार को है. वहीं कल माताएं निर्जला उपवास रखकर पूजा करेंगी. जितिया को लेकर गंगा स्नान करने के लिए व्रतियों की भीड़ बढ़ने लगी है. आज व्रती माताएं झिंगली, खमरूआ, सतपुतिया, नोनी का साग, मड़ुआ की रोटी खाएंगी.
Jitiya Vrat 2023 Live: आज से जितिया व्रत की शुरुआतजितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत की शुरुआत आज 5 अक्टूबर को सरगही या ओठगन से होगी. 6 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार को माताएं उपवास रखेंगी. वहीं 07 अक्टूबर दिन शनिवार को व्रत पारण किया जाएगा. जितिया के लिए सरगही या ओठगन 5 अक्टूबर को होगा. उसके बाद 28 घंटे तक उपवास होगा.
Jitiya Vrat 2023 Live : नहाय खाय – 5 अक्टूबरसरगही या ओठगन – 5 अक्टूबर 2023 को रखा जायेगा. जितिया व्रत – 6 अक्टूबर 2023 को रखा जायेगा. इस व्रत का समापन यानी इसका पारण 7 अक्टूबर 2023 को होगी.
Jitiya Vrat 2023 Live : जीवित्पुत्रिका व्रत की पौराणिक कथापौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत के युद्ध में जब द्रोणाचार्य का वध कर दिया गया तो उनके पुत्र आश्वत्थामा ने क्रोध में आकर ब्राह्रास्त्र चल दिया, जिसकी वजह से अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहा शिशु नष्ट हो गया. तब भगवान कृष्ण ने इसे पुनः जीवित किया. इस कारण इसका नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया. तभी से माताएं इस व्रत को पुत्र के लंबी उम्र की कामना से करने लगीं
जितिया व्रत सरगही या ओठगन से शुरू होकर सप्तमी, आष्टमी और नवमी तक चलता है. इस दौरान मां, संतान की प्राप्ति के लिए भी यह उपवास करती है. यह एक निर्जला व्रत है.
Jitiya Vrat 2023 Live: क्या है जितिया की चील और सियारिन की व्रत कथाधार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जितिया व्रत की कथा बड़ी रोचक है. मान्यतानुसार, एक नगर में किसी वीरान जगह पर एक पीपल का पेड़ था. इस पेड़ पर एक चील और इसी के नीचे एक सियारिन भी रहती थी. एक बार कुछ महिलाओं को देखकर दोनों ने जिऊतिया व्रत किया. व्रत के दिन ही नगर में एक इंसान की मृत्यु हो गई. उसका शव पीपल के पेड़ के स्थान पर लाया गया. सियारिन ये देखकर व्रत की बात भूल गई और उसने मांस खा लिया. चील ने पूरे मन से व्रत किया और पारण किया. व्रत के प्रभाव में दोनों का ही अगला जन्म कन्याओं अहिरावती और कपूरावती के रूप में हुआ. जहां चील स्त्री के रूप में राज्य की रानी बनी और छोटी बहन सियारिन कपूरावती उसी राजा के छोटे भाई की पत्नी बनी. चील ने सात बच्चों को जन्म दिया लेकिन कपूरावती के सारे बच्चे जन्म लेते ही मर जाते थे. इस बात से अवसाद में आकर एक दिन कपूरावती ने सातों बच्चों कि सिर कटवा दिए और घड़ों में बंद कर बहन के पास भिजवा दिया.
भगवान जीऊतवाहन ने जीवित कर दिये सातों संतानयह देख भगवान जीऊतवाहन ने मिट्टी से सातों भाइयों के सिर बनाए और सभी के सिरों को उसके धड़ से जोड़कर उन पर अमृत छिड़क दिया. अगले ही पल उनमें जान आ गई. सातों युवक जिंदा हो गए और घर लौट आए. जो कटे सिर रानी ने भेजे थे, वे फल बन गए. जब काफी देर तक उसे सातों संतानों की मृत्यु में विलाप का स्वर नहीं सुनाई दिया तो कपुरावती स्वयं बड़ी बहन के घर गयी. वहां सबको जिंदा देखकर उसे अपनी करनी का पश्चाताप होने लगा. उसने अपनी बहन को पूरी बात बताई. अब उसे अपनी गलती पर पछतावा हो रहा था. भगवान जीऊतवाहन की कृपा से अहिरावती को पूर्व जन्म की बातें याद आ गईं. वह कपुरावती को लेकर उसी पाकड़ के पेड़ के पास गयी और उसे सारी बातें बताईं. कपुरावती की वहीं हताशा से मौत हो गई. जब राजा को इसकी खबर मिली तो उन्होंने उसी जगह पर जाकर पाकड़ के पेड़ के नीचे कपुरावती का दाह-संस्कार कर दिया.
Jitiya Vrat 2023 Live: नहाय खाय कब हैसरगही या ओठगन – 5 अक्टूबर 2023 को रखा जायेगा. जितिया व्रत – 6 अक्टूबर 2023 को रखा जायेगा. इस व्रत का समापन यानी इसका पारण 7 अक्टूबर 2023 को होगी.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत 2023 शुभ मुहूर्तजितिया व्रत के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 06 बजे से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है. इसमें चर-सामान्य मुहूर्त सुबह 06 बजकर 16 मिनट से सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक है. उसके बाद लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 07 बजकर 45 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक है. अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 09 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है. उस दिन का अभिजित मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक है.
Jitiya Vrat 2023: गया में जिउतिया व्रत 6 अक्टूबर को और सात को पारणबिहार के गया में मंगलवार को भारतीय विद्वत परिषद द्वारा विद्वानों की बैठक आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष आचार्य लाल भूषण मिश्रा ने की. उन्होंने बताया कि जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत के भ्रम को दर करने के लिए शास्त्र मंथन किया गया. अनेक धर्म ग्रन्थों के अवलोकन से स्पष्ट हुआ कि इस व्रत का उपवास 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को किया जाएगा. वहीं जितिया व्रत का पारण सात अक्टूबर दिन शनिवार को 10 बजकर 21 मिनट के बाद किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जितिया व्रत की पूजा अष्टमी तिथि प्रदोष काल में की जाती है. 6 अक्टूबर को शाम के समय प्रदोष काल में अष्टमी तिथि है. किंतु सात अक्तूबर को प्रदोष काल में अष्टमी तिथि नहीं है.
Jitiya Vrat 2023 kab hai: सर्वार्थ सिद्धि समेत 2 शुभ योग में जितिया व्रतजितिया व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और परिघ योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग रात में 09 बजकर 32 मिनट से बन रहा है, जो पारण वाले दिन 7 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक है. वहीं परिघ योग सुबह से लेकर अगले दिन प्रात: 05 बजकर 31 मिनट तक है. जितिया व्रत के दिन आर्द्रा नक्षत्र सुबह से लेकर रात 09 बजकर 32 मिनट तक है, उसके बाद से पुनर्वसु नक्षत्र शुरू हो जाएगा.
Jitiya Vrat 2023 kab hai: कब है जितिया व्रत ?इस बार जितिया व्रत 6 अक्तूबर 2023 को है. जितिया व्रत विशेष रूप से बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश में रखा जाता है. महिलाएं इस दौरान पूजा करके इसकी शुरूआत करती है. यह बहुत कठिन व्रत है. जितिया व्रत की शुरुआत नहाय खाय से होती है. इस व्रत के पहले दिन सतपुतिया, झोर भात, मरुआ की रोटी और नोनी का साग खाया जाता है, जो पांच अक्टूबर दिन गुरुवार को है. वहीं दूसरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है, जो 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है. तीसरे दिन इस व्रत का पारण किया जाता है, जो 7 अक्टूबर दिन शनिवार को है.
Jitiya Vrat 2023 Parana time: जितिया व्रत पारण टाइमकाशी के महावीर पंचांग के अनुसार 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को अष्टमी तिथि सुबह 9 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर शनिवार सात अक्तूबर की सुबह 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा. वहीं मिथिला पंचांग के मुताबिक अष्टमी तिथि छह अक्तूबर की सुबह 9 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर सात की सुबह 10 बजकर 32 मिनट तक है. इसलिए शनिवार को अष्टमी तिथि की समाप्ति के बाद ही व्रती पारण करेंगी.
Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत पूजा सामग्रीजितिया व्रत में भगवान जीमूत वाहन, गाय के गोबर से चील-सियारिन की पूजा का विधान है. जीवित्पुत्रिका व्रत में खड़े अक्षत (चावल), पेड़ा, दूर्वा की माला, पान, लौंग, इलायची, पूजा की सुपारी, श्रृंगार का सामान, सिंदूर, पुष्प, गांठ का धागा, कुशा से बनी जीमूत वाहन की मूर्ति, धूप, दीप, मिठाई, फल, बांस के पत्ते, सरसों का तेल, खली, गाय का गोबर पूजा में जरूरी है.
Also Read: Jitiya Vrat 2023: पांच अक्तूबर को सरगही और 6 को जितिया व्रत, सर्वार्थसिद्धि योग में होगी पूजा, जानें डिटेंल्स Jitiya Vrat 2023 Live: जितिया व्रत पूजा विधिजितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद पूजा करें.
इसके बाद महिलाएं भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरे दिन तक वो कुछ भी नहीं खाती.
इस व्रत के पहले दिन सतपुतिया, झोर भात, मरुआ की रोटी और नोनी का साग खाया जाता है.
दूसरे दिन सुबह स्नान के बाद महिलाएं पहले पूजा पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं.
इस व्रत का पारण छठ व्रत की तरह तीसरे दिन किया जाता है.
पारण से पहले महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देती हैं, जिसके बाद ही वह कुछ खाना खा सकती हैं.
हिंदू धर्म में जितिया व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत पुत्र की लंबी आयु के लिए मुख्य रूप से रखा जाता है. इस व्रत को जीवित्पुत्रिका, जिउतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है. इस साल जितया व्रत छह अक्तूबर दिन शुक्रवार को आर्द्रा नक्षत्र व वरीयान योग में माताएं रखेंगी. हर साल जितिया व्रत आश्विन मास के कृष्ण अष्टमी तिथि को रखा जाता है. संतान के दीर्घायु की कामना को लेकर किया जाने वाला जिउतिया व्रत नहाय-खाय के साथ पांच अक्टूबर से आरंभ होगा.