14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UGC New Guideline: ‘भारत सरकार की नीति का पालन करता है JNU’, आरक्षण को लेकर कुलपति ने दिया बड़ा बयान

यूजीसी के दो दिन पहले जारी गाइडलाइन्स पर जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. आइये जानते हैं क्या है ये गाइडलाइन्स और उसपर कुलपति ने क्या कुछ कहा.

UGC Guidelines: यूजीसी ने रविवार को नए गाइडलाइन्स जारी किए हैं. यूजीसी के दिशानिर्देशों पर, जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि “जेएनयू भारत सरकार की नीति का पालन करता है और भारत सरकार ने आरक्षण पर कोई नीति दस्तावेज नहीं दिया है. यह संसद और प्रधान मंत्री की शक्ति है.” पिछले दो वर्षों में, जेएनयू में सबसे अधिक संख्या में आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों की भर्ती की गई है और हमें किसी भी पद को लेकर कोई समस्या नहीं है. हमें हर श्रेणी के लोग नहीं मिल रहे हैं, जिनमें शामिल हैं खुली श्रेणी, क्योंकि लोग बहुत कम उम्र में स्थानांतरित नहीं होना चाहते.

यूजीसी गाइडलाइन्स

विवि और कॉलेजों को अब यूजीसी अनुदान व मान्यता के लिए अपने यहां स्वीकृत पदों के विरुद्ध कम से कम 75% पद नियमित शिक्षकों से भरना होगा. इसके अलावा विवि व कॉलेजों को नैक/एनबीए/एनआइआरएफ रैंकिंग प्राप्त करना जरूरी होगा. यूजीसी ने फिटनेस ऑफ कॉलेज फॉर रिसिविंग ग्रांट रूल का ड्राफ्ट जारी किया है. साथ ही आम लोगों, शिक्षाविदों और संस्थानों से चार मार्च तक इस ड्राफ्ट पर सुझाव या प्रतिक्रिया भी आमंत्रित किया है.

यूजीसी ने बदले नियम

यूजीसी ने मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों के तहत नियमों में बदलाव किया है. कॉलेज में यूजीसी से राशि पाने के लिए तीन से अधिक कार्यक्रमों की पेशकश करनी होगी और कम से कम 60% को मान्यता प्राप्त होनी चाहिए. यदि प्रस्तावित कार्यक्रमों की संख्या तीन से कम है, तो हर कार्यक्रम को मान्यता प्राप्त होनी चाहिए. शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान या राज्य सरकार के मानदंडों का पालन करना होगा. साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की आरक्षण नीति का पालन करना होगा. विवि या कॉलेज को एनआइआरएफ रैंकिंग में शामिल होना होगा. यदि उसने पांच बार भाग लिया है, तो उसे कम से कम तीन बार रैंकिंग सूची में आना होगा. यदि उसने केवल तीन बार भाग लिया है, तो उसे सूची में दो बार शामिल होना होगा.

  • विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 75% नियमित शिक्षकों के पद भरे रहने पर मिलेगा यूजीसी अनुदान

  • हर विवि व कॉलेज का नैक, एनबीए और एनआइआरएफ से रैंकिंग जरूरी

  • यूजीसी ने फिटनेस ऑफ कॉलेज फॉर रिसिविंग ग्रांट रूल्स ड्राफ्ट किया जारी

Also Read: JSSC CGL Exam 2023: परीक्षा से पहले परेशान हुए अभ्यर्थी, आयोग ने कर दी ये बड़ी गड़बड़ी
निर्धारित शुल्क ही ले पायेंगे संस्थान

यूजीसी ने निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों से केवल वही शुल्क लेना होगा, जो केंद्र, राज्य या विवि स्तर पर निर्धारित होगा. इसके अलावा कोई अन्य शुल्क नहीं लेना होगा. हर विवि और कॉलेज में विकास के लिए संस्थान विकास योजना तैयार करना होगा.

Also Read: UGC ने बदले नियम, अब 75% नियमित शिक्षकों का पद भरे रहने पर मिलेगा अनुदान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें