कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बालू के अवैध खनन की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार को कलकत्ता हाइकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि किसी रिपोर्टर से उम्मीद की जाती है कि वह लोगों को अवैध गतिविधियों के बारे में ईमानदारी से जागरूक बनाये. इसके साथ ही कोर्ट ने रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार की जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए उसे हिरासत में लेने पर रोक लगा दी.
अदालत ने बताया कि जिस तरह से पत्रकार ने रिपोर्टिंग की है, इस प्रकार की घटनाओं की उचित रिपोर्टिंग से अपराधियों के खिलाफ उचित कदम उठाने में प्रशासन को मदद मिलेगी. एक ऑनलाइन पोर्टल पर कथित अवैध रेत खनन के बारे में नया लेख प्रकाशित करने वाले पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के एक पत्रकार ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.
अदालत ने यह याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि रिपोर्टर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिये जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि लेख में कहा गया है कि लॉकडाउन के बीच रेत का अवैध खनन हुआ है और बीरभूम जिले के कुछ लोग अजय नदी के किनारे से ट्रकों से रेत की अवैध ढुलाई कर रहे हैं.
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इसके बाद परवेज आलम सिद्दीकी ने बीरभूम के इलमबाजार पुलिस थाने में रिपोर्टर के खिलाफ अतिचार, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी की शिकायत दर्ज करायी थी. अदालत ने रिपोर्टर अभिषेक दत्त राव की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करते हुए पिछले सप्ताह कहा कि एक रिपोर्टर से लोगों को हर प्रकार की अवैध गतिविधियों के बारे में ईमानदारी से जागरूक करने की उम्मीद की जाती है.
माननीय न्यायाधीशों ने कहा, ‘इस प्रकार की घटना की उचित रिपोर्टिंग से अपराध के खिलाफ उचित कदम उठाने में प्रशासन को मदद मिलेगी.’ अदालत ने कहा कि अवैध खनन की शिकायतें लगातार मिल रही हैं और इस प्रकार के खनन को रोका जाना चाहिए.
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Posted By : Mithilesh Jha