जेपी नड्डा की गिरिडीह रैली के पीछे क्या है मकसद, ये दोनों कद्दावर नेताओं की फंसी है प्रतिष्ठा
राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यक्रम गिरिडीह में तय करने के पीछे कई रणनीति है. इस सीट को भाजपा आजसू के भरोसे छोड़ने के मूड में नहीं है. इस रैली के साथ भाजपा ने सीधे तौर पर दो लोकसभा सीट को टारगेट किया है
रांची, आनंद मोहन :
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की गिरिडीह में सभा कर पार्टी ने भावी रणनीति के संकेत दिये हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा के गिरिडीह में आने के कई मायने हैं. पिछले गठबंधन में आजसू के खाते में गयी गिरिडीह सीट पर भाजपा ने चुनावी खेती फिर से शुरू की है. इस सीट पर लंबे समय तक भाजपा की पकड़ रही थी. वर्ष 1996 से 2014 तक वर्ष 2004 को छोड़ कर भाजपा ने जीत हासिल की. इस पुरानी सीट से भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी का आगाज किया है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यक्रम गिरिडीह में तय करने के पीछे कई रणनीति है. इस सीट को भाजपा आजसू के भरोसे छोड़ने के मूड में नहीं है. इस रैली के साथ भाजपा ने सीधे तौर पर दो लोकसभा सीट को टारगेट किया है. गिरिडीह और कोडरमा के साथ-साथ बोकारो और धनबाद के कुछ इलाके को साधने का प्रयास है. कोडरमा और गिरिडीह के संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 12 सीटें हैं. इसमें कोडरमा, राजधनवार, जमुआ और बाधमारा भाजपा के कब्जेवाली सीट हैं.
मतलब साफ है कि इस इलाके में भाजपा के लिए अपनी पकड़ बनाने की चुनौती है. वहीं इस 12 विधानसभा की सीटों में झामुमो और कांग्रेस के पास पांच सीटें हैं. झामुमो के पास गिरिडीह, डुमरी, टुंडी और कांग्रेस के पास बेरमो और गांडेय की सीट गयी है. वहीं आजसू ने गिरिडीह संसदीय सीट की गोमिया विधानसभा सीट में अपना खूंटा गाड़ा था. ऐसे में एनडीए गठबंधन के सामने यूपीए की पकड़ वाली सीटों पर बढ़त बनाने की चुनौती है. भाजपा ने इस रैली के साथ अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है. अपने नेताओं को इस इलाके में झोंका है. आजसू के खाते में गिरिडीह की सीट जाने के बाद इस रैली के बहाने अपने पुराने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज किया है.
आजसू पार्टी को भी कसा
लोकसभा चुनाव की तैयारी के साथ 12 विधानसभा में पकड़ मजबूत करने की कवायद, गिरिडीह-कोडरमा की 12 विधानसभा सीटों में से चार पर भाजपा, एक सीट पर आजसू, आजसू को पैठ बढ़ाने की चुनौती
बाबूलाल-अन्नपूर्णा की प्रतिष्ठा वाली सीटें
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी की राजनीतिक जमीन वाले इलाके से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा ने चुनावी शंखनाद किया है. इस इलाके में भाजपा के ये दोनों कद्दावर नेताओं की प्रतिष्ठा फंसी है. गिरिडीह के राजधनवार से श्री मरांडी विधायक बन कर आये हैं. वहीं अन्नपूर्णा देवी राजद से लेकर भाजपा तक के सफर में कोडरमा की राजनीति की धुरी रही हैं. ऐसे में इन दोनों नेताओं प्रोजेक्ट कर भाजपा इस इलाके में पैठ बढ़ाना चाहती है.
भाजपा और आजसू ने ईमानदारी से झारखंड की लड़ाई लड़ी है : दीपक
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि एनडीए की ताकत आने वाले समय में बढ़ेगी. हमारे साथ नये दल जुटेंगे. अकाली दल हमारे साथ फिर से आया है. आजसू पार्टी के साथ झारखंड में हमारा स्वाभाविक गठबंधन है. हम राज्य गठन से पहले के साथी हैं. भाजपा और आजसू ने ईमानदारी से झारखंड की लड़ाई लड़ी है. हमने आंदोलन को कभी बेचा नहीं है. आनेवाले चुनाव में भी गठबंधन पूरी तरह से इंटैक्ट रहेगा.