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West Bengal : अमित शाह के बाद अब जेपी नड्डा दुर्गापूजा के दौरान करेंगे कोलकाता के पूजा पंडालों का परिदर्शन

अमित शाह के कार्यालय ने राजभवन को पत्र भेजकर यह बात याद दिलायी है. दूसरे शब्दों में कहें तो राज्यपाल बोस अगले ढाई महीने तक राज्य से बाहर कहीं नहीं जा सकेंगे. वह पश्चिम बंगाल से तभी बाहर जा सकते हैं जब उन्हें दिल्ली से बुलाया जायेगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को महासप्तमी के अवसर पर कोलकाता आयेंगे. प्रदेश भाजपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जेपी नड्डा शनिवार सुबह कोलकाता पहुंचेंगे. श्री नड्डा यहां कुछ सामुदायिक पूजा पंडालों का दौरा करेंगे और आयोजकों के साथ-साथ वहां आने वाले लोगों से बातचीत करेंगे. प्रदेश भाजपा के एक नेता ने बताया कि अब तक तय कार्यक्रम के अनुसार श्री नड्डा उस दिन तीन सामुदायिक पूजा समितियों के पंडालों का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि उस यात्रा के दौरान उनके कोई राजनीतिक संदेश देने की संभावना नहीं है. पूरी संभावना है कि वह उसी शाम नयी दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे.

पूजा पंडालों का परिदर्शन करेंगे जेपी नड्डा

उनके अनुसार, इस वर्ष दुर्गा पूजा उत्सव के प्रति पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व काफी गंभीर है. यह पार्टी नेताओं के लिए आम लोगों के साथ बातचीत करने का एक महत्वपूर्ण मौका है. उन्होंने कहा कि वास्तव में, केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के राज्य नेताओं को अधिक से अधिक दुर्गा पूजाओं से जुड़ने का निर्देश दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री ने 16 अक्तूबर को मध्य कोलकाता के लेबुटाला पार्क में संतोष मित्रा स्क्वायर की सामुदायिक पूजा का उद्घाटन करने के लिए कोलकाता का त्वरित दौरा किया था, जिसके मुख्य आयोजक कोलकाता नगर निगम (केएमसी) में भाजपा पार्षद सजल घोष हैं. उस अवसर पर उन्होंने देवी दुर्गा से आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल को हिंसा और भ्रष्टाचार से मुक्त करने का आशीर्वाद मांगा था.

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गृह मंत्रालय के दफ्तर ने सीवी आनंद बोस को भेजा चेतावनी पत्र

देश के गृह मंत्री अमित शाह के दफ्तर ने बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस को बुधवार को एक चेतावनी पत्र भेजा है. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने राज्यपालों के प्रवास पर रोक लगाने के लिए 2015 में कानून में संशोधन किया. इस संशोधन के बाद, राज्यपाल एक वर्ष में कुल 73 दिन अपने राज्य के बाहर बिता सकते हैं. साल ख़त्म होने में अभी ढाई महीने बाकी हैं. इनमें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस विदेश में रहने की अधिकतम सीमा तक पहुंच गये हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजभवन को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी. नियमों के मुताबिक एक राज्यपाल साल में 73 दिन तक राज्य से बाहर रह सकते हैं.

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अगले ढाई महीने तक राज्य से बाहर कहीं नहीं जा सकेंगे

23 नवंबर को राज्यपाल के रूप में सी वी आनंद बोस की जयंती होगी. इस दौरान राज्यपाल के तौर पर उनकी राज्य के अंदर और बाहर की गतिविधियां देखने लायक रहीं. चूंकि वह बार-बार राज्य के बीमारों और संकटग्रस्त लोगों के साथ खड़े होने के लिए दौड़ते रहे हैं, राज्यपाल, जो केरल के निवासी हैं, बार-बार पारिवारिक समारोहों में भाग लेने जाते रहे हैं. उन्हें कभी-कभार दिल्ली में भी देखा गया है. नतीजा ये हुआ कि साल खत्म होने से ढाई महीने पहले ही उनका इमीग्रेशन कोटा खत्म हो गया है. मोदी सरकार ने राज्यपालों के प्रवास पर रोक लगाने के लिए 2015 में कानून में संशोधन किया. इस संशोधन के बाद, राज्यपाल एक वर्ष में कुल 73 दिन अपने राज्य के बाहर बिता सकते हैं. चूंकि राज्यपाल सी वी आनंद बोस पहले ही उस सीमा तक पहुंच चुके हैं, इसलिए अमित शाह के कार्यालय ने राजभवन को पत्र भेजकर यह बात याद दिलायी है. दूसरे शब्दों में कहें तो राज्यपाल बोस अगले ढाई महीने तक राज्य से बाहर कहीं नहीं जा सकेंगे. वह पश्चिम बंगाल से तभी बाहर जा सकते हैं जब उन्हें दिल्ली से बुलाया जायेगा.

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