Jharkhand News: झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission- JPSC) ने सातवीं से दसवीं सिविल सेवा का परीक्षा परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया. जारी परिणाम में जहां कोडराम जिले के मुख्य शहर झुमरीतिलैया के दो युवा चेहरे सन्नी वर्द्धन को नौंवा रैंक मिला, वहीं विश्वप्रताप को 101वां रैंक मिला. इसके अलावा चतरा के गिद्धौर निवासी प्रशांत कुमार को 39वां रैंक मिला है. प्रशांत कुमार झारखंड पुलिस सेवा के तहत डीएसपी बनेंगे.
झुमरीतिलैया में रहकर सन्नी और विश्वप्रताप ने की तैयारी, मिली सफलता
कोडरमा शहर के बाईपास रोड निवासी अजय शुक्ला के पुत्र सन्नी वर्द्धन (सन्नी शुक्ला) को नौंवा रैंक मिलने के कारण डीएसपी के पद के लिए चयन हुआ है. वहीं, गुरुद्वारा रोड निवासी व्यवसायी उदय शंकर सिंह के पुत्र विश्वप्रताप मालवा को 101वां रैंक हासिल हुआ है. दोनों की इस शानदार सफलता पर परिजनों में हर्ष है. दोनों ने झुमरीतिलैया शहर में रहकर ही पढ़ाई की और परीक्षा को लेकर तैयारी किया. इसके बाद इन्हें सफलता मिली.
परिजनों ने जतायी खुशी
सन्नी वर्द्धन के पिता अजय शुक्ला निजी विद्यालय के संचालक हैं, जबकि उनके चाचा संजय शुक्ला पिता स्वर्गीय प्रो देवमुनि शुक्ला 1994 बैच के आईएएस हैं. वे प्रिसिंपल सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं. सन्नी की सफलता पर पिता अजय शुक्ला, चाचा राजन शुक्ला और अन्य ने हर्ष जताया है. देर रात परिजनों ने खुशी में जमकर पटाखे छोड़े.
चतरा के प्रशांत को मिला 39वां रैंक, बनेंगे डीएसपी
चतरा जिला के गिधौर के रहने वाले प्रशांत कुमार को 39वां रैंक मिला है. श्री कुमार डीएसपी बनेंगे. BIT, मेसरा के छात्र अध्यक्ष रहे प्रशांत कुमार काफी होनहार हैं. सामजिक कार्यों के लिए राष्ट्रपति से हो चुकें हैं सम्मानित. इंटरनेशनल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दक्षिण कोरिया में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं. प्रतिभा के धनी प्रशांत दसवीं की पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर, चतरा से और 12वीं डीएवी हेहल से पास किये हैं. प्रशांत ने BIT, मेसरा से केमिकल इंजीनियरिंग करने के बाद एक निजी कंपनी में बतौर सहायक प्रबंधक कार्य किया है. जिसके बाद इन्होंने इग्नू से ग्रामीण विकास से स्नाकोत्तर की डिग्री प्राप्त किया है.
प्रशांत के सुझाव को पीएमओ ने किया स्वीकार
प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रशांत के कई सुझाव जैसे एक देश एक कॉल रेट (रोमिंग फ्री), वृद्धा पेंशन घर-घर तक पहुंचना, सड़क निर्माण के दौरान रिप्लांटेशन मशीन का उपयोग, सड़क दुर्घटना के बचाव से संबंधित,अंगदान की चर्चा मन की बात में करना आदि माना है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने इनके सुझाव पर झारखंड में दिव्यांगों की परीक्षा शुल्क माफ किया है.
प्रशांत के पिता राष्ट्रपति के हाथों हो चुके हैं सम्मानित
बता दें कि प्रशांत के पिता देवचरण दांगी राष्ट्रपति के हाथों वर्ष 2006 में राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपनी माता सुनीता देवी, बड़े भाई प्रवीण कुमार, डॉ ओम प्रकाश पांडेय, मित्र आईएएस अमित कुमार, आशीष मिश्रा और धृति बिरुआ को दिया है.
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Posted By: Samir Ranjan.