JSLPS की पहल- फॉरेस्ट हनी की हुई लॉन्चिंग, सेहत के साथ बनेगा रोजगार का साधन
राज्य के चार जिलों- रांची, लातेहार, खूंटी एवं सिमडेगा के 10 प्रखंडों में 183 गांव में सखी मंडल से जुड़े 9000 परिवारों को वैज्ञानिक विधि से शहद उत्पादन का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा जा रहा है
राज्य के चार जिलों- रांची, लातेहार, खूंटी एवं सिमडेगा के 10 प्रखंडों में 183 गांव में सखी मंडल से जुड़े 9000 परिवारों को वैज्ञानिक विधि से शहद उत्पादन का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा जा रहा है
सखी मंडल की महिलाओं द्वारा तैयार फॉरेस्ट हनी पलाश ब्रांड के तहत होगा उपलब्ध
एमकेएसपी अंतर्गत राज्य में फारेस्ट हनी उत्पादन को किया जा रहा पुर्नजीवित
इनोवेटिव हनी लाईवलीहुड परियोजना के तहत सखी मंडल की महिलाओं द्वारा ‘महिला अग्रणी किसान सशक्तिकरण’ (MAKS) वेबसाइट लाॅन्च
झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस) द्वारा क्रियान्वित महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (एमकेएसपी) अंतर्गत फॉरेस्ट हनी (शहद ) की लॉन्चिंग राज्य के विभिन्न जिलों से आयी सखी मंडल की महिलाओं द्वारा किया गया. इस अवसर पर बिष्णु चरण परिदा, मुख्य परिचालन पदाधिकारी, जेएसएलपीएस और आरिफ अख्तर, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, उपस्थित रहे. झारखंड के सुदूर घने जंगलो में पारंपरिक रूप से उत्पादित होने वाले शहद प्राकृतिक रूप से एकत्र की जाती है. औषधीय गुणों से भरपूर फॉरेस्ट हनी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.
MKSP अंतर्गत राज्य में फाॅरेस्ट हनी उत्पादन को किया जा रहा पुर्नजीवित, पलाश ब्रांड के तहत होगा उपलब्ध
झारखंड के सुदूर ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक रूप से फॉरेस्ट हनी का उत्पादन होता आ रहा है लेकिन सही तकनीक और बाजार व्यवस्था की जानकारी के अभाव में यह विलुप्ति के कगार पर था. आज एमकेएसपी परियोजना के तहत जेएसएलपीएस ने पहल करते हुए राज्य के चार जिलों रांची, लातेहार, खूंटी एवं सिमडेगा के 10 प्रखंडों में 183 गांव के सखी मंडल से जुड़े 9000 परिवारों को वैज्ञानिक विधि से मधु उत्पादन का प्रशिक्षण देकर आजीविका के नये अवसर प्रदान किये जा रहे हैं. इसके अलावा महिलाओं द्वारा उत्पादित शुद्ध शहद सामुदायिक संस्थानों के माध्यम से शहद संग्राहक कर पलाश ब्रांड के तहत पैकेजिंग कर बाजार में उपलब्ध कराये जाएंगे.
इनोवेटिव हनी लाईवलीहुड परियोजना के तहत सखी मंडल की महिलाओं द्वारा ‘महिला अग्रणी किसान सशक्तिकरण’ (MAKS) वेबसाइट लॉन्च
इनोवेटिव हनी लाईवलीहुड परियोजना के तहत #सखी_मंडल की महिलाओं द्वारा ‘महिला अग्रणी किसान सशक्तिकरण’ (MAKS) वेबसाइट, www.maksbusiness.com का किया गया लॉन्च. यह एमकेएसपी- वैल्यू चेन प्रोग्राम के तहत विभिन्न एफपीसी का एक कंसोर्टियम (संघ) है. इसका उद्देश्य एफपीसी को सफल संचालन में पर्यवेक्षण, मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना है. इसका संचालन एफपीसी के बीओडी के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा.
हनी प्रोजेक्ट एक अभिनव पहल है जिसमें महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है : बिष्णु चरण परिदा, सीओओ, जेएसएलपीएस
बिष्णु चरण परिदा, मुख्य परिचालन पदाधिकारी, जेएसएलपीएस ने फॉरेस्ट हनी उत्पादन के जरिये सखी मंडल की महिलाओं को आजीविका के नये अवसर प्रदान कर सशक्त बनाने पर प्रसन्नता जाहिर की. इसके अलावा उन्होंने फॉरेस्ट हनी की पैकेजिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए महिलाओं का उत्साहवर्धन किया. उन्होंने प्रॉडक्ट क्वालिटी पर खास जोर देते हुए बताया कि उनके द्वारा उत्पादित प्रॉडक्ट राज्य के साथ-साथ सरस मेले में राष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों द्वारा खरीदी और पसंद की जाती है, इसलिए अपने स्तर पर इस पर ध्यान देकर ही मार्केटिंग के लिए भेजे. ‘महिला अग्रणी किसान सशक्तिकरण’ (MAKS) वेबसाइट पर भी सुझाव देते हुए उन्होंने इसमें थोड़े बदलाव कर ग्रामीण महिलाओं के लिए आसानी से उपयोग करने युक्त बनाने के लिए गया.
मधुमक्खी पालन परियोजना से जुड़कर सखी मंडल की महिलाएं सशक्त हो रही है : पुष्पा कुशवाहा, बीओडी, दारू एफपीसी, हजारीबाग
हजारीबाग जिले के वन उपज फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीसी), दारु की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पुष्पा कुशवाहा ने संबोधित करते हुए खुशी जाहिर की और कहा, इस परियोजना के जरिये प्रशिक्षण प्राप्त कर आज सिर्फ पुरुष ही नहीं, ग्रामीण महिलाएं मधु उत्पादन कार्य में बढ़-चढ़ कर भाग ले रही हैं. मधुमक्खी पालन के लिए बक्सा बनाने के कार्य से लेकर मधु संग्रहित और पैकेजिंग कर बाजार में खरीद के लिए उपलब्ध करा रहीं हैं.
इस पूरे कार्यक्रम में जेएसएलपीएस राज्य, जिला कर्मी, सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं, भागीदारी संगठन एवं मीडिया कर्मी उपस्थित रहे.