रांची : राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड पुलिस अवर निरीक्षक नियुक्ति नियमावली के लिए संशोधन की स्वीकृति दे दी है. जिसका गजट गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने ऑफिसियल वेबसाइट पर जारी कर दिया है, इसका चयन तीन चरणों में होगा. सबसे पहले शारीरिक दक्षता की परीक्षा पास करनी होगी. इसके लिए पुरूष अभ्यर्थियों को 1 घंटे में 10 किमी की दौड़ पूरी करनी होगी तो वहीं महिलओं को 40 मिनट में पांच किमी की दौड़ लगानी होगी. ये केवल क्वालिफाइंग नेचर का होगा. यानी कि इसमें उत्तीर्ण होना जरूरी है.
अभ्यर्थियों की ऊंचाई की माप चिकित्सा पर्षद करेगा. चिकित्सीय जांच में मुड़ा घुटना, धनु पैर, समतल पैर, अंगुलियों का उचित ढंग से नहीं घुमना, दृष्टि दोष आदि पाये जाने पर अयोग्य घोषित किया जायेगा. संशोधित नियमावली के तहत नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विवि या संस्थान से स्नातक या समकक्ष उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा.
परीक्षा में शामिल होने के वाले उम्मीदवारों को झारखंड के मान्यता प्राप्त संस्थान से 10वीं और 12वीं पास करना जरूरी होगा. इसके अलावा अभ्यर्थी को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना अनिवार्य है.
झारखंड राज्य की आरक्षण नीति के तहत अभ्यर्थियों एवं विभागीय सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर नियुक्ति के मामले में झारखंड राज्य में अवस्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से मैट्रिक/10वीं कक्षा तथा इंटरमीडिएट/10प्लस टू कक्षा उत्तीर्ण होने संबंधी प्रावधान शिथिल रहेगा. नियुक्ति प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जायेगी. शारीरिक दक्षता/जांच परीक्षा, चिकित्सीय जांच परीक्षा एवं लिखित परीक्षा होगी.
मेंस का प्राप्तांक समान रहने पर ऐसे होगा मेधा का निर्धारण : चिकित्सीय जांच में चिकित्सा पर्षद के निर्णय के विरुद्ध अपील के लिए एपेक्स मेडिकल बोर्ड रिम्स अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय चिकित्सा पर्षद को अधिकृत किया गया है. शारीरिक मापदंड/दक्षता परीक्षा एवं चिकित्सीय परीक्षण में सफल अभ्यर्थी ही लिखित परीक्षा के लिए पात्र होंगे.
लिखित परीक्षा के लिए पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को सूची सौंपी जायेगी. आयोग इसे आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगा. लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर रिक्ति के अनुरूप मेधाक्रम में सफल अभ्यर्थियों का अंतिम मेधा सूची/परीक्षाफल प्रकाशित किया जायेगा.
एक से अधिक उम्मीदवारों के प्राप्तांक समान रहने पर मेधा का निर्धारण जन्मतिथि के आधार पर होगा. यदि एक से अधिक अभ्यर्थी के प्राप्तांक और जन्मतिथि समान पाये जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में जिन अभ्यर्थी की ऊंचाई अधिक होगी, उसे प्राथमिकता मिलेगी. उक्त स्थितियों में भी समानता होने की स्थिति में उनके स्नातक या समकक्ष परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर वरीयता का निर्धारण किया जायेगा.
Posted By: Sameer Oraon