जेयू : छात्र की मौत के रहस्य से पर्दा उठाती ब्लैक डायरी, आज बैठक करेंगे जेयू के शिक्षक, यूजीसी टीम करेगी दौरा
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की एंटी रैगिंग सेल की एक टीम जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की जांच करने बुधवार काे यहां आयेगी.
जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत के मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नया-नया घटनाक्रम सामने आ रहा है. मृतक के रूम से एक ब्लैक डायरी पुलिस के हाथ लगी है. यह डायरी मौत का रहस्य खोल रही है. वहीं, पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करते हुए अब तक कुल तीन छात्रों को गिरफ्तार किया है. इन पर मृत छात्र को प्रताड़ित करने का आरोप है. विवि के मेन हॉस्टल के कमरा नंबर 68 से एक ब्लैक डायरी बरामद हुई है. स्वप्नदीप इसी कमरे में रहता था. यह डायरी क्या स्वप्नदीप कुंडू की है. इसे लेकर जांच की जा रही है.
ब्लैक डायरी से मिली कई अहम जानकारियां
पुलिस को इस डायरी से कई अहम जानकारियां मिली हैं. जानकारी के अनुसार, स्वप्नदीप, मनोतोष के रूम में उसके गेस्ट के रूप में रह रहा था. आरोपियों ने पहले भी स्वप्नदीप को कई तरह से भावनात्मक तनाव दिया था. इसके सबूत पुलिस को मिले हैं. स्वप्नदीप के पिता ने सौरभ चौधरी नामक एक छात्र के अलावा एक अन्य छात्र मनतोष घोष के नाम से भी शिकायत की थी. पुलिस सूत्रों के मुताबि, गिरफ्तार छात्रों में दीपशेखर दत्त का घर बांकुड़ा में है. वहीं मनोतोष घोष का घर हुगली के आरामबाग में है.
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अब तक तीन छात्रों को किया गया गिरफ्तार
सुबह-सुबह दोनों छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों छात्रों में से मनोतोष जादवपुर विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग के दूसरे वर्ष का छात्र बताया जा रहा है. जादवपुर आने से पहले आरामबाग हाई स्कूल में पढ़ाई की थी. बताया जाता है कि दीपशेखर अर्थशास्त्र विभाग का द्वितीय वर्ष का छात्र है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों कला छात्र संगठन ‘फोरम फॉर आर्ट्स स्टूडेंट्स’ के सक्रिय सदस्य भी हैं. बताया जाता है कि उस हॉस्टल में सौरभ चौधरी व्यावहारिक तौर पर ‘दादा’ की भूमिका में था और उक्त दोनों छात्र उसके साथ रहते थे.
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आज जेयू के शिक्षक करेंगे बैठक
जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र की मौत की घटना के बाद विवि प्रबंधन पर उठ रहे सवालों को लेकर आज जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के सदस्य व अन्य अधिकारी एक बैठक करेंगे. एसोसिएशन के महासचिव पार्थ प्रतिम राय ने कहा कि हम छात्रों के लिए सुरक्षित परिवेश रखना चाहते हैं. इस घटना से हमारे संस्थान की भी छवि खराब हुई है. ऐसी घटना न हो और छात्र शांति से पढ़ सकें, हॉस्टल में रह सकें, इसके लिए कुछ खास योजना के साथ बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा. इसमें काफी शिक्षक व अधिकारी भाग लेंगे. वहीं, इस घटना के प्रतिवाद में वेस्ट बंगाल कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स एसोसिएशन वेबकूटा की ओर से सोमवार को एक रैली निकाली जायेगी, जिसमें कई प्रोफेसर शामिल होंगे.
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बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने जेयू कैंपस का किया दौरा
पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम जादवपुर यूनिवर्सिटी कैम्पस व हॉस्टल का दौरा किया. आयोग की अध्यक्ष सुदेशना व सलाहकार अनन्या चटर्जी ने छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत की जांच में विस्फोटक जानकारी सामने रखी है. उनका कहना है कि जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र की मौत पर कार्रवाई के लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्यपाल को पत्र लिखा है. पत्र में राज्यपाल से उचित कार्रवाई करने और बाल आयोग की ओर से रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया गया है.
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बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम मृत छात्र के घर पहुंची
पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक टीम मरे विद्यार्थी स्वप्नदीप कुंडू के घर पहुंची. आयोग की सलाहकार अनन्या चटर्जी के नेतृत्व में यह टीम नदिया जिले के बगुला में कुंडू के घर गयी और उसके परिवार के सदस्यों से भेंट की. उन्होंने दावा किया कि कुंडू की मौत उसके साथ किये गये शारीरिक उत्पीड़न का स्पष्ट मामला है, जिसके लिए हम इस अक्षम्य अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त सजा की सिफारिश करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें बताया गया कि विद्यार्थी के साथ भयंकर मारपीट की गयी है व उसके शरीर पर जगह-जगह जलती सिगरेट से दागे जाने के निशान मिले हैं. यह अक्षम्य व जघन्य अपराध है. हम इसे परिणति तक ले जायेंगे. इस मौत के पीछे जो लोग हैं, वे सभी बालिग हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कैंपस में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाये गये थे. विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी इस गलती के लिए अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता.
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कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को भी भेजा गया पत्र
कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को भी पत्र भेजा गया है. लालबाजार से यह जानने को कहा गया है कि हॉस्टल में कितने लोग अवैध रूप से रह रहे हैं. हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज भी जमा करने का आदेश दिया गया है. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने कहा कि ऐसा लगता है कि छात्र को तीसरी मंजिल से धक्का दिया गया है, इससे अन्य छात्र भी आतंक में रहेंगे. इस घटना की निष्पक्ष जांच व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं. दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए.
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यूजीसी की एंटी रैगिंग सेल की टीम करेगी जेयू का दौरा
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की एंटी रैगिंग सेल की एक टीम जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की जांच करने बुधवार यहां आयेगी. सूत्रों के अनुसार, यूजीसी को परिसर में स्थित छात्रावासों में कुप्रबंधन की कई शिकायतें मिली हैं. यह भी सवाल उठ रहे हैं कि यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र कई साल बाद भी हॉस्टल में कैसे रह सकते हैं. यूजीसी ने जेयू अधिकारियों से दुर्घटना को लेकर एक प्रारंभिक रिपोर्ट भी मांगी है, जो आज जमा करनी है. रिपोर्ट मिलने के बाद यूजीसी अपने एंटी-रैगिंग सेल के सदस्यों की टीम जांच के लिये यूनिवर्सिटी आयेगी.
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सौरभ के कहने पर स्वप्नदीप को करते थे प्रताड़ित
जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में बांग्ला विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत के मामले में लालबाजार की टीम ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सौरभ चौधरी को गिरफ्तार करने के बाद उससे पूछताछ कर वहां के दो सीनियर छात्र दीपशेखर दत्ता व मनोतोष घोष को गिरफ्तार किया था. दोनों को अलीपुर कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत सूत्रों का कहना है कि सुनवाई के दौरान दीपशेखर के वकील का आरोप था कि इस मामले में उसके मुवक्किल का नाम कहीं नहीं था. उस पर किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया. कोई शिकायत भी दर्ज नहीं की गयी है. ऐसे में पुलिस ने दबाव में आकर जल्दबाजी में उसे गिरफ्तार किया है. किसी भी शर्त पर उसे जमानत दी जाये. आवश्यक हो, तो वह रोजाना थाने में आकर जांच अधिकारियों से मिलने को भी तैयार है.
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वकील का आरोप, पुलिस ने दबाव में आकर किया गिरफ्तार
इधर, मनोतोष के वकील ने अदालत को बताया कि स्वप्नदीप के पिता की ओर से भी उसके मुवक्किल के खिलाफ शिकायत नहीं की गयी. इस मामले में पुलिस ने धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है. क्या यह 302 का मामला है? यह मामला आइपीसी की धारा 306 के तहत आता है. दाखिले के दौरान इंटरव्यू में मनोतोष का नाम पुलिस को पता चला, जिसके बाद उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी. जब यह घटना घटी, तब मनोतोष विश्वविद्यालय की आम सभा में व्यस्त था. इस घटना से उसका कोई लेना-देना नहीं है. उसे जमानत दी जाये.
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आरोपी दीपशेखर व मनोतोष पर पुलिस को गुमराह करने का आरोप
इधर, इस आरोप पर सरकारी वकील ने कहा कि यह पहली बार नहीं है. गिरफ्तार छात्र इससे पहले भी ऐसी हरकतें कर चुके हैं. यह मामला काफी समय से चल रहा है. दोनों आरोपियों ने सौरभ के कहने पर स्वप्नदीप को हॉस्टल में कई बार परेशान किया था. मृत छात्र को इन दोनों ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था. इन लोगों ने एक डायरी में स्वप्नदीप से कई बातें जबरन लिखवा लीं और कई पन्नों पर उसके कई हस्ताक्षर करवा लिये. हमने उस डायरी को भी बरामद किया है. इन दोनों आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की. वे शुरू से ही जांच में असहयोग कर रहे थे. इस घटना में काफी जानकारी का खुलासा नहीं हो पाया है. यह सुनने के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को 22 अगस्त तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
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जादवपुर यूनिवर्सिटी की घटना को लेकर हाईकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका
जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत के मामले में रैगिंग का आरोप सामने आया है. इस बार इस घटना को लेकर सोमवार को हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी. वकील सायन बंद्योपाध्याय ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का ध्यान जादवपुर घटना के मद्देनजर विश्वविद्यालयों में हो रहे रैगिंग की ओर आकर्षित किया. यूजीसी इस संबंध में उचित कार्रवाई करे. इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश को इस घटना से रुबरु कराते हुए जनहित याचिका दायर करने की अनुमति मांगी गयी. हाईकोर्ट ने अर्जी मंजूर कर ली. जादवपुर के छात्र की मौत से जुड़े मामले की सुनवाई इसी सप्ताह होने की संभावना है.
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जेयू के बहाने वामपंथियों पर साधा जा रहा निशाना : सुजन
जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के हॉस्टल में प्रथम वर्ष के छात्र की मौत को लेकर तृणमूल और भाजपा, वामपंथियों पर निशाना साधने की कोशिश में हैं. यह आरोप माकपा केंद्रीय कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने लगाया है. एसएफआइ ने भी दावा किया है कि विश्वविद्यालय के अधिकारी खुद की नाकामी को छिपाने के लिए छात्रों को खलनायक बना रहे हैं, क्योंकि वे सरकार के करीबी हैं. सुजन चक्रवर्ती ने कहा : इस दिन वहां के छात्रों ने मुझे बताया कि जिनके खिलाफ शिकायत की गयी है, उनकी राजनीतिक पहचान उनके फेसबुक अकाउंट को देखकर समझा जा सकता है. ये लोग इसी बहाने जादवपुर विश्वविद्यालय के वामपंथियों के खिलाफ विरोध का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसका विरोध होना चाहिए. उन्होंने कहा कि असली मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की यह कवायद है, ताकि विश्वविद्यालय के अधिकारियों को बचाया जा सके. उन्होंने अपने कर्तव्य में लापरवाही बरती है. चूंकि वे सरकार के समर्थक हैं, इसलिए वामपंथियों पर निशाना साधा जा रहा है.
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