Jud Sheetal 2022: मिथिलांचल का नववर्ष यानी जुड़ शीतल आज मनाया जा रहा है. जुड़ शीतल का अर्थ होता है आपका जीवन शीतलता से भरा रहे. मिथिलांचल के घर-घर में आज भी यह परंपरा पूरे उत्साह के साथ निभाई जाती है. इस पर्व के लिए एक दिन पहले पारंपरिक पकवान और भोजन बनाए जाते हैं. दाल पुड़ी, सहजन की सब्जी, कढ़ी चावल, कच्चे आम की चटनी, पारंपरिक पकौड़े आदि बनाये जाते हैं. इस दिन देवी-देवता की पूजा करने के बाद ब्राह्मण भोज कराया जाता है. इस दिन अनाज, सब्जी, फल दान देने की भी परंपरा है.
जुड़ शीतल पर्व फसल, देवी और भगवान के प्रति आभार प्रकट करने और भरपूर बारिश और अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करने के लिए मनाया जाता है. चूंकि चूल्हे को त्योहार के दिन आराम दिया जाता है और इसका उपयोग नहीं किया जाता है, इसलिए कुछ विशेष खाद्य पदार्थ हैं जो जुड़ शीतल के उत्सव के लिए एक दिन पहले ही तैयार किए जाते हैं. और बासी भोजन ही करते हैं. इस खाने को घर से जुड़ी हर चीज को जैसे खिड़की, दरवाजे, चौखट, आंगन आदि को भोग लगाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी बासी खाना खाता है उसे साल भर पीत्त की बीमारी नहीं होती.
इस दिन सबसे पहले घर के बड़े बच्चों के सिर पर ठंडा या बासी पानी डाल कर उनके माथे को ठंडा करते हैं. ऐसा करने के पीछे मान्यता यह है कि इससे जीवन में शीतलता आती है. फिर घर के देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. तुलसी में घड़ा बांधा जाता है जिसमें एक छेद होता है और उसमें कुश फंसाया जाता है जिससे बूंद-बूंद कर पानी तुलसी में पूरे बैशाख टपकता रहता है. इस दिन लोग घर के हर पेड़-पौधे में पानी डालते हैं. सड़क पर भी पानी के छींटे मारे जाते हैं ताकि सड़क पर चल रहे राहगीरों को ठंडक मिल सके.