बेतला में जूही, सीता, कालभैरव की खूब हुई खातिरदारी, परोसे गये पौष्टिक आहार

Jharkhand news, Latehar news : पलामू टाइगर रिजर्व अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क के जूही ,कालभैरव ,सीता, मुर्गेश और राखी नाम की हाथियों में नई ऊर्जा का संचार और मानसिक आराम पहुंचाने के उद्देश्य से पीटीआर प्रबंधन द्वारा 3 दिवसीय रिजुविनेशन कैंप के पहले दिन सभी हाथियों को खूब अच्छी तरह से नहला- धुला कर तेल मालिश की गयी. इस दौरान इन हाथियों को पौष्टिक आहार भी दिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2020 6:11 PM
an image

Jharkhand news, Latehar news : बेतला ( संतोष) : पलामू टाइगर रिजर्व अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क के जूही ,कालभैरव ,सीता, मुर्गेश और राखी नाम की हाथियों में नई ऊर्जा का संचार और मानसिक आराम पहुंचाने के उद्देश्य से पीटीआर प्रबंधन द्वारा 3 दिवसीय रिजुविनेशन कैंप के पहले दिन सभी हाथियों को खूब अच्छी तरह से नहला- धुला कर तेल मालिश की गयी. इस दौरान इन हाथियों को पौष्टिक आहार भी दिया गया.

बेतला वन प्रक्षेत्र के रेंजर प्रेम प्रसाद ने बताया कि हाथी के सिर में अरंडी का तेल और पैर में नीम का तेल लगाया गया. वहीं, दांत और नाखूनों की अच्छी तरह से सफाई की गयी. इसके बाद उन्हें अनानास, केला सहित अन्य फलों को खिलाने के बाद जंगल में छोड़ दिया गया. दोपहर बाद भी उन्हें पौष्टिक भोजन दिया गया. ऐसा किये जाने पर हाथियों की रौनक बदल गयी है. धूल, मिट्टी वगैरह की सफाई हो जाने से हाथियों की त्वचा साफ दिखने लगी है. हाथियों में गजब का उत्साह भी दिखने लगा है. रेंजर ने बताया कि इस दौरान हाथियों से कोई काम नहीं लिया जायेगा.

Also Read: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दर्ज कराया मुकदमा
पीटीआर में पहली बार हुआ रिजूविनेशन

पलामू टाइगर रिजर्व में वर्ष 1984 से ही पालतू हाथियों को सिर्फ बेतला में रखा गया है. हालांकि, अब तक कई पालतू हाथियों की मौत भी हो गयी है. इनमें चंपा, चमेली, रजनी ,अनारकली आदि के नाम शामिल हैं. उस समय के केवल जूही हाथी ही बची हुई है. कालभैरव, मुर्गेश और सीता को तीन वर्ष पहले कर्नाटक से लाया गया है, जबकि राखी को गारू वन प्रक्षेत्र से लाया गया है. कुछ समय पहले जंगली हाथिनी की वज्रपात के चपेट में आने से मौत हो गयी थी. इसके बाद उसकी बच्ची को बेतला लाया गया था, जिसे राखी नाम दिया गया. राखी को जीवनदान देने में तत्कालीन मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती का नाम उल्लेखनीय है. उन्होंने बेतला दौरा के क्रम में रांची से डॉ बुलाकर राखी की स्वास्थ जांच करायी थी. इसके बाद उसे बचाया जा सका था. पीटीआर के इतिहास में यह पहली बार है जब हाथियों के लिए रिजूविनेशन कैंप की शुरुआत की गयी है, जबकि देश के अन्य नेशनल पार्क में मौजूद हाथियों के लिए इस तरह के कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष चलाया जाता है.

पीसीसीएफ (वाइल्ड ) ने जताया हर्ष

पिछले हफ्ते प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ वाइल्ड) एचएस गुप्ता सपरिवार बेतला पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने हाथियों की दशा को देख कर विभागीय पदाधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिये थे. बेतला में हाथियों के रिजूविनेशन की शुरुआत करने पर उन्होंने हर्ष जताया है.

त्योहार जैसा माहौल देने का हो रहा है प्रयास : डिप्टी डायरेक्टर

पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष ने बताया कि पालतू हाथियों के लिए यह जरूरी कदम है. इस वर्ष इस तरह के कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है, जो आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगा. पूरे वर्ष के दौरान कुछ दिनों तक हाथियों को भी त्योहार जैसा माहौल मिले इसका प्रयास किया जा रहा है.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version