Doctor’s Strike: NEET PG काउंसिलिंग कराने की मांग पर जूनियर डॉक्टर्स का हड़ताल, बोले- हम इंसान हैं जानवर नहीं

मंगलवार 28 दिसंबर को और तेज हो गई. अब सभी विभागों के जूनियर डॉक्टर एक साथ आ गए है. SRN (स्वरूप रानी हॉस्पिटल) में सभी सेवाओं का बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2021 8:40 PM
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Prayagraj News: दिल्ली में आंदोलित जूनियर डॉक्टरों के साथ अभद्रता और फिर गिरफ्तारी के विरोध में प्रयागराज में हड़ताल शुरू हो गई है. मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में दिल्ली की घटना के विरोध में सोमवार को शुरू हुआ धरना प्रदर्शन मंगलवार 28 दिसंबर को और तेज हो गई. अब सभी विभागों के जूनियर डॉक्टर एक साथ आ गए है. SRN (स्वरूप रानी हॉस्पिटल) में सभी सेवाओं का बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए हैं.

नीट पीजी काउंसिलिंग कराने की मांग

दिल्ली में डॉक्टरों के साथ हुई अभद्रता को लेकर विरोध कर रहे मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है, ‘डॉक्टर भी इंसान हैं रोबोट नहीं है.’ कोविड पैंडेमिक के समय उन्होंने लगातार बिना थके और बिना रुके काम किया है. अब एक बार फिर ओमिक्रॉन का वेब आने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी तक नीट की परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद फर्स्ट इयर के छात्रों की काउंसिलिंग नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि काउंसिलिंग की डेट आने के बाद ओबीसी और एससी एसटी के छात्रों की काउंसलिंग को लेकर मामला कोर्ट में जाने से इसमें देरी हो रही है.

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…तो बढ़ जाएगा दबाव

डॉक्टर ने कहा कि हाइकोर्ट के सरकार से बार-बार जवाब मांगे जाने पर भी जवाब नहीं दिया जा रहा है. सरकार यदि हाइकोर्ट को मामले से संबंधित जवाब तय तारीख पर दे दे तो उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही काउंसिलिंग हो जाएगी. जूनियर रेजीडेंट टू का कहना है कि सीनियर के पास आउट होने के बाद यदि फर्स्ट इयर के छात्र नहीं आए तो मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर पर दबाव बढ़ जाएगा. पिछले साल कोविड कॉल में भी हमने बिना रुके 24 से 36 घंटे लगातार काम किया है.

मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे

उन्होंने कहा कि अब ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में फर्स्ट इयर के छात्रों की काउंसिलिंग होना स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहद जरूरी हो गया है. साथ ही, धरने पर बैठे डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ जो बर्बरता वाला व्यवहार हुआ है वह सरासर अन्याय है. ऐसा व्यवहार करने वालों को माफी मांगनी चाहिए. इस दौरान रेजीडेंट डॉक्टर लगातार कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे.

रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी

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