Kaal Bhairav Jayanti 2022: इस दिन है काल भैरव जयंती, महाकाल को ऐसे करें प्रसन्न
Kaal Bhairav Jayanti 2022: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान काल भैरव का अवतरण हुआ था. इस वर्ष काल भैरव जयंती 16 नवंबर यानी अगले बुधवार के दिन मनाई जा रही है.
Kaal Bhairav Jayanti 2022: काल भैरव, भगवान शिव के रौद्र रूप को कहा जाता है और काल भैरव से संबंधित काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इसी दिन भगवान काल भैरव का अवतरण हुआ था. इस वर्ष काल भैरव जयंती 16 नवंबर यानी अगले बुधवार के दिन मनाई जा रही है.
काल भैरव जयंती 2022 मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार काल भैरव जयंती यानी की मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 16 नवंबर 2022 को सुबह 05 बजकर 49 से शुरू होगी. अष्टमी तिथि का समाप्त 17 नवंबर 2022 को सुबह 07 बजकर 57 होगी.
ब्रह्म मुहूर्त – 05.02 – 05.54 (16 नवंबर 2022)
अमृत काल मुहूर्त – 05.12 – 06.59 (16 नवंबर 2022)
निशिता काल मुहूर्त – 16 नवंबर 2022, रात 11.45 – प्रात: 12.38, 17 नवंबर 2022
भगवान काल भैरव की पूजन विधि
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण की अष्टमी तिथि को प्रातः स्नान आदि करने के पश्चात व्रत का संकल्प लें.
काल भैरव भगवान का पूजन रात्रि में करने का विधान है.
इस दिन शाम को किसी मंदिर में जाएं और भगवान भैरव की प्रतिमा के सामने चौमुखा दीपक जलाएं.
अब फूल, इमरती, जलेबी, उड़द, पान, नारियल आदि चीजें अर्पित करें.
फिर वहीं आसन पर बैठकर कालभैरव भगवान का चालीसा पढ़ें.
पूजन पूर्ण होने के बाद आरती करें और जानें-अनजाने हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे.
काल भैरव जयंती महत्व
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया काल भैरव जयंती के दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव भगवान की पूजा का विधान बताया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान और पूरी निष्ठा के साथ भगवान काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर से भय समाप्त होता है. इसके अलावा काल भैरव भगवान की पूजा करने से ग्रह बाधा और शत्रु बाधा भी दूर होती है.
भगवान काल भैरव व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुरूप फल और परिणाम देने के लिए जाने जाते हैं. अर्थात यदि आपके कर्म अच्छे हैं तो काल भैरव भगवान व्यक्ति को शुभ परिणाम देते हैं वहीं,अनैतिक काम करने वाले लोगों को भगवान काल भैरव दंड देने से भी नहीं चूकते हैं.