साल 2022 की शुरुआत में इन राशियों पर बन रहा है कालसर्प योग, जानिए इससे बचने के आसान उपाए
Kaal Sarp Dosh in 2022: कालसर्प दोष का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न होने लगता है. लोगों के बीच में ऐसी धारणा बन चुकी है कि कालसर्प दोष सदैव कष्टकारी ही होता है. इस बार नए साल 2022 की शुरुआत में ही कालसर्प योग बन रहा है.
Kaal Sarp Dosh in 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2022 की जन्म कुंडली में कालसर्प योग का बनना कुछ राशियों के लिए बहुत भारी पड़ सकता है.ज्योतिषाचार्य के अनुसार 4 राशि वाले राशि वालों के लिए मुश्किलें लेकर आएगी, लेकिन इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं इससे बचने के लिए भी ज्योतिष में उपाए बताए गए हैं. ऐसी स्थिति से राहत पाने के लिए कुछ उपाय कर लेना बेहतर रहेगा.
वृषभ : साल 2022 की कुंडली में बन रहा कालसर्प योग वृषभ राशि के जातकों के लिए मुश्किलें ला सकता है. खासतौर पर शुरुआती 3 महीनों में सावधान रहने की सबसे ज्यादा जरूरत है. इसके कारण उनकी मां को सेहत संबंधी समस्या हो सकती है. इसके अलावा उनके साथ चोरी या ठगी हो सकती है, लिहाजा सावधान रहें.
कन्या : यह स्थिति कन्या राशि के जातकों के लिए आंशिक विष योग बना रही है. बाहर की चीजें कम से कम खाएं. 24 अप्रैल 2022 तक खाने-पीने को लेकर सावधान रहें. यदि नशा करते हैं तब सावधान रहने की जरूरत ज्यादा बढ़ जाती है.
वृश्चिक : वृश्चिक राशि के जातकों को भावनात्मक चोट लग सकती है. दूसरों के विचारों को खुद पर हावी न होने दें अन्यथा डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं. खासतौर पर 24 अप्रैल 2022 तक का समय इस मामले में ज्यादा मुश्किल रहेगा.
मीन ; मीन राशि के लोगों को यह समय कुछ अलग अनुभव कराएगा. किसी ऐसे व्यक्ति से सामना होगा जो आपके लिए हिला देने वाला अनुभव रहेगा. किसी से बिछड़ने का गम रहेगा. धैर्य से इस समय को निकालना ही बेहतर रहेगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है. ऐसे लोगों को कालसर्प दोष की शांति करानी चाहिए. ऐसे करने से सभी कष्ट दूर होते हैं.
1. कालसर्प दोष के निवारण के लिए किसी सपेरे से नाग-नागिन लेकर उन्हें मुक्त कराना चाहिए. ये विधि इस दोष से मुक्ति में मदद करती है.
2. हर बुधवार को नागदेवता की प्रतिमा या तांबे के नाम में चंदन या केवड़े के इत्र लगाकर पूजा करनी चाहिए.
3. तांबे के नाग-नागिन की पूजा कर उन्हें बहते हुए पानी में प्रवाहित करें.
4. अगर काल सर्प दोष से पीड़ित है, तो हर सोमवार शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाएं.
5. हर दिन 108 ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए.
6. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और बिल्वपत्र भगवान शिव को अर्पित करें.