19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Kaalkoot Review: समाज में पुरुषों की कंडीशनिंग पर ना सिर्फ सवाल उठाती है बल्कि विचार करने को भी करती है मजबूर

Kaalkoot Review: सीरीज की कहानी रवि त्रिपाठी (विजय वर्मा )की है. जिसके नामचीन शिक्षक पिता (तिग्मांशु धूलिया )का निधन हो गया है और वह अपनी मां (सीमा विश्वास )के साथ रहता है. हाल ही में उसे पुलिस की नौकरी लगी है, लेकिन वह इस नौकरी से खुश नहीं है.

वेब सीरीज – कालकूट एफआईआर के काले पन्ने

निर्देशक -सुमित सक्सेना

कलाकार -विजय वर्मा, श्वेता त्रिपाठी, यशपाल शर्मा, सीमा बिस्वास और अन्य

प्लेटफार्म – जिओ सिनेमा

रेटिंग – तीन

मौजूदा दौर ओटीटी स्पेस में पुलिस महकमे और उससे जुडी कार्यवाही कहानी की अहम धुरी बन गए हैं , इसी की अगली कड़ी कालकूट भी है. यहां भी पुलिस महकमा है, लेकिन यह सीरीज उन्हें भ्रष्ट या ईमानदार नहीं दिखाती है बल्कि उन्हें एक ऐसे समाज के उत्पाद के रूप में चित्रित करती हैं जो महिलाओं के मामले में आलोचनात्मक है. पितृसत्ता सोच जिस तरह से समाज में रच बस गयी है, वह उनके काम पर भी हावी हो गयी है। यह सीरीज समाज में पुरुषों की कंडीशनिंग पर सवाल करती है.

पितृसत्ता सोच पर चोट करती है कहानी

सीरीज की कहानी रवि त्रिपाठी (विजय वर्मा )की है. जिसके नामचीन शिक्षक पिता (तिग्मांशु धूलिया )का निधन हो गया है और वह अपनी मां (सीमा विश्वास )के साथ रहता है. हाल ही में उसे पुलिस की नौकरी लगी है, लेकिन वह इस नौकरी से खुश नहीं है, क्योंकि उसे इस काम में रीढ़ की हड्डी नहीं महसूस होती है. वह नौकरी से इस्तीफा भी दे देता है ,लेकिन उसका एसएचओ(गोपाल दत्त ) इस्तीफे को यह कहते हुए अस्वीकार कर देता है कि तुम्हारे अंदर मर्दों वाली खूबियां नहीं हैं. वह रवि को शहर में हुए एक भयानक एसिड हमले की जांच सौंप देता है। इस केस की तहकीकात करते हुए जब मांमले से जुडी भयावहता उसके सामने आती है , तो वह उसके करियर के – साथ साथ निजी ज़िन्दगी में भी कई बदलाव लेकर आता है.यही आठ एपिसोड की कहानी है.

स्क्रिप्ट की खूबियां और खामियां

आठ एपिसोड वाली यह कहानी महिलाओं से जुड़ी समाज की जहरीली मानसिकता को सामने लेकर आती है, लेकिन मेकर्स ने इस बार महिला पात्र को कहानी का नायक नहीं बनाया है बल्कि पुरुष को बनाया है. जो इस सीरीज को हालिया रिलीज हुई कई वेब सीरीज से अलग भी बना गया है. सीरीज धीरे – धीरे आगे बढ़ती है. कई बार यह सब्र का इम्तिहान भी लेती है लेकिन परत दर परत यह सीरीज समाज के कई अँधेरे पक्ष को सामने लेकर आती है. एक छोटे शहर की एक युवा लड़की की इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं की पड़ताल करती है और अगर उसके कुछ फैसले गलत हो जाते हैं तो समाज उसे किस तरह लेबल में बांध देता है और नैतिकता के नाम पर वह उसे खुद सजा देने का अधिकारी भी मान लेता है. यह सीरीज इस मानसिकता पर चोट करती है. सीरीज रिवेंज पोर्न से लेकर होमोफोबिया और बड़े पैमाने पर कन्या भ्रूण हत्या से लेकर महिला समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह से लेकर घेरलू हिंसा तक को कहानी की कई परतों में जोड़ा है.

कालकूट की खामियां

कालकूट इस बात को भी सामने लेकर आती है कि जिस नदी में वह अपनी बेटियों की ह्त्या कर फेंक रहे हैं,एक दिन वह जहरीला बनकर उन पर पलटवार भी करेगा. सीरीज की खामियों की बात करें तो यह सीरीज लैंगिक असमानता की बात सशक्त तरीके से करती है , लेकिन इस आठ एपिसोड की सीरीज में किसी भी महिला पात्र को वह आवाज़ नहीं मिली है, जो कहानी की अहम ज़रूरत थी. फिर चाहे वह श्वेता त्रिपाठी का किरदार हो या फिर सीमा विश्वास का. फिल्म के ज़्यादातर महिला किरदार आधे अधूरे से लगते हैं. यह बात अखरती है. सीरीज शुरुआत से बहुत ही रियलिस्टिक ट्रीटमेंट के साथ धीरे – धीरे ही सही आगे बढ़ी है , लेकिन अचानक से सीरीज के क्लाइमेक्स में रवि के किरदार को एंग्री यंग मैन वाला टच क्यों दे दिया गया है. यह भी समझ से परे लगता है. सीरीज के सब प्लॉट्स पर थोड़ा और काम करने की जरूरत थी. सीरीज के संवाद विषय के साथ न्याय करते हैं. गाने सीन्स को और प्रभावी बना गए हैं.

विजय वर्मा फिर चमके

अभिनय की बात करें तो एक बार फिर विजय वर्मा ने उम्दा परफॉरमेंस दी है , जिस तरह से आठ एपिसोड में उन्होंने बारीकी के साथ अपने किरदार को जिया है. उसके लिए उनकी तारीफ होनी चाहिए. यशपाल शर्मा याद रह जाते हैं. विजय वर्मा के साथ उनकी स्क्रीन जुगलबंदी अच्छी बन पड़ी है. श्वेता त्रिपाठी अपनी भूमिका के साथ न्याय करती हैं , लेकिन उनके पास ज़्यादा कुछ करने को नहीं था. उनके किरदार को थोड़ा और डिटेल में लिखे जाने की ज़रूरत थी. यही चूक सीमा विश्वास जैसी उम्दा अभिनेत्री के किरदार के साथ भी हुई है. गोपाल दत्त ने ग्रे किरदार में बखूबी अपनी छाप छोड़ी है. वह आमतौर पर अपने कॉमेडी किरदारों के लिए जाने जाते हैं. इस बार उन्होंने ग्रे स्पेस में अच्छा काम किया है. बाकी के किरदार भी अपनी- अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय कर गए हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें