Kal Sarp Dosh: हमारी कुंडली में कई तरह के योग बनते हैं. इन्हीं में से एक योग है- कालसर्प योग। इसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति को धन का अभाव, संतान की हानि, दांपत्य सुख में बाधा, आजीविका में बाधा, कारागार का भय, स्वजनों से त्याग, अकाल मृत्यु आदि हो सकते हैं. इस योग के कारण जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है.
लंबे समय तक रहेगा कालसर्प दोष
14 दिसंबर 2021 प्रातः 7:49 से राहु वृषभ राशि में केतु वृश्चिक राशि में रहेंगे। इनके मध्य सारे ग्रह रहने से ब्रह्मांड में कालसर्प योग निष्पादित होगा. वैसे तो कालसर्प दोष काफी लंबे समय तक रहेगा, लेकिन चंद्रमा के कारण यह कालसर्प योग बीच-बीच में भंग भी होगा.
14 दिसंबर से बन रहे कालसर्प योग के बाद चंद्रमा 17 दिसंबर को राहु केतु के बीच से बाहर आ जाएंगे, जिससे यह योग खंडित हो जाएगा. लेकिन यह कालसर्प योग पुन: शुक्रवार 31 दिसंबर को पूर्ण रूप से सुबह 5 बजे बन जाएगा, ऐसे में आने वाला 2022 के साल का प्रारंभ कालसर्प योग में ही होगा. जबकि 13 जनवरी को एक बार फिर ये योग खंडित हो जाएगा. जो 14 से 15 दिनों तक खंडित रहेगा. और फिर यह योग गुरुवार, 27 जनवरी से पुन: प्रारंभ हो जाएगा, जो रविवार, 24 अप्रैल 2022 तक रहेगा. जिसके बाद यह पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा.
क्या करें इस समय
जिन जातकों की जन्म पत्रिका के अंदर कालसर्प योग नेगेटिव प्रभाव दे रहा है. वह जातक इस समय कालसर्प दोष की शांति अवश्य कराएं. क्योंकि इस समय ब्रह्मांड में भी कालसर्प योग निष्पादित है. इसलिए इस समय कालसर्प दोष की शांति विशेष तौर पर सर्वोपरि रहेगी.
कालसर्प इनके लिए होता भाग्यशाली
जिस व्यक्ति की कुण्डली में राहु अपनी उच्च राशि वृष या मिथुन में होता है वह राहु की दशा में सफलता की बुलंदियों पर पहुंच जाते हैं. उच्च का अथवा स्वराशि का गुरू भी व्यक्ति के लिए लाभप्रद होता है. कालसर्प योग वाले व्यक्ति की जन्मपत्री में गुरू और चन्द्र एक दूसरे से केन्द्र में हों अथवा साथ बैठें हों तो ऐसा व्यक्ति भी निरंतर उन्नति करता है.