पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि कब है? जानें प्रदोष व्रत की पूजा विधि और शुभ समय

भौम प्रदोष के दिन स्नान के बाद सफेद या नारंगी रंग के कपड़े पहनें चाहिए, इसके बाद बेलपत्र के पेड़ में जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें. दिनभर निराहार रहकर शिव जी का स्मरण करें.

By Radheshyam Kushwaha | January 15, 2024 3:22 PM

Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. पौष मास के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 23 जनवरी 2024 दिन मंगलवार को है. मान्यता है कि कर्ज से मुक्ति के लिए भौम प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत के शिव जी संध्याकाल में कैलाश पर प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं और समस्त देवी-देवता उनकी उपासना करते हैं, इस दिन प्रदोष काल शिव साधना करने से सारी मनोकामना पूरी होती है.

भौम प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 जनवरी 2024 दिन सोमवार की शाम 07 बजकर 51 से होगी और 23 जनवरी 2024 दिन मंगलवार को रात 08 बजकर 39 मिनट तक मान्य रहेगी. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. प्रदोष काल में शिव पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 52 मिनट से रात 08 बजकर 33 तक है.

प्रदोष व्रत पूजन विधि

भौम प्रदोष के दिन स्नान के बाद सफेद या नारंगी रंग के कपड़े पहनें चाहिए, इसके बाद बेलपत्र के पेड़ में जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें. दिनभर निराहार रहकर शिव जी का स्मरण करें. फिर शाम के समय स्नान कर बेलपत्र के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं. केसर मिश्रित दूध से शिव शंभू का अभिषेक करें. भांग, धतूरा, भस्म, बेलपत्र आदि शिव को चढ़ाएं. भगवान शिव को साबुत चावल की खीर अर्पित करें और आरती कर प्रसाद ग्रहण करें.

मंगल दोष से मुक्ति दिलाता है भौम प्रदोष व्रत

भौम प्रदोष के दिन सुबह हनुमान जी को चोला चढ़ाएं, चमले के तेल का दीपक लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. फिर हलवे का भोग लगाकर गरीबों में बांट दें. मंगल दोष से मुक्ति और विवाह में आ रही अड़चने दूर करने की प्रार्थना करें.

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प्रदोष व्रत से पहले इन बातों का रखें ख्याल

प्रदोष व्रत की पूजा में कभी भी काले रंग के वस्त्र धारण करके नहीं बैठना चाहिए. अगर आप प्रदोष व्रत रख रहे हैं तो कोशिश करें कि इस दिन किसी भी तरह का गलत काम ना करें. भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. शिवजी को नारियल का पानी कभी नहीं चढ़ाना चाहिए. भगवान शिव की पूजा के दिन आप हरे, लाल, सफेद, केसरिया या पीले के वस्त्र पहन सकते हैं.

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