Kabaddi Player’s leg amputated: लुधियाना के एक युवा कबड्डी खिलाड़ी का एक आशाजनक करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया. कुछ बदमाशों ने आपसी प्रतिद्वंद्विता में आकर धैपाई गांव के उभरते हुए कबड्डी खिलाड़ी दलवीर सिंह (23) का करियर बर्बाद कर दिया, जो पंजाब के कबड्डी जगत में वीरी धैपाई (Veeri Dhaipai) के नाम से जाने जाते हैं. कबड्डी में उसकी बढ़ती प्रसिद्धि को देख कुछ बदमाशों ने बाइक में टक्कर मारकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. वह फिलहाल दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच), लुधियाना के ट्रॉमा आईसीयू में अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
दरअसल, हादसे में वीरी धैपाई का पैर जांघ से टूट गया और सिर पर गंभीर चोटें लगी, लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने बहादुरी से मौत से लड़ाई की. वहीं, शुक्रवार की रात डॉक्टरों के मुताबिक जिस पैर में रॉड डाली गई थी, उसमें इन्फेक्शन ज्यादा थी. वह और बढ़ रहा था, इसलिए मजबूरन वीरी का एक पैर काटना पड़ा. जिससे इस खिलाड़ी का कबड्डी स्टार खिलाड़ी बनने का सपना टूट गया. उनके परिवार का कहना है कि दलवीर को गांव के कुछ बदमाशों ने निशाना बनाया था. उन्होंने उसे पहले भी धमकी दी थी कि वे ‘उसे खेलने नहीं देंगे और उसके पैर तोड़ देंगे.’
खिलाड़ी के परिवार के लिए अब जो कुछ बचा है वह ट्रॉफियों और पदकों से भरा एक कमरा है जो उनके बेटे ने अपने छोटे लेकिन शानदार कबड्डी करियर में जीते थे. इसके साथ ही एक चिंता यह है कि होश में आने के बाद वे उसे उसके कटे हुए पैर के बारे में कैसे बताएंगे और ये सच भी कि शायद वह फिर कभी कबड्डी नहीं खेल पाएगा.
दलवीर के पिता दविंदर सिंह, जो एक फैक्ट्री कर्मचारी हैं और लगभग 12,000 रुपये प्रति माह कमाते हैं. वह अपने छोटे बेटे पर आई इस त्रासदी से दुखी और वित्तीय संकट से भी जूझ रहे हैं. उन्हें अपने बेटे के आगे के इलाज के लिए मदद की जरूरत है. उन्होंने बताया कि, ‘वह हमारा एकमात्र सहारा था… वह प्रसिद्ध होने लगा था. वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा था क्योंकि कबड्डी उसका जुनून था. वह बचपन से खेल रहा है और हमारे गांव में एक कोच उसे प्रशिक्षण दे रहे थे. हाल ही में उसने सीएम भगवंत मान द्वारा आयोजित ‘खेडां वत्तां पंजाब दियां’ में भी हिस्सा लिया था. वह 26 जून को कनाडा के सरे में अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में भाग लेने वाला था और 20 जून को उसकी फ्लाईट थी, लेकिन उससे ठीक पहले 15 जून को उसपर हमला किया गया और अब वह शायद कभी भी कबड्डी नहीं खेल पाएगा.’
जोधन पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार, दलवीर अपने दोस्त गुरप्रीत सिंह के साथ 15 जून की रात को अपने गांव लौट रहे थे, जब उनके प्रतिद्वंद्वियों के एक समूह ने उसे मारने के लिए पीछे से अपने टाटा इंडिका विस्टा वाहन को उनकी बाइक में टक्कर मार दी. इसके बाद बाइक नाले में गिर गई और दलवीर का सिर कंक्रीट की दीवार और लोहे के एंगल से टकरा गया और उसके पैर भी कुचल गए. पुलिस ने कुलविंदर सिंह, हरविंदर सिंह, मनीष बागर और दो अज्ञात व्यक्तियों पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
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