एक्ट्रेस काजोल ने 1992 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘बेखुदी’ से बॉलीवुड में कदम रखा था. उनके साथ ही एक्टर कमल सदाना ने फिल्मी पर्दे पर कदम रखा था. 1993 में आई दिव्या भारती ( Divya Bharti ) के साथ फिल्म ‘रंग’ ने कमल को बड़ी पहचान दी. हांलाकि ‘रंग’ की सफलता को कमल कभी दोहरा नहीं पाए. आज भी फिल्म ‘रंग’ का गाना ‘तुझे ना देखूं तो चैन’ आज भी अक्सर देखने और सुनने को मिल जाता है.
काजोल के थप्पड़ से तरबूज की तरह लाल हो गए थे एक्टर
कमल ने बताया था, मुझे याद है जब ‘बेखुदी’ के एक सीन में काजोल ने मुझे मारा था. दरअसल, सीन यह था कि मैंने काजोल के भाई को मारा था और इस बात से नाराज काजोल को मुझे मारना होता है. अनफॉर्च्युनेटली, डायरेक्टर ने इस सीन के लिए 10 रीटेक्स लिए और काजोल के थप्पड़ खा-खाकर मेरा चेहरा तरबूज की तरह लाल हो गया था.
जन्मदिन पर तबाह हो गए कमल सदाना की जिंदगी
21 अक्तूबर 1970 को जन्मे इस अभिनेता की जिंदगी उसके 20वें जन्मदिन पर तबाह हो गई. 21 अक्टूबर, 1990 के दिन जब कमल अपना 20 वां जन्मदिन सेलिब्रेट करने की तैयारी में जुटे थे और बेहद खुश थे तो एक घटना ने उन्हें ज़िंदगी भर का सदमा दे दिया. उनके पिता ब्रिज सदाना ने उनकी आंखों के सामने उनकी मां सुधा सदाना (असल नाम सईदा खान) और बहन नम्रता सदाना की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. इस पूरे घटनाक्रम को देख कमल डीप डिप्रेशन में चले गए थे और वह सालों तक इस गम से निकल नहीं पाए.
https://www.instagram.com/p/CKTkba1JOpm/इसलिए कमल के पिता ने खत्म कर दी
मीडिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ था कि ब्रिज सदाना की अपनी पत्नी से नहीं बनती थी और आए दिन उनके झगड़े होते थे इसलिए एक दिन गुस्से में उन्होंने अपने पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया था. कमल के पिता बृज सदाना भी बॉलीवुड के नामी प्रोड्यूसर-डायरेक्टर रहे थे. उन्होने ‘विक्टोरिया नंबर 203’, ‘यकीन’ और ‘प्रोफ़ेसर प्यारेलाल’ जैसी हिट फिल्में बनाई थी.
इस फिल्म को डायरेक्ट किया कमल ने
2014 में कमल ने फिल्म रोर्स: द टाइगर ऑफ़ सुंदरबंस लिखी और डायरेक्ट की थी. वह कुछ टीवी सीरियलों में ही नज़र आ चुके हैं.