Chaitra Kalashtami 2022: कालाष्टमी हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी (Ashtami) के दिन मनाई जाती है. प्रत्येक माह में आने के कारण यह त्यौहार एक वर्ष में कुल 12 बार, तथा अधिक मास की स्थिति में 13 बार मनाया जाता है. काल भैरव को पूजे जाने के कारण इसे काल भैरव अष्टमी अथवा भैरव अष्टमी भी कहा जाता है. इस बार कालाष्टमी 25 मार्च यानी आज है. इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है. काल भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं. इन्हें तंत्र-मंत्र का देवता भी माना जाता है.
इस महीने की कालाष्टमी (Chaitra Kalashtami 2022) और शीतला अष्टमी एक ही दिन पर है. इस चलते अष्टमी का समय रात 10:04 मिनट तक बताया जा रहा है. वहीं, रात 1 बजकर 47 मिनट तक वरीयान योग और 4 बजकर 7 मिनट तक मूल नक्षत्र रहेगा.
ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी (Chaitra Kalashtami 2022) के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से सभी तरह के भय से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है साथ ही भैरव भगवान की कृपा से शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है.
कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें.
उसके बाद भगवान भैरव की पूजा- अर्चना करें.
इस दिन भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की भी विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए.
फिर घर के मंदिर में दीपक जलाएं आरती करें और भगवान को भोग भी लगाएं.
इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है.
कालाष्टमी व्रत बहुत फलदायी माना जाता है. पूरी श्रद्धा से भगवान भैरव की आराधना करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. हर कार्य में सफलता और सुख, शांति की प्राप्ति होती है. भगवान भैरव की उपासना से भय से मुक्ति मिलती है. शत्रुओं से छुटकारा मिलता है. इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती और भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना अवश्य करें.